एम.जी. पब्लिक स्कूल में विज्ञान के साथ शिक्षा अनुभव पर दो दिवसीय संगोष्ठी संपन्न

छात्र छात्राओं के द्वारा अपने विषय आधारित विज्ञान प्रोजेक्ट और मॉडल का प्रदर्शन कर उनके प्रभावों और उपयोगों का प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुतिकरण किया गया।

Update: 2024-08-22 11:54 GMT

मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल प्रांगण में दो दिवसीय विज्ञान के साथ शिक्षा अनुभव विषय पर एकीकृत कला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गुरूवार को इस संगोष्ठी का विधिवत समापन किया गया। इन दो दिनों में कक्षा-9 और कक्षा-10 के छात्र छात्राओं के द्वारा अपने विषय आधारित विज्ञान प्रोजेक्ट और मॉडल का प्रदर्शन कर उनके प्रभावों और उपयोगों का प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुतिकरण किया गया।


एम.जी. पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि बच्चों को अनुभव और प्रयोगात्मक ढंग से शिक्षित करने तथा विज्ञान के प्रति उनमें रूचि पैदा करने के उद्देश्य से विद्यालय प्रांगण में आर्ट इंटीग्रेटिड एक्सपीरियंस लर्निंग विद साइंस विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पहले दिन कक्षा-10 और दूसरे दिन कक्षा-9 के छात्र-छात्राओं ने इस विज्ञान आधारित संगोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए अपने अपने शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में विषय आधारित साइंस प्रोजेक्ट और मॉडल का बखूबी प्रदर्शन किया। इन बच्चों ने फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलॉजी विषयों पर आधारित प्रोजेक्ट बनाये, जिनमें प्रवर्तन और अप्रवर्तन, टिंडल प्रभाव, फाइटो हार्माेन्स, न्यूटन के गति के नियम, तंत्रिका तंत्र, एनीमल हार्मोन्स, केमिकल रिएक्शन, रिफलेक्शन ऑफ लाइट जैसी प्रमुख अवधारणाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हुए उनके उपयोग और मानव जीवन पर प्रभाव के विषय में भी जानकारी प्रदान की। इस संगोष्ठी में प्रतिभाग करने के लिए बच्चों में असीम उत्साह नजर आया और इसके सहारेर विज्ञान की दुनिया की गहराई को नजदीकी से जानने का प्रयास किया।


प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने इस अवसर पर बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए सभी के प्रोजेक्ट और मॉडल का अवलोकन करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का मूल उद्देश्य बच्चों के भीतर एक वैज्ञानिक सोच और प्रतिभा को सामने लाकर उनका शैक्षिक विकास करना रहा। जिस प्रकार से बच्चों ने अपने मॉडल और प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण किया, यह व्यावहारिक दृष्टिकोण उनके भीतर न केवल जिज्ञासा को प्रज्वलित करता है, बल्कि वैज्ञानिक सि(ांतों की उनकी समझ को भी मजबूत करता है, जिससे वे भविष्य में आगे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार होते हैं। इसके सहारे बच्चों ने सराहनीय स्तर से अपने वैज्ञानिक शोध का प्रस्तुत कर सभी की प्रशंसा प्राप्त की। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी साइंस टीचरों को विशेष सहयोग रहा। 

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