फ्री बिजली में शर्त का अडंगा लगने पर किसानों में बेचैनी

बिजली विभाग ने जारी किया सशर्त लाभ का आदेश, पिछला बकाया और मीटर लगवाने पर ही मिलेगी फ्री बिजली की सुविधा, 31 मार्च 2023 तक के बकाया बिल की राशि करनी होगी जमा, ओटीएस लागू, तीन से छह किश्तों में चुका सकते हैं बकाया रकम

Update: 2024-03-10 09:54 GMT

मुजफ्फरनगर। योगी सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के निजी नलकूप वाले किसानों को फ्री बिजली दिये जाने की सौगात का ऐलान किया तो किसानों ने इस घोषणा का दिल खोलकर स्वागत करते हुए सरकार का आभार भी जताया और जिलों में किसान इसका लाभ उठाने के लिए बिजली विभाग के दफ्तरों के चक्कर काटने लगे, लेकिन राज्य सरकार की घोषणा के बाद विद्युत विभाग की ओर से निजी नलकूपों को फ्री बिजली दिये जाने की व्यवस्था का जो आदेश जारी किया गया है, उसमें लगाए गये शर्तों के अडंगे ने किसानों में बेचैनी पैदा कर दी है। किसान संगठनों के नेताओं ने भी सरकार के इस सशर्त प्लान को किसानों के साथ ठगी करार देते हुए इसमें बदलाव की मांग की है। वहीं बिजली विभाग ने साफ कर दिया है कि निजी नलकूप पर विद्युत मीटर लगाने और पिछला बकाया जमा कराने वाले किसानों को ही फ्री बिजली की सुविधा का लाभ मिल पायेगा। जो ऐसा नहीं करेगा, वो लाभ से वंचित रहेगा। सरकार के इस फरमान से जिले के करीब 40 हजार किसानों में सोच विचार शुरू हो गया है।

उत्तर प्रदेश में सरकार पर किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली देने का दबाव बना हुआ था, क्योंकि सरकार ने अपने चुनाव संकल्प पत्र में भी इसका वादा किया था। किसान संगठनों के द्वारा लगातार किये जाने वाले अपने आंदोलनों में यह मांग मुखर होकर उठाई जा रही थी। इसी बीच लोकसभा चुनाव के पहले पांच मार्च को आयोजित हुई सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक में प्रदेश में निजी नलकूप वाले किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली देने का प्रस्ताव पारित किया गया और शासन ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया। फ्री बिजली मिलने के ऐलान के बाद किसान संगठनों के साथ ही किसानों ने भी सरकार के निर्णय का स्वागत किया, लेकिन अब इसमें विभागीय स्तर पर शर्तों का अडंगा लगा दिया गया है।

योगी सरकार के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने सात मार्च को सभी जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को निजी नलकूप के लिए फ्री बिजली दिये जाने का सशर्त आदेश जारी कर दिया है। इसमें दो शर्त मुख्य तौर पर लगाई गयी हैं, पहली निजी नलकूप पर किसानों को विद्युत मीटर लगवाना होगा और 31 मार्च 2023 तक का बकाया विद्युत बिल जमा कराना होगा। इसके बाद ही उनके आवेदन फ्री बिजली योजना में स्वीकार कर लाभान्वित करने का काम होगा। इससे साफ है कि फ्री बिजली योजना का लाभ जिले के उन किसानों को ही मिल सकेगा, जिनके नलकूपों पर बिजली मीटर लगाए गए हैं।


पश्चिमांचल विद्युत वितरण खंड ग्रामीण के अधीक्षण अभियंता संजय शर्मा ने बताया कि सिंचाई के लिए सौ प्रतिशत बिजली निःशुल्क दिए जाने की व्यवस्था से किसानों को राहत मिलेगी। जिले के करीब 40 हजार निजी नलकूप वाले किसान लाभान्वित होंगे। इन किसानों पर विभाग का करीब एक अरज रुपये बकाया चल रहा है। इसमें 10 हाॅर्सपावर पर किसानों को 140 यूनिट प्रति केवी प्रतिमाह की छूट मिलेगी। यानी 10 एचपी पर कुल 1045 यूनिट प्रतिमाह की छूट मिलेगी। इससे अधिक खपत पर रीडिंग के अनुसार खर्च करना होगा। इसके अलावा निर्धारित सीमा तक बिजली खपत पर फिक्स चार्जेज में 100 फीसदी और अधिक बिजली खपत करने पर सिर्फ 50 फीसदी की छूट मिलेगी।

एसई संजय शर्मा के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता अपना पंजीकरण यूपीपीसीएलडाॅटओआरजी वेबसाइट के माध्यम से कर सकते हैं। जिस पर छूट संबंधी सूचनाएं आॅनलाइन प्रदर्शित हांेगी। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता किसी भी विभागीय खंड, उपखंड, जन सेवा केंद्र में जाकर भी छूट की सूचना प्राप्त कर सकता हैं और पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के समय ही उपभोक्ताओं को अपने शेष बकाया को एक साथ अथवा किश्तों में जमा करने के विकल्प का चयन करना होगा। पंजीकरण कराते समय बकाया की 30 प्रतिशत धनराशि जमा करनी होगा।

