सरकार का लक्ष्य : जुलाई 2021 तक कोरोना वैक्सीन देशवासियों को उपलब्ध कराना
कोरोना वायरस की वैक्सीन भारत के किन लोगों को पहले दी जाएगी? सरकार इसे तैयार करने में कब तक सफल हो जाएगी? टीकाकरण की व्यवस्था कैसी होगी? इन सब सवालों के जवाब ने दिए हैं। साप्ताहिक कार्यक्रम 'संडे संवाद' में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इन सब सवालों के जवाब दिए हैं। डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि सरकार हर एक नागरिक को वैक्सीन मुहैया कराने की तैयारियों में लगी है। भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है। उन्होंने सरकार की योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ भारतीयों को कोविड-19 का टीका लग जाए। डॉ हर्षवर्धन ने उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार 40 से 50 करोड़ डोज हासिल और इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। वही स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक वैक्सीन तैयार होने के बाद, सरकार टीकाकरण के लिए प्लान बना रही है। डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक हेल्थ मिनिस्ट्री एक फॉर्म तैयार कर रही है, इसमें राज्य प्राथमिकता वाले समूहों की डीटेल्स भरेंगे, इन लोगों को पहले वैक्सीन मिलेगी।
सरकार की योजना कोविड-19 के मैनेजमेंट में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता को पहले वैक्सीन देने की है। डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक इसमें सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्स, स्टाफ, आशा वर्कर्स, सफाई कर्मचारी शामिल होंगे। समय के बारे में उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक यह कवायद पूरी होने की उम्मीद है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्यों से कोल्ड चेन के अलावा वैक्सीन स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन के कई पहलुओं पर भी डेटा मांगा गया है। सरकार कोविड-19 के इम्युनिटी डेटा पर भी नजर रख रही है। महामारी को काबू करने के लिए सरकार का मानना है कि सिंगल डोज वैक्सीन मिले। हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो सिंगल डोज से जितनी इम्युनिटी का लेवल चाहिए होता है, वह कई बार नहीं मिलता। प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए वैक्सीन की दो डोज़ जरूरी होती है। संडे संवाद कार्यक्रम में डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्रायल में आने वाली समस्याओं से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया। वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट पर बोलते हुए कहा कि हल्के-फुल्के साइड इफेक्ट्स संभव हैं लेकिन उससे वैक्सीन की सेफ्टी को लेकर खतरा नहीं है। उन्होंने बताया वैक्सीन ट्रायल को लेकर सुरक्षा के सभी मानकों का खासा ध्यान रखा जा रहा है। कहा कि वैक्सीन के सारे ट्रायल तय पैमानों के तहत होते हैं। वहीं, रूस की वैक्सीन को लेकर उन्होंने सरकार के रूख को साफ करते हुए कहा कि स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर सरकार ने फिलहाल कोई फैसला नहीं किया है।