मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर की स्वच्छता के लिए दिल्ली की कंपनी को दिये गये डोर टू डोर कूड़ा कलैक्शन के ठेके के विरोध में वाल्मीकि समाज की महापंचायत शनिवार को पुलिस प्रशासन की सख्ती और किलेबंदी के कारण विफल हो गई। बाद में वाल्मीकि समाज की समस्याओं को लेकर सफाई कर्मचारी संघ की ओर से जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन देकर इस प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया।
बता दें कि दिल्ली की कंपनी ने शहर के 55 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलैक्शन का काम शुरू किया गया। पालिका प्रशासन ने 14 महीनों के लिए इस कंपनी को ठेका दिया है। इसके लिए पालिका कंपनी को करीब 90 लाख रुपये प्रतिमाह का भुगतान करेगी। कंपनी के आने के कारण वार्डों में घरों से निजी कर्मचारी के रूप में कूड़ा उठाने वाले वाल्मीकि समाज के लोगों के द्वारा उनका रोजगार छीने जाने का आरोप लगाते हुए विरोध किया जा रहा है। इसको लेकर वाल्मीकि समाज के नेता गुरू गौहर वाल्मीकि ने शनिवार को टाउनहाल में वाल्मीकि समाज की महापंचायत बुलाई गई थी। इसको पालिका के सफाई कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया था।
वाल्मीकि महापंचायत की खबर पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आया। शनिवार को सवेरे से ही पुलिस फोर्स के सहारे टाउनहाल मैदान की घेराबंदी कर ली गई थी। मुख्य द्वार पर दो मेटल डिटेक्टर लगाकर दोरागाओं को तैनात किया गया था। इसके साथ ही टाउनहाल मैदान पर पुरुष और महिला पुलिसकर्मी भी भारी संख्या में तैनात कर दिये गये। वही खूफिया विभाग के कर्मचारी भी टाउनहाल में मुस्तैद नजर आये, जो वाल्मीकि समाज के नेताओं से लगातार सम्पर्क में रहे। पुलिस फोर्स की सतर्कता और किलेबंदी के कारण वाल्मीकि महापंचायत पूरी तरह से विफल हो गयी। दोपहर बाद तक भी यहां समाज के लोग ज्यादा संख्या में एकजुट नहीं हुए तो समाज के नेताओं ने टाउनहाल का कार्यक्रम स्थगित कर दिया और फिर कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पहुंचकर सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री मिलन बिडला, गुरू गौहर वाल्मीकि के नेतृत्व में डीएम के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सौंपा गया।
इसमें कहा गया है कि कंपनी को चलाने के लिए समाज सशर्त सहयोग करने को तैयार है। मांग की गयी है कि कंपनी द्वारा नये सिरे से कर्मचारियों की भर्ती बिना सिक्योरिटी के की जाये। कंपनी किसी कर्मचारी का वेतन या पैसा लेकर नहीं भागेगी, इसकी गारंटी दी जाये, कंपनी की नियुक्ति प्रक्रिया में यूनियन का पूर्ण हस्तक्षेप रहेगा, कंपनी में कार्यरत कर्मियों का वेतन सम्मानजनक तय किया जाये, इसमें वाहन चालक के लिए 24 हजार, सुपरवाइजर 25 हजार, सफाई कर्मी के लिए 22500 रुपये निर्धारित किया जाये। केवल वाल्मीकि समाज से ही कर्मचारी रखे जायें। कंपनी के साथ पालिका का अनुबंध सार्वजनिक किया जाये, कंपनी के साथ जुड़े कर्मियों का दुर्घटना बीमा कराया जाये, चार दिन का अवकाश, दुर्घटना होने पर कर्मचारी से वसूली का नियम बदलने, आश्रितों को नौकरी की सुविधा, महिलाओं को रोजगार की मांग की गयी हैं। चेतावनी दी गई कि यदि मांग नहीं मानी गई तो वाल्मीकि समाज और संघ कंपनी का विरोध करता रहेगा। इस दौरान मिलन बिडला, नरेश नन्दन वाल्मीकि, गुरू गौहर वाल्मीकि, शुमभ कुमार, सुमित बिडला, सुगनपाल, प्रभात, मोनू, बबलू, दिलीप चंदेल, रूपिन कुमार, किरण, महेन्द्र सिंह, राजकुमार, लक्ष्मी, राजकुमारी, सुमन आदि मौजूद रहे।





