किसान मसीहा बाबा टिकैत को किया याद
जीत-हार के बाद सिसौली के किसान भवन पर पहुंचे गौरव और राकेश ने दी महेन्द्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि, केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने समाधि पर किया नमन, कहा-बाबा ने किसान हित में सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया
मुजफ्फरनगर। किसानों की लड़ाई को दिल्ली से लखनऊ तक उठाकर सत्ता को हिलाकर रख देने की ताकत रखने के बावजूद भी एक साधारण किसान और ग्रामीण का जीवन जीने वाले भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय महेन्द्र सिंह टिकैत को आज उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर किसानों और ग्रामीणों के साथ ही राजनीतिक नेताओं ने भी जमकर याद किया। जिलेभर में किसान मसीहा बाबा टिकैत को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ तो भाकियू की राजधानी से विख्यात सिसौली में किसान भवन में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यहां पर केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने पहुंचकर उनकी समाधि पर नमन किया तो वहीं मुजफ्फरनगर पालिका की चुनावी जंग जीतने वाले गौरव स्वरूप और उनके सामने लड़ने वाले राकेश शर्मा ने भी पहुंचकर बाबा टिकैत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि 12 मई 2011 को भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत का बीमारी के कारण उपचार के दौरान निधन हो गया था। बाबा टिकैत ने पूरा जीवन किसानों के हितों को लेकर संघर्ष में ही लगा दिया। आठ साल की आयु में बालियान खाप के चौधरी बने महेन्द्र सिंह टिकैत ने करमूखेडी आंदोलन के बाद किसानों को एक बिरादरी के रूप में एकजुट किया और दिल्ली की सत्ता तक को हिलाने का काम कई बार किया। आज उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर सिसौली के किसान भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें राजनेताओं के साथ यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं तथा किसानों ने पहुंचकर किसान मसीहा के संघर्ष को याद किया और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने भी समर्थकों के साथ किसान भवन में पहुंचकर भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत से मुलाकात की और फिर बाबा टिकैत की समाधि पर पहुंचकर पुष्प अर्पित करते हुए उनको नमन कर याद किया। मंत्री संजीव बालियान ने अपने संदेश में कहा कि किसानों के अधिकारों एवं हितों की रक्षा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले किसान हितैषी एवं हम सब के आदर्श बाबा महेंद्र सिंह टिकैत का जीवन प्ररेणादायी है। उनके आदर्श को अपनाकर ही हमारी सरकार भी काम कर रही है और देश के साथ ही प्रदेश के किसानों के हितों को लेकर अनेक योजना और कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो आज यहां पर उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने आये हैं।
इसके साथ ही भाजपा नेता उद्यमी गौरव स्वरूप ने नगरपालिका का चुनाव जीतने के बाद आज किसान भवन सिसौली में पहुंचकर किसान मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत एवं बलजोरी टिकैत की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर में पालिका चुनाव में अपनी पत्नी को सपा के टिकट पर मैदान में उतारने वाले राकेश शर्मा ने भी समर्थकों के साथ सिसौली पहुंचकर बाबा टिकैत को श्रद्धासुमन अर्पित किये और नरेश टिकैत से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बाबा टिकैत ने किसानों को पूरा जीवन ही दे दिया। इस अवसर पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने भी सोशल मीडिया पर अपने संदेश में कहा कि किसान मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के दिल में बसते हैं। किसानों के लिए उनका संघर्ष मिसाल है। आज उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के किसानों और अन्य लोगों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब टिकैत युवावस्था में थे तो मां मुखत्यारी देवी ने अपने इस बेटे को पुलिस में दरोगा बनाने का सपना संजोया था, लेकिन टिकैत समाज और किसान बिरादरी की जिम्मेदारी में ऐसे उलझे कि पुलिस सेवा में नहीं गए। वक्त बदला तो वह भाकियू के अध्यक्ष बनें और दुनियाभर में किसानों के लिए उनका संघर्ष उदाहरण बन गया। भाकियू के पूर्व में मीडिया प्रभारी रहे चौधरी शक्ति सिंह साथियों पीयूष पंवार, कुलदीप सिरोही, मोनू चौहान, मनोज ठाकुर, धर्म सिंह त्यागी, राज सिंह पाल सहित सिसौली पहुंचे और बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर बाबा टिकैत व दादी बलजोरी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और बताया कि बाबा टिकैत केवल टिकैत परिवार के ही मुखिया नहीं बल्कि समस्त किसान जाति के शिरोधार्य और पूजनीय हैं। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा किसान मसीहा महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्य तिथि पर किसान गोष्ठी आयोजित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर किसान मसीहा को नमन किया।
बता दें कि बाबा टिकैत की जीवन पर लिखी गई किताब चौधरी टिकैत में उनकी माता दिवंगत मुखत्यारी देवी ने अपने इस सपने का साझा किया था। पिता चौहल सिंह के निधन के बाद परिवार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा था। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने कक्षा सात तक की शिक्षा हासिल की, लेकिन पारिवारिक समस्याओं में पढ़ाई छोड़नी पड़ी। बाल्यावस्था में ही बालियान खाप के चौधरी बनाए गए और इसके बाद उन्हें भाकियू की जिम्मेदारी मिली। भाकियू ने आकार लेना शुरू किया तो पुलिस के साथ आए दिन कहीं न कहीं सामना होने लगा। चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत ने किसानों के लिए पुलिस की लाठियां तक झेलीं। उन्होंने अपनी मां की याद में सिसौली में मुखत्यारी देवी टिकैत डिग्री कॉलेज की नींव रखवाई। वह खुद पुलिस में नहीं जा सके, लेकिन अपने बेटे चौधरी राकेश टिकैत को उन्होंने जरूर पुलिस में भेजा था। पिता के निधन के बाद टिकैत का बचपन अपने चाचा कंवल सिंह की देखरेख में बीता। चाचा के हुक्के की चिलम भरते-भरते एक दिन टिकैत भी हुक्का पीने लग गए थे।