तबादले को लेकर शिक्षकों को हाईकोर्ट का झटका

अच्छी बात यह है कि 2019-20 सत्र के लिए गैर जिले में ट्रांसफर के लिए सेवा काल की गणना 17 दिसंबर 2020 तक की जाएगी। इससे शिक्षिकाओं को तो लाभ होगा क्योंकि तबादले के लिए आॅनलाइन आवेदन 20 दिसंबर 2019 तक लिए गए थे।

Update: 2020-12-19 07:04 GMT

लखनऊ। अंतरजनपदीय तबादले का इंतजार कर रहे परिषदीय शिक्षकों को हाईकोर्ट से तगडा झटका लगा है। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में शिक्षकों का अंतर जनपदीय तबादला कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पिछड़े क्षेत्र में पांच साल की सेवा और महिला शिक्षिकाओं के स्थानान्तरण दो साल की सेवा पूरी करने पर ही किए जाएंगे। मूल शासनादेश में स्थानान्तरण के लिए शिक्षकों के लिए तीन वर्षव शिक्षिकाओं के लिए एक साल का नियम था।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने हाईकोर्ट के 3 नवंबर व 3 दिसंबर के आदेश और 15 दिसंबर के शासनादेश के क्रम में मूल आदेश में संशोधन की सूचना सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 17 दिसंबर को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी है। अच्छी बात यह है कि 2019-20 सत्र के लिए गैर जिले में ट्रांसफर के लिए सेवा काल की गणना 17 दिसंबर 2020 तक की जाएगी। इससे शिक्षिकाओं को तो लाभ होगा क्योंकि तबादले के लिए आॅनलाइन आवेदन 20 दिसंबर 2019 तक लिए गए थे। जिन्होंने एक साल सेवा पूरी होने पर आवेदन किया था उनके तो दो साल स्वतः पूरा हो गए लेकिन बड़ी संख्या में पुरुष शिक्षक मनचाहे जिले में स्थानान्तरण से वंचित हो जाएंगे। क्योंकि जिन पुरुष शिक्षकों ने तीन साल की सेवा पूरी होने पर आवेदन किया था उनका अभी चार साल ही हुआ है और संशोधित नियम के अनुसार अब उनका तबादला नहीं होगा। गौरतलब है कि अंतर जनपदीय तबादले के लिए 70838 और पारस्परिक ट्रांसफर के लिए 9641 शिक्षकों ने आवेदन किया था। शुक्रवार से दोबारा शुरू हुए आवेदन में शादी से पूर्व अंतर जनपदीय तबादले का लाभ ले चुकी शिक्षकाओं और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों से ही आवेदन लिए जा रहे हैं।

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