भाजपा मंत्रियों, सांसदों या विधायकों के परिजन नहीं लड सकेंगे पंचायत चुनाव

मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार और संगठन के बीच यह तय हुआ और सभी मंत्रियों को सीधे तौर पर यह कहा गया है कि अपने क्षेत्र में किसी के घर-परिवार का कोई सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगा न ही उसे टिकट दिया जाएगा।

Update: 2020-12-19 10:31 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच योगी सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए साफ कर दिया कि पंचायत चुनाव में अब भाजपा से किसी भी सांसद, विधायक या मंत्री के परिवार का कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेगा।

इसे लेकर मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार और संगठन के बीच यह तय हुआ और सभी मंत्रियों को सीधे तौर पर यह कहा गया है कि अपने क्षेत्र में किसी के घर-परिवार का कोई सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगा न ही उसे टिकट दिया जाएगा। बताया गया है कि चुनाव में परिवारवाद को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठन के साथ मिलकर यह फैसला किया है। बैठक में पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल, प्रभारी राधामोहन सहित सरकार के सभी मंत्री मौजूद थे। जिनमें सभी को कहा गया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाया जाएगा। मंत्रियों-सांसदों और विधायकों के परिवार के लोग टिकट की मांग नहीं करेंगे।

पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर हैं। परिसीमन, आरक्षण सूची और वोटर लिस्ट तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। ऐसे में अधिसूचना जारी होने से पहले चुनाव आयोग ने जिलाधिकारियों को पत्र भेज कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चुनाव आयोग और प्रशासनिक स्तर पर चल रही तैयारियों को देखकर संभावना जताई जा रही है कि फरवरी में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है और 31 मार्च से पहले चुनाव भी हो जाएंगे। चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किए हैं कि जिलाधिकारी पंचायत चुनाव को लेकर प्रभारी अफसरों की तैनाती कर लें। निर्वाचन सामग्री की व्यवस्था, पोलिंग पार्टी के लिए किट की समुचित व्यवस्था पूर्व में दिए निर्देश के तहत समय से करा लें। पोलिंग पार्टियों की रवानगी व अन्य सामग्री को भेजने आदि के लिए ट्रकों बसों व हल्के वाहन की आवश्यकता का आकलन अभी से कर लें। आपूर्ति के स्रोत ज्ञात कर लिए जाएं। मतगणना स्थल का चयन, चुनाव संबंधित सामग्री के भंडारण आदि का इंतजाम समय से करा लें। संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों की सूची तैयार कर लें। मतदान केंद्र तक पार्टियों के पहुंचने के लिए रूट चार्ट आदि का निर्धारण कर लें।

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