भाजपा के रामराज्य में हिन्दू परेशान, योगी बाबा का बिस्तर बंधवा देंगे अफसर!
क्रांतिसेना अध्यक्ष ललित मोहन ने व्यवस्था पर उठाये सवाल, कांवड़ सेवा शिविरों की अनुमति देने में अफसरों पर लगाया परेशान करने का आरोप, फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर कहा-अफसरों और जनप्रतिनिधियों का रवैया खराब, इससे तो सपा और बसपा की सरकार ही अच्छी थी
मुजफ्फरनगर। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान अब तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शिवभक्तों की सुरक्षा और व्यवस्था में जुटा जिला प्रशासन हो या फिर उनकी सेवा के लिए शिविरों का आयोजन करने वाले सेवादार, सभी ने अपने अपने स्तर पर कवायद की है, लेकिन इसी बीच करीब तीन दशक से श्रावण मास में शिवभक्तों की सेवा के लिए कांवड़ सेवा शिविर का आयोजन करने वाले हिन्दूवादी नेता ललित मोहन शर्मा ने जिले के अफसरों पर तानाशाही और हठधर्मी का आरोप लगाते हुए रामराज्य में हिन्दुओं की आस्था से हो रहे खिलवाड़ को लेकर अनेक सवाल उठाते हुए जिला प्रशासन को कठघरे में लाने का काम किया है। ललित मोहन ने शासन की व्यवस्था के प्रति भी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस रामराज्य से बेहतर तो सपा और बसपा का जमाना था, आज इन अफसरों के कारण यूपी से बाबा की सरकार का बिस्तर बंधना तय है।
शिवसेना के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं हिन्दूवादी संगठन क्रांतिसेना के अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट कर कांवड़ यात्रा के दौरान शासन और प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर अनेक सवाल उठाये है। उनकी यह पोस्ट चर्चा का केन्द्र बनी है। ललित मोहन ने अपनी इस पोस्ट में यूपी में हिन्दुओं की सरकार होने के बावजूद भी हिन्दुओं के उत्पीड़न और अफसरशाही को प्रमुखता के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक भगवान शिव के पर्व शिवरात्रि पर चार राज्यों में श्रावण मास में निकाले जाने वाली विश्व की सबसे बड़ी पैदल कांवड़ यात्रा श्रावण मास के प्रारम्भ से पूर्व ही शुरू हो चुकी है, लेकिन शिवभक्तों के लिए दिन रात बैठकों का दौर चलाकर चाक चौबंद व्यवस्था बनाने का दावा करने वाले शासन और प्रशासन के अधिकारी अपनी मस्ती में मस्त हैं। कहा कि ये अफसर और जिले के जनप्रतिनिधिों का रवैया ऐसा ही रहा तो ये लोग यूपी से योगी बाबा की सरकार का बिस्तरा बंधवाने में देर नहीं करेंगे। इनके रवैये से ऐसा ही लगता है कि इन्होंने ऐसा ही मन बना लिया है, क्योंकि ना तो शिवभक्तांे की सुरक्षा और ना हीं उनकी सुविधाओं के कोई विशेष इंतजाम इस बार जनपद में किये गए हैं।
हिन्दूवादी नेता ललित मोहन ने कहा कि कांवड़ यात्रा में गंगाजल लेकर जिले में आने वाले शिवभक्तो की सेवा के लिए जनता के सहयोग से लगने वाले कांवड़ सेवा शिविरों के आयोजन को जिला प्रशासन के अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिन कांवड़ शिविरो के आयोजन की अनुमति पूर्ववर्ती सपा और बसपा की सरकारों के समय मंे आयोजकों को घर बैठे हीं मिल जाया करती थी, उस अनुमति के लिए योगी बाबार की सरकार के रामराज्य में शिविर संचालकों को हासिल करना टेढ़ी खीर सा बन गया है। आरोप लगाया कि इस अनुमति के लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के घरों और दफ्तरों पर धक्के खाने पड़ रहे हैं, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों की मंशा नये नियम कायदे कानूनों का हवाला देकर कम से कम कांवड़ शिविर के आयोजन कराने की है। ललित मोहन शर्मा ने इसे हिन्दू समाज की आस्था और सेवाभाव से खिलवाड़ बताते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि शिविर की अनुमति के लिए प्रशासन के तुगलकी फरमान और नियम क़ानून ऐसे हैं, जैसे आयोजक कांवड़ सेवा शिविर का आयोजन नहीं कर रहे, बल्कि कोई सरकार विरोधी आंदोलन करने जा रहे हों, जबकि इसी रामराज्य मंे इन्ही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ईद के अवसर पर अनेक स्थानों पर पहली बार मेले आयोजित करने की अनुमति भी दी गई थी, जिसमें नियमों को ताक पर रखा गया और शिकायत भी हुई थी। ललित मोहन ने कहा कि यदि समय रहते सरकार के जनप्रतिनिधियों और शासन में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों ने इस और संज्ञान नहीं लिया तो योगी बाबा की सरकार का बिस्तर भी बंधना तय है।
इस पोस्ट के लिए ललित मोहन शर्मा से जब बात की गयी तो उन्होंने कहा कि सरकार हिन्दूवादी होने का ढोल पीट रही है, जबकि हिन्दुओं का उत्पीड़न चरम पर है। पूरी तरह से सिस्टम पर अफसरशाही हावी है। वो तीन दशक से ज्यादा समय से श्रावण मास के प्रारम्भ से शिवरात्रि तक हर साल कांवड़ सेवा शिविर का आयोजन करते आ रहे हैं। उनको अनुमति नहीं दी जा रही है। पिछले साल भी वो आवेदन कर थक गये थे, लेकिन अनुमति जारी नहीं की गई। नियम ऐसे बना दिये गये हैं, जो पूरे करने आयोजकों के लिए टेढी खीर ही हैं। वो हर साल आनन्द भवन स्थित शिव मंदिर परिसर में कांवड़ शिविर लगाते हैं, जो जिले का सबसे लम्बा शिविर रहता है। इस साल 21 जुलाई को वो शिविर का शुभारम्भ करने जा रहे हैं। इसमें विश्राम करने के साथ ही शिवभक्तों के लिए उपचार और नाश्ते एवं दिन रात के भोजन की व्यवस्था रहती है।