ऐसे प्राप्त किया जायेगा लाभ

तीन किश्तों में बकाया जमा करने का लाभ सशर्त मिलेगा। पहला, यदि उपभोक्ता बकाया का एकमुश्त भुगतान निश्चित समय में करता है तो उसे ब्याज, विलंब अधिभार में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। दूसरा, यदि उपभोक्ता समस्त बकाया का भुगतान तीन मासिक किश्तों में करने का विकल्प चुनता है तो ब्याज और विलंब अधिभार में 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। तीसरा, यदि उपभोक्ता समस्त बकाया का भुगतान 6 मासिक किश्तों में करने का विकल्प चुनता है तो 80 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। पहली किश्त 31 जुलाई तक, दूसरी किश्त 31 अगस्त तक और तीसरी किश्त 30 सितंबर तक जमा करनी होगी। इस योजना का लाभ पाने को विद्युत विभाग ने किसानों के लिए जिन शर्तों को लागू किया है, उनमें मुख्य रूप से यह शामिल किया गया है कि योजना में किसान तभी पात्र होंगे जब मार्च 2023 तक का बिल शून्य होगा। नलकूप पर मीटर स्थापित होना अनिवार्य है। 10 एपी लोड है, तो प्रतिमाह 1045 यूनिट खपत के लिए ही पात्र होंगे। इससे ज्यादा खपत पर टैरिफ के अनुसार भुगतान करना होगा। 31 मार्च 2023 तक के एकमुश्त भुगतान के लिए 100 प्रतिशत, तीन किस्त में 90 प्रतिशत और छह किस्तों में भुगतान को 80 प्रतिशत सरचार्ज में छूट मिलेगी।

शर्तों पर विचार करे सरकार, किसान बकाया देने को तैयारः धर्मेन्द्र मलिक

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि निजी नलकूपों पर फ्री बिजली योजना संगठन की पुरानी मांग थी। हमने सरकार से इसमें बकाया राशि जमा कराने के लिए ओटीएस की सुविधा की मांग की थी, जो सरकार ने दी है, बकाया जमा करने में कोई दिक्कत नहीं है। सरकार का शर्त लगाने पर तर्क है कि नियामक आयोग तो विद्युत उपभोग पर बिल लेगा और रीडिंग नहीं होने पर खपत का पता नहीं चल पायेगा। इसलिए मीटर लगना जरूरी हैै।


उन्होंने अपील करते हुए कहा कि किसानों को बकाया भुगतान कर देना चाहिए। आगे फ्री बिजली मिलेगी। बिल देना ही नहीं है, एक बार शुरूआत तो करें, किसानों को लाभ निश्चिित मिलेगा। धर्मेन्द्र ने कहा कि सरकार को कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए, बड़ा दिल दिखाकर फैसला लिया है तो शर्त भी हटाई जायें। हम मांग करेंगे कि सरकार इस पर विचार करे। किसानों में आशंका है कि भविष्य में मीटर लगने के बाद सब्सिडी वापस ले ली तो वो मारे जायेंगे। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के मई 2022 के बजट में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी थी, जिसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। 

14 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे किसान, शर्ते लगाना सरकारी धोखाः राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि 1ी बिजली देने के लिए सरकार ने ऐलान कर दिया और विभाग शर्तें लगा रहा है। यह किसानों से सरकारी धोखा है और यही कारण है कि लगातार आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 मार्च को दिल्ली रामलीला मैदान में प्रस्तावित किसान मजदूर महापंचायत में शामिल होने के लिए किसानो ंसे आह्नान किया।


रविवार को शहर मुख्यालय पहुंचे राकेश टिकैत ने बातचीत में कहा कि जब शर्त लगा दी तो फ्री बिजली देने का लाभ क्या, किसान बकाया जमा कराये, लेकिन किसानों का मिलों पर बकाया धन सरकार दिला नहीं रही है। जब किसानों को पैसा नहीं मिलेगा तो वो बिजली का बकाया बिल कैसे चुकायेगा। उन्होंने किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 मार्च को भाकियू पदाधिकारियों व किसानों से दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंचने की अपील करते हुए कहा कि सरकार का जो घोषणा पत्र था, उसका पता ही नहीं चला। आज तक वह घोषणा पत्र लागू ही नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विद्युत नलकूप की जो बिल फ्री की घोषणा हुई है, वह पूर्ण रूप से फ्री हो। किसानों को विद्युत कनेक्शन निशुल्क मिलें। किसान एकजुट हों और अपनी लड़ाई लड़ें। किसानों को संघर्ष करना होगा। सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना जरूरी है।

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