लखनऊ। सीतापुर जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और एक हेडमास्टर के बीच हुए विवाद ने बड़ा मोड़ ले लिया है। बेल्ट से पिटाई के इस चर्चित मामले में शासन ने कार्रवाई करते हुए बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। वहीं, जेल भेजे गए प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार वर्मा के समर्थन में ग्रामीण, बच्चे और अभिभावक खुलकर सामने आ गए हैं। लोगों ने स्कूल में ताला डाल दिया और हेडमास्टर की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
जांच में बीएसए दोषी, शिक्षिका पहले ही निलंबित
इस विवाद से जुड़ी जांच रिपोर्ट में बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इससे पहले इस केस से जुड़ी शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को भी निलंबित किया गया था। अवंतिका और बीएसए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और गरमाया। उधर, बीएसए को कार्यालय में पीटने वाले हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
विवाद की असली वजह
सूत्रों का कहना है कि बीएसए, प्रधानाध्यापक से संबंधित शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की फर्जी हाजिरी लगाने का दबाव बना रहे थे, जिसका हेडमास्टर ने विरोध किया। इसी बात पर टकराव हुआ और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई।
कैसे भड़का विवाद?
घटना 23 सितंबर को हुई। हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा, अपने खिलाफ दर्ज शिकायत पर सफाई देने बीएसए दफ्तर पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि उनकी दलील बीएसए को पसंद नहीं आई और दोनों में बहस शुरू हो गई। विवाद बढ़ते ही हेडमास्टर ने गुस्से में फाइल पटक दी और फिर बेल्ट निकालकर बीएसए पर हमला कर दिया। महज छह सेकेंड में उन्होंने बीएसए को पांच बार बेल्ट से मारा।
ग्रामीणों का समर्थन और विरोध प्रदर्शन
इस मारपीट के बाद पुलिस ने हेडमास्टर को कोर्ट में पेश किया और वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि, उनके निलंबन के खिलाफ गांव के बच्चे और अभिभावक विरोध पर उतर आए। ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़ दिया और छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। उनकी मांग है कि हेडमास्टर को तुरंत जेल से रिहा किया जाए।