अनुज हत्याकांड में प्रशासन विफल-पीड़ित परिवार ने किया पलायन
17 सितम्बर को मोरना के दवा कारोबारी अनुज कर्णवाल की शाम के समय सरेआम ही घर में घुसकर गोलियों से भूनकर तीन बदमाशों ने नृशंस हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही भयभीत पीड़ित परिवार में जिला पुलिस प्रशासन विश्वास जगाने में नाकाम साबित हुआ। पुलिस का बदमाशों के सामने फेलियर मोरना से पीड़ित परिवार के पलायन का कारण बना है। अब देखना है कि जनप्रतिनिधि इस पलायन को लेकर किये गये अपने वादे पर कायम रहते हैं, या खामोशी की चादर ओढ़कर वह कई अन्य परिवारों का भय की बस्ती से पलायन का इंतजार करते हैं।
मुजफ्फरनगर। मोरना में दवा कारोबारी अनुज कर्णवाल की हत्या के बाद जिला पुलिस प्रशासन का एक और बड़ा फेलियर मंगलवार को सामने आया। बदमाशों के घर में घुसकर वार करने के बाद पुलिस की लगातार विफलता से भयभीत अनुज के परिवार ने मोरना से पलायन कर लिया है। उनके घर पर आज ताला लटका हुआ है और पिता के लिए इंसाफ मांगती बेटियों को बदमाशों के भय से जीवन बचाने के लिए अंजान जगह पर छिपने के लिए विवश होना पड़ा है। हालांकि परिवार की सुरक्षा को लेकर खुद एसएसपी अभिषेक यादव ने पूरी मदद का भरोसा दिया था, दो मंत्रियों और पूरे विपक्ष ने भी इस परिवार के घर पहुंचकर साथ खड़े रहने का भरोसा जगाया था, लेकिन अपनी ही आंखों के सामने घर की दहलीज पर पिता को गोलियों से छलनी होेते देखने वाली बेटियों के लिए भरोसे से ज्यादा भय ने असर दिखाया और वह इंसाफ की आस को छोड़कर सार्वजनिक रूप से पर्दा कर गयी।
17 सितम्बर 2020 गुरूवार की शाम भोपा थाना क्षेत्र के गांव मोरना में कर्णवाल मेडिकल स्टोर चलाने वाले 42 वषी्रय दवा कारोबारी अनुज कर्णवाल उर्फ बबला जब अपनी दुकान से घर जा रहे थे तो घर की दहलीज पर ही तीन हथियारबंद बदमाशों ने ताबडतोड़ फायरिंग करते हुए अनुज को मौत की गहरी नींद सुला दिया। इस हत्याकांड से सियासी बवंडर खड़ा हेा गया। राज्य सरकार के मंत्री कपिल देव, केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, सपा नेता, रालोद नेता और बसपा के नेताओं के साथ ही सत्तासीन भाजपा के नेताओं के साथ ही दवा व्यापारियों ने अनुज की हत्या को लेकर पीड़ित परिवार के पास पहुंचकर उनको हर मदद का भरोसा दिलाया। एसएसपी अभिषेक यादव ने हत्या के अगले दिन ही सामने आकर तीनों बदमाशों की पहचान होने का दावा किया और वादा किया था कि जल्द ही ये हत्यारोपी बदमाश पुलिस की गिरफ्त में होंगे, लेकिन एसएसपी अभिषेक यादव की चालाक चतुर पुलिस अनुज हत्याकांड में बैकफुट पर बनी नजर आ रही है। पुलिस को कर्तव्य निष्ठा याद दिलाने के लिए एसएसपी अभिषेक यादव ने सोमवार देर रात कई थाना क्षेत्रों का औचक निरीक्षण भी किया, और वादा करते रहे कि पुलिस अनुज के हत्यारों को जल्द ही पकड़ लेेगी। अनुज की हत्या के चलते परिवार तो भयभीत था ही, मोरना के कई व्यापारी भी दहशत में जी रहे हैं। इनके द्वारा पलायन का संदेश देकर योगीराज में गुण्डाराज की ओर इशारा करने का काम किया गया, लेकिन पुलिस प्रशासन फिर भी सोता रहा।
इसका नतीजा यह हुआ कि अनुज की हत्या के पांचवें दिन आज मंगलवार को अनुज के परिवार को अपना घर और गांव छोड़कर अंजान शहर जाना पड़ा। आज अनुज के परिवार का पलायन होने से हड़कम्प मच गया। अनुज की दो बेटियां अंजलि और नन्दिनी अपनी माता अंजिता और एक भाई जोकि मुकदमा में वादी भी है, के साथ घर पर ताला लगाकार पलायन कर गयी। अनुज का दूसरा बेटा जगमोहन काफभ् समय से मोरना से बाहर ही रह रहा है। घर के बाहर ही अनुज का मेडिकल स्टोर है। इन बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए सत्ता और विपक्ष के साथ ही अन्य लोगों ने आवाज उठाकर आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन अब परिवार ने ही खौफ की खान बन रहे मुजफ्फरनगर में आम आदमी की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल सरकार के सामने खड़ा किया है। अनुज के परिवार के मोरना से पलायन के बाद वहां पर कर्णवाल बिरादरी का भी नाता टूट गया। मोरना में अनुज का ही एक परिवार ऐसा शेष बचा था, तो कर्णवाल बिरादरी से ताल्लुक रखता है। इससे समाज में भी रोष है। पुलिस और प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधि भी खामोश हैं। जबकि एक जनप्रतिनिधि ने मीडिया के सामने यह दावा किया था कि यदि मोरना से किसी का भी पलायन हुआ तो पुलिस अफसरों को भी यहां से पलायन करा दिया जायेगा, क्योंकि ऐसी स्थिति में उनकी यहां कोई जरूरत शेष नहीं रह जायेगी। अब देखना यह है कि अनुज कर्णवाल के परिवार का पलायन क्या नये नजारे पेश करता है।