MUZAFFARNAGAR-70 घंटे बाद बहाल हुई बिजली, लोगों ने ली चैन की सांस

लोगों की नाराजगी के बाद आधी रात तक बिजली घर पर डटे रहे मंत्री कपिल देव और सांसद हरेन्द्र मलिक

Update: 2024-07-12 10:32 GMT

मुजफ्फरनगर। जिले के सबसे पॉश और महंगे इलाकों में 70 घंटे तक लोगों को बिना बिजली और पानी के रहने के लिए विवश होना पड़ा, कहने को इसके पीछे तकनीकी खामी रही, लेकिन इस तकनीकी खामी को विकराल समस्या बनाने में विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। बिजली आपूर्ति सुचारू करने के लिए लखनऊ से मुजफ्फरनगर तक हंगामा मचता रहा। लखनऊ के साथ ही गजरौला से विद्युत परिवर्तक मंगाया गया। इनको लगाने और आपूर्ति सुचारू करने में विद्युत विभाग के अफसरों को तीन दिन लग गये। इस दौरान नई मंडी जैसे पॉश इलाके से लोगों को अपने बीवी बच्चों का पलायन तक करा ना पड़ गया। लोगों ने रिश्तेदारों के यहां पर शरण लेनी पड़ी। गनीमत रही कि शुक्रवारी की सुबह करीब आठ कालोनियों के 12 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को नियमित रूप से बिजली की आपूर्ति हो गई। इससे पहले बीती रात्रि में लोगों के सब्र का बांध टूटा तो उन्होंने बिजलीघर की ओर रूख किया तो आधी रात में ही मंत्री कपिल देव और सांसद हरेन्द्र मलिक भी समर्थकों के साथ बिजली घर पर पहुंचे और दोनों ने बिजली अधिकारियों को जमकर हड़काया। सुबह चार बजे विद्युत आपूर्ति सुचारू हुई और चीफ इंजीनियर टीम के साथ सात बजे तक डटे रहे।

बता दें कि गत मंगलवार की सुबह मण्डी समिति बिजली घर में फाल्ट आ जाने के कारण नई मण्डी, भरतिया कालोनी, जानसठ रोड, कम्बलवाला बाग, पटेलनगर सहित करीब आठ कालोनियों में बत्ती गुल हो जाने से 12 हजार से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ी थी। बताया गया कि बिजली घर पर लगा 10 एमवीए का विद्युत ट्रांसफार्मर फुंक गया था। इसके लिए प्रदेश सरकार के मंत्री और नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल ने विशेष प्रयासों के चलते लखनऊ से ही 10 एमवीए का विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कराया और उसको बिजली घर पर लगाया गया, लेकिन इसके बावजूद भी आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पाई, क्योंकि बिजली घर पर एक नहीं बल्कि दो 10 एमवीए के विद्युत ट्रांसफार्मर फंुके, जिनको जांचने में विद्युत विभाग के अफसर और तकनीकी टीम परखने में विफल रही। इसके बाद गजरौला से दूसरा परिवर्तक मंगाया गया तो 33केवीए विद्युत लाइन में फाल्ट हो गया। जिसके कारण तीन दिनों से नई मण्डी पॉश इलाके में बिजली आपूर्ति ठप रहने के कारण लोगों को दयनीय स्थिति का सामना करना पड़ा। मंत्री कपिल देव अग्रवाल लगातार इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के सम्पर्क में रहे, लेकिन उनके प्रयासों को विद्युत विभाग की लापरवाही धूमिल करती रही।

बीती देर रात भी जब वादों और भरोसे के बावजूद विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई तो लोगों के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने रात्रि में ही बिजली घर पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर रात्रि करीब साढ़े 11 बजे मंत्री कपिल देव अग्रवाल भी बिजली घर पर पहुंच गये। उन्होंने वहां पर मौजूद चीफ इंजीनियर पवन अग्रवाल, एक्सईएन टाउनहाल डीसी शर्मा सहित अन्य विद्युत अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए कड़ी नाराजगी जताई और लताड़ लगाते हुए कहा कि यदि आपूर्ति जल्द ही बहाल नहीं हुई तो वो भी लोगों के साथ ही यहीं पर धरने पर बैठ जायेंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, बिजलीघर को फाल्ट के बाद सही ढंग से चैक नहीं किया गया है। इसी बीच सांसद हरेन्द्र मलिक और सपा के राष्ट्रीय सचिव राकेश शर्मा भी बिजलीघर पर पहुंचे। सांसद हरेन्द्र मलिक रात्रि करीब डेढ़ बजे तक लोगों के बीच रहे और उन्होंने विद्युत विभाग के अफसरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाते हुए व्यवस्था पर सवाल उठाए।

इस बीच चीफ इंजीनियर पवन अग्रवाल ने बताया कि रात्रि में ही दूसरे 10 एमवीए विद्युत ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया गया था, लेकिन लोड डालने पर ट्रांसफार्मर बार बार ट्रिप कर रहा था, जिसको सही करने में काफी समय लग गया। सवेरे करीब चार बजे बिजलीघर से पूरे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गयी थी। निगरानी के लिए वो स्वयं सात बजे तक बिजलीघर पर ही मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बिजलीघर पर तकनीकी टीम को अगले एक दो दिनों तक तैनात किया गया है, ताकि किसी विपरीत स्थिति से तत्काल ही निपटा जा सके। वहीं नई मण्डी जैसे पॉश इलाके के लोगों को 70 घंटे तक बिना बिजली और पानी के रहना पड़ा। इससे कई सवाल भी उठे हैं।

बिजली विभाग के अफसरों की लूट पर नजर, समस्या पर नहींः हरेन्द्र मलिक

मुजफ्फरनगर सांसद हरेन्द्र मलिक ने नई मंडी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की समस्या को लेकर विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए जांच और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की आवाज उठाई है। बीती रात बिजलीघर पर लोगों के बीच पहुंचे सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि करीब 70-72 घंटे बाद आपूर्ति मिली है। इस घटना ने विद्युत अधिकारियों की लापरवाही को साबित किया है। अफसर यहां पर विकल्प तलाशने में विफल रहे हैं। पहले यदि एक बिजलीघर फेल होता था तो दूसरे बिजली घर से वैकल्पिक स्तर पर बिजली की आपूर्ति कर दी जाती थी, लेकिन यहां पर ऐसा नहीं किया गया। विकल्प कुछ तलाशा नहीं गया तो लोगों को इस लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिले में बिजली अफसरों की निगाह समस्याओं पर नहीं केवल लूट खसोट में लगी है। सवेरे चार बजे से ही लोगों को लूटने के लिए अफसर निकल जाते हैं, लेकिन समस्याओं को नहीं देखते हैं। हम जनता के बीच पहले इसलिए नहीं आये कि हमारे आने से हालात खराब हो सकते थे। कुछ अप्रिय हो सकता था और समस्या और भी विकराल होने की संभावना थी, लेकिन हम लगातार अधिकारियों के सम्पर्क में बने रहे। उन्होंने इसे बिजली अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए, जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और जो भी दोषी हो उसके खिलाफ सरकार को कार्यवाही करनी भी चाहिए। भविष्य में ऐसे हालात न बने इस पर भी सरकार को काम करना चाहिए। 

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