undefined

11 माह पूरे होने पर बोले राकेश टिकैत-खाली हाथ नहीं लौटेंगे

भाकियू प्रवक्ता ने कहा-तीनों कृषि बिलों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनने के बाद ही समाप्त होगा संघर्ष, 26 नवम्बर 2020 को दिल्ली कूच के साथ शुरू हुआ था तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन

11 माह पूरे होने पर बोले राकेश टिकैत-खाली हाथ नहीं लौटेंगे
X

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने आज किसान आंदोलन के 11 महीने पूर्ण होने पर कहा कि किसान सड़क पर है। अपनी खेती और किसानी को बचाने के साथ ही अपने अधिकार पाने के लिए चल रही इस लड़ाई में सर्दी, गर्मी और बरसात की चुनौतियों के साथ सरकार का दमन भी झेल चुका है। किसान यहां से खाली हाथ वापस नहीं लौटेगा। केन्द्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती तब तक हम आंदोलन चलाने को तैयार हैं। यह आंदोलन पीढ़ियों तक भी चला तो किसान पीछे नहीं हटेगा।

बता दें कि 26 नवम्बर 2020 को केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली कूच के आह्नान के साथ आंदोलन शुरू किया था, लेकिन सरकार की सख्ती के कारण किसानों को दिल्ली के बॉर्डर पर रोक दिया गया। इसके बाद से ही किसान दिल्ली से जुड़े अलग अलग छह बॉर्डर पर पड़े हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन की ओर से यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलन की कमान संभाल रहे भाकियू नेता चौ. राकेश टिकैत ने अंादोलन के आज 11 माह का समय पूर्ण होने पर कहा कि आज दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को 11 माह पूरे हो चुके हैं। इस आंदोलन के शहीदों को मैं नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि सड़क पर रहकर आंदोलन करने वाले इन शहीदों के दम पर ही आज किसान सीमाओ पर मजबूती से डटे है। उन्होंने कहा कि इन शहीद किसानों का बलिदान हम बेकार नहीं होने देंगे। केन्द्र सरकार अपने काले कृषि कानूनों को वापस ले यही हमारी मांग है। इन कानूनों की वापसी और एमएसपी पर जब तक गारंटी कानून नहीं बनाएं जाते तब तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि किसान विरोधी नीति के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन की शुरुआत 26 नवंबर को हुई थी, जब देशभर में किसान मुख्यतः पंजाब के किसान सरकार के तमाम अवरोधों के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे थे, जहां उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया था। भारत में किसान आंदोलन का इतिहास आजादी के आंदोलन से साथ जुड़ा हुआ है। आजादी के बाद भी किसान आंदोलन लगातार चलते ही रहे हैं लेकिन पिछले वर्ष 26 नवंबर 2020 से शुरू होकर आज 11 माह पूरे करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन ने देश में ही नहीं दुनिया में एक नया इतिहास रचा है। उन्होंने किसानों से इस संघर्ष को एकजुटता के साथ और अधिक मजबूत बनाने का आह्नान किया है।

Next Story