नई दिल्ली। राजधानी में हुए बीएमडब्ल्यू हादसे से जुड़ी जांच में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पता चला है कि दुर्घटना के बाद घायलों को जिस नुलाइफ अस्पताल में ले जाया गया था, वह गगनप्रीत के परिवार से जुड़े व्यक्ति का है। मंगलवार को पुलिस टीम ने इस अस्पताल का दौरा किया और संबंधित रिकॉर्ड की छानबीन की।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गगनप्रीत ने पूछताछ में बताया था कि उन्होंने यह अस्पताल इसलिए चुना क्योंकि कोरोना महामारी के समय उनकी बेटी का यहां सफल इलाज हुआ था। हालांकि अब जांच में यह भी सामने आया है कि अस्पताल मालिक से उनके नजदीकी रिश्ते हैं।
रविवार को धौला कुआं इलाके में हुई इस दुर्घटना में वित्त मंत्रालय में उप सचिव रहे 52 वर्षीय नवजोत सिंह की मौत हो गई थी और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। हादसा उस समय हुआ जब दंपति बंगला साहिब गुरुद्वारे से अपने घर लौट रहे थे और उनकी मोटरसाइकिल को तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने टक्कर मार दी।
पुलिस की जांच में यह पुष्टि हुई है कि उस समय कार गगनप्रीत चला रही थीं। वाहन में उनके पति, दो बच्चे और एक घरेलू सहायिका भी मौजूद थे, जिन्हें भी चोटें आईं। हादसे के बाद उन्हें भी इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
फॉरेंसिक रिपोर्ट में गगनप्रीत के रक्त के नमूनों में शराब के सेवन का कोई प्रमाण नहीं मिला। इस घटना पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना), 125B (जीवन को खतरे में डालना), 105 (गैर-इरादतन हत्या) और 238 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पुलिस ने गगनप्रीत को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश करने पर उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।