नई दिल्ली। चीन से चल रहे सीमा विवाद में जहा एक तरफ सैन्य मोर्चे चल रहा है वही अब भारत सरकार आर्थिक मोर्चा पर भी सक्रिय होती दिखाई दे रही है। सरकार कर ने पहले ही मोबाइल एप्लीकेशन की एक सूची जारी कर उनको भारत में बंद करदिया है। ठीक उसी प्रकार अब सरकार चीन से आने वाले सामान पर प्रतिबन्ध लगाने की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार कई तरह के सामान को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया है और अब कई चीजों पर आयात शुल्क (import duty) बढ़ाने की तैयारी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि खासकर स्मॉल इंडस्ट्रीज में घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत को उन सेक्टरों में आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार करना होगा जिनमें हमारी आयात पर अत्यधिक निर्भरता है।
गडकरी ने सीआईआई के कार्यक्रम में कहा, 'शायद आपको यह अच्छा नहीं लगे, लेकिन कुछ मामलों में हमें आयात शुल्क बढ़ाना ही होगा। जब तक हम चीन की तरह उत्पादन नहीं बढाएंगे तब तक हमारी लागत कम नहीं होगी। उत्पादन बढ़ाने के लिए हमे भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ावा देना होगा, जिसके के हमें ड्यूटी बढ़ानी होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमे उन उत्पादों की पहचान करनी चाहिए जिनका आयात किया जा रहा है। और उन उत्पादनो में आरही बाधाओं को सुधारना होगा। उन्होंने ने स्वदेशी विकल्प तलाशने को भी कहा । और कहा की विश्व शक्ति बनाने के लिए स्वदेशी सामान का उत्पादन आवश्यक है। गडकरी ने उद्योग से आग्रह किया कि वे महानगरों और विकसित शहरों से परे ग्रामीण, दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों में उद्यमों का एक नेटवर्क बिछाने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, 'मुझे इससे दुख होता है कि उद्योग निकायों का 90 प्रतिशत ध्यान बड़े शहरों और महानगरों में प्रमुख उद्योगों पर है। उन्होंने कहा की ग्रामीण क्षेत्रों का भी विकास जरुरी है।