आपसी भाईचारा व सांप्रदायिक सौहार्द कायम करने में दारुल उलूम का बहुत बड़ा योगदान: मनीष चौधरी

भाईचारा बढाने के लिए दारूल उलूम पहुंचे प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी का हुआ जोरदार स्वागत

Update: 2023-02-09 07:43 GMT

मुजफ्फरनगर। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के साथ ही इंसानियत का परिचय देते हुए जनपद के प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी आज अपनी टीम के साथ देवबंद स्थित दारूल उलूम पहुंचे, जहां नायब मोहतमिम दारूल उलूम वक्फ मौलाना शाकेब कासमी और अन्य धर्मगुरूओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर समाजसेवी टीम ने दारूल उलूम का निरीक्षण कर वहां बच्चों को दी जा रही शिक्षा का अवलोकन किया।

मौहम्मद सोबान नम्बर के साथ दारूल उलूम पहुंचे प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी और उनकी टीम का दारूल उलूम वक्फ के नायब मोहतमिम मौलाना शाकेब कासमी और अन्य मौलानाओं तथा धर्मगुरूओं ने जोरदार स्वागत किया। इसके पश्चात मनीष चौधरी ने विगत 9 जनवरी को दिवंगत हुए दारूल उलूम के मौलाना मौहम्मद बिलाल को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मनीष चौधरी ने कहा कि मौलाना बिलाल और उनकी पीढी हमेशा से ही दारूल उलूम फाउंडेशन से जुडी रही है। इसके बाद मनीष चौधरी और उनकी टीम ने दारूल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना शाकेब कासमी और अन्य धर्मगुरूओं के साथ दारूल उलूम का निरीक्षण किया तथा वहां बच्चों को दी जा रही शिक्षा के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान लाईब्रेरी और नमाज स्थल का भी बारीकी से अवलोकन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने कहा कि हमें आज दारूल उलूम में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यहां का अवलोकन करने के बाद हमने महसूस किया है कि यहां केवल मजहबी और ज्ञान की शिक्षा दी जाती है। मनीष चौधरी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम हिन्दू-मुस्लिम एकता के साथ ही सभी धर्मों का सम्मान करते हुए आपस में भाईचारा बनाकर रखें, क्योंकि सभी धर्मों से बडी है इंसानियत, इसलिए हमें इंसान बनकर सभी धर्मां का सम्मान करना है, तभी हमारे बीच पैदा की जा रही खाई को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज उच्च पदों पर बैठे लोग कभी रामचरित मानस तो कभी अन्य धार्मिक ग्रंथों को लेकर विवादों को जन्म देने का प्रयास कर रहे हैं, हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए, ताकि समाज में भाईचारा कायम रह सके। मनीष चौधरी ने कहा कि हम किसी राजनीतिक दल से जुडे हुए नहीं हैं, हम केवल समाजसेवी हैं और यही कारण है कि हम भाईचारा बनाये रखने के लिये लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देवबंद की धरती से जो संदेश देने का प्रयास हमने किया है, वह एक न एक दिन अवश्य रंग लायेगा और हम सभी को साथ लेकर चलने में अवश्य कामयाग होंगे। इस अवसर पर मौलाना कमाल असगर, फैजुर रहमान, सोबान नम्बरदार, जफर सिद्दीकी, हाफिज फारूख, मौलाना जैद, मौलाना उसामा व बिलाल खान आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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