इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इमरान खान सरकार का पतन तय है.
इमरान खान अभी भी अपनी सरकार बचाने के लिए जरूरी 172 सांसदों का समर्थन जुगाड़ नहीं कर सकें हैं. हालांकि गुरुवार राम को उन्होंने पाकिस्तान को संबोधित करते हुए कहा था कि जो उन्हें इस्तीफा देने की सलाह दे रहे हैं उन्हें जानना चाहिए कि वे क्रिकेटर रहे हैं और आखिरी बॉल तक खेलते हैं.
यानी कि इमरान खान इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं. इस बीच इस घटनाक्रम में पाकिस्तान की सेना का रोल अहम हो गया है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में इस्लामाबाद से लेकर कराची तक यही चर्चा है कि पाक सेना ने इमरान खान को तीन विकल्प दिए हैं. सूत्रों के अनुसार इमरान के सामने पहला विकल्प ये है कि वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दें, दूसरा विकल्प ये है कि वे जल्द चुनाव का ऐलान करते हुए संसद को भंग कर दें, तीसरा विकल्प ये है कि वे संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करें और इसके नतीजे को स्वीकार करें.
हालांकि सैन्य अधिकारियों के अनुसार उन्होंने पाकिस्तान के विपक्ष की ओर से इमरान खान को ऐसा कोई विकल्प नहीं दिया था. सेना के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने ही सैन्य अधिकारियों को फोन किया था और राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए मीटिंग फिक्स करने को कहा था.
इसी सिलसिले में बुधवार को इमरान खान ने पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के डीजी से मुलाकात की थी. ये मुलाकात सरकार के अनुरोध पर हुई थी.
इसी मीटिंग के दौरान सरकार और सैन्य अफसरों के बीच इस कथित तीन विकल्पों पर चर्चा हुई. माना जाता है कि इस मीटिंग में इमरान खान पाकिस्तान संसद को भंग कर चुनाव कराने पर सहमत हुए थे. इमरान ने तब कहा था कि यही सबसे अच्छा विकल्प है.
सू्त्र के अनुसार मीटिंग के बाद सेना के जनरल और आईएसआई डीजी पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं से मिले और 3 विकल्पों की चर्चा को विपक्ष को बताया. लेकिन विपक्ष ने इन विकल्पों को मानने से इनकार कर दिया. विपक्ष संसद को भंग करने के प्रस्ताव पर भी राजी नहीं था.