प्रयागराज- भूमि अधिग्रहण का मुआवजा देने में चार दशक से की जा रही आनाकानी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का मुआवजा किसानों का अधिकार है यह अनुकंपा नहीं है। मामला मुरादाबाद जिले से जुड़ा हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का मुआवजा किसानों का अधिकार है, अनुकंपा नहीं। इसके भुगतान में चार दशक तक सरकारी आनाकानी चिंता का विषय है। लिहाजा, अदालत तकनीकी आपत्तियों को किसानों के मौलिक अधिकारों पर हावी नहीं होने देगी। इस टिप्पणी संग न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने करीब चार दशक से मुआवजे की कानूनी लड़ाई लड़ रहे मुरादाबाद के किसानों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने वेद प्रकाश सैनी समेत नौ अन्य याचिकाओं पर कृषि उत्पादन मंडी समिति को नई दर पर मुआवजे की रकम किसानों को छह हफ्ते में अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि भुगतान में दोबारा देरी पर वास्तविक भुगतान की तारीख तक 12 फीसदी अतिरिक्त ब्याज अदा करना होगा।

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