राज्य कर विभाग की लंबी जांच में उजागर हुआ संगठित गिरोह, बिहार, पंजाब सहित चार राज्यों से चल रही थी फर्जी कंपनियां, व्यापारी संगठनों की मिलीभगत
मुजफ्फरनगर। जनपद में जीएसटी चोरी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। सहायक आयुक्त राज्य कर नितिन कुमार की तहरीर पर चार कंपनियों और सात वाहन चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि एक संगठित गिरोह के माध्यम से विभिन्न राज्यों से फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी की जा रही थी।
सीजीएसटी अंबाला डिवीजन द्वारा अगस्त माह में की गई छापेमारी में इन कंपनियों की पोल खुली थी। जांच में सामने आया कि बिहार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फर्जी पते पर कंपनियां संचालित की जा रही थीं। इन कंपनियों के माध्यम से स्क्रैप के नाम पर बड़े पैमाने पर बिलिंग कर टैक्स चोरी की जा रही थी।
सितंबर माह में राज्य कर विभाग की टीम ने चेकिंग के दौरान सात स्क्रैप से भरे वाहनों को पकड़ा था। जांच में पाया गया कि वाहनों के दस्तावेज फर्जी थे और संबंधित कंपनियों के पते अस्तित्वहीन पाए गए। विभाग ने लंबी जांच के बाद यह मामला पूरी तरह संगठित कर चोरी के गिरोह से जुड़ा पाया। सहायक आयुक्त राज्य कर नितिन कुमार ने बताया कि विस्तृत जांच में यह सामने आया कि कुछ व्यापारी और व्यापारी संगठन भी इस अवैध गतिविधि से जुड़े हो सकते हैं। विभाग ने ऐसे कई नामों पर नजर रखी हुई है और आगे की कार्रवाई की संभावना जताई है।
विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि इस कर चोरी में स्थानीय स्तर पर कुछ संगठनों की मिलीभगत हो सकती है। इस पहलू पर भी जांच जारी है। विभाग ने कहा है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और जीएसटी चोरी से जुड़ी हर परत को उजागर किया जाएगा। राज्य कर विभाग की इस कार्रवाई से व्यापारिक जगत में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी अब इस गिरोह के नेटवर्क को तोड़ने और इससे जुड़े अन्य व्यक्तियों की तलाश में जुट गए हैं।






