किसानों का समर्थन करने सिंघु बाॅर्डर पहुंचे 5 टीएमसी सांसद
किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।
नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 28वें दिन भी जारी है। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच बना गतिरोध अभी दूर होता नहीं दिख रहा है। तीनों कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े काॅरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के निर्देश पर डेरेक ओ ब्रायन, सताब्दी राॅय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और मोहम्मद नादिमुल हक सहित 5 टीएमसी सांसदों ने आज सिंाु बाॅर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसानों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। टीएमसी नेताओं ने किसानों की मांगों को जायज बताते हुए उनका समर्थन किया है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने ऐलान किया 26 और 27 तारीख को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे। 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे। चिल्ला बाॅर्डर पर पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती पर हवन के आयोजन की तैयारी करते किसान। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती किसान दिवस के अवसर पर गाजीपुर बाॅर्डर पर किसान हवन किया। गाजीपुर बाॅर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज 26 दिन हो गए हैं।