मुजफ्फरनगर में नोडल अफसर इंद्रमणि ने पकड़ी गड़बड़ी, कमिश्नर ने नगरपालिका ईओ को दी ये बड़ी चेतावनी
जिले में कोरोना पाजिटिव और उनके परिवार रामभरोसे हैं, नोडल अधिकारी ने होम आइसोलेट लोगों से जाना हाल तो प्रशासनिक दावों की पोल खुली, सहारनपुर मंडल कमिश्नर ने पालिका के ईओे के खिलाफ कार्यवाही के दिये निर्देश, मचा हड़कम्प
मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना संक्रमण कितना भयावह है, यह रोजाना कोरोना पाजिटिव लोगों की मौत की खबरों से समझा जा सकता है, लेकिन इसके बाद भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम का काम सुबह और शाम की बैठकों तक ही सीमित रह गया है। डोर टू डोर सर्वे, हाॅट स्पाट और कंटेनमेंट जोन में सख्ती तथा व्यवस्था की बातें भी केवल प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के ट्विटर अकाउंट के एक ट्वीट की कहानी मात्र बनकर रह गयी है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यहां पर कोरोना संक्रमण के लिए प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे शासन के नोडल अधिकारी विशेष सचिव नगर विकास डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी की पड़ताल में सामने आया है।
जनपद में आलम यह है कि कोरोना पाजिटिव लोगों को बिना नियम कायदे ही उनके परिवार के बीच ही होम आइसोलेट करने को विवश किया जा रहा है और इसके बाद गजब यह कि इन कोरोना पाजिटिव लोगों के घर, पडौस और गलियों को सैनिटाइज नहीं किया जा रहा है और ना ही अन्य सुविधा उनको मिल पा रही है। नोडल अधिकारी की रिपोर्ट पर सहारनपुर मंडल के आयुक्त ने पालिका के ईओ के खिलाफ महामारी अधिनियम में कार्यवाही करने के आदेश जारी किये तो हड़कम्प मच गया।
सूत्रों के अनुसार शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी विशेष सचिव नगर विकास विभाग डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा यहां तीन दिनों से स्टे करते हुए कोरोना संक्रमण को रोकने और कोरोना पाजिटिव मरीजों की देखरेख तथा उपचार व अन्य व्यवस्थाओं में शासन के दिशा निर्देशों के पालन को लेकर गहनता से जांच पड़ताल की। इसमें बड़ी गड़बड़ी और लापरवाही सामने आयी है। जिला स्तर पर प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का कोरा चिट्ठा ही खुल गया। जिले में प्रशासन द्वारा कोरोना पाजिटिव लोगों और उनके परिवार के साथ ही आस पडौस के निवासियों को राम भरोसे छोड़ा जा रहा है। नोडल अधिकारी आईएएस डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जनपद में हाट स्पाट एरिया में होम आईसोलेट किये गये व्यक्तियों का निरीक्षण कर उनसे प्रशासनिक स्तर पर उनके उपचार और अन्य सुविधा के लिए की गयी व्यवस्था के स्थिति जानने के लिए वार्ता की गयी।
इसी निरीक्षण ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सभी दावों की पोल खोलकर रख दी। नोडल अधिकारी डा. त्रिपाठी को अधिकांश कोरोना पाजिटिव लोगों द्वारा उनको यह बताया गया कि उनके घरों के आसपास के मकानों में सैनिटाइजेशन नहीं कराया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि नोडल अधिकारी ने इस संबंध में रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी। शासन से इसको गंभीरता से लेते हुए आयुक्त सहारनपुर मण्डल को कार्यवाही के निर्देश दिये गये। सूत्रों के अनुसार आयुक्त संजय कुमार द्वारा इस मामले में नगरपालिका परिषद् को सैनिटाइज नहीं कराने के आरोप में प्रथम दृष्टया दोषी मानकर पालिका के अधिशासी अधिकारी/नगर स्वास्थ्य अधिकारी के विरु( डिजास्टर मेनेजमेन्ट एक्ट एवं एपिडेपिक एक्ट के अन्र्तगत कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। इसके बाद पाालिका प्रशासन में हड़कम्प मच गया है। पालिका के कार्यवाहक ईओ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी ने बताया कि पालिका प्रशासन की ओर से लगातार सैनिटाइज कराया जा रहा है। नोडल अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार कुछ क्षेत्रों में सैनिटाइज नहीं कराने की शिकायत लोगों ने की है। उसको भी दूर कराने के लिए टीमों को लगाया गया है। शहर में कहीं पर भी पालिका प्रशासन के स्तर पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लापरवाही नहीं बरती जा रही है।