वेस्ट यूपी के विकास के लिए माध्यम बनेगी मेरठ-दिल्ली रैपिड
परियोजना पूरी होने के बाद डीएमआरसी और आरआरटीएस नेटवर्क सहित दिल्ली के मास ट्रांजिट सिस्टम की लंबाई 743 किमी होगी, जो लंदन क्रॉस रेल, हांगकांग एमटीआर और पेरिस आरईआर की लंबाई से अधिक है।
लखनऊ। नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) के वेस्ट यूपी के विकास के लिए मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे के बाद मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना जल्द पटरी पर आने वाली है।
देश की राजधानी के नजदीक के इलाकों को जोडने वाली केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास में बन रही इस परियोजना का करीब 68 किमी का हिस्सा यूपी में है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का प्राथमिकता खंड 2023 तक और 2025 तक दिल्ली से मेरठ तक पूरा कॉरिडोर शुरू होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार परियोजना की लागत 30,274 करोड़ रुपए है। इसमें प्रदेश सरकार का करीब 17 फीसदी अंशदान है। राज्य सरकार ने इसके लिए इसके लिए अपने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में 1326 करोड़ रुपए आवंटित भी किए हैं। परियोजना पूरी होने के बाद डीएमआरसी और आरआरटीएस नेटवर्क सहित दिल्ली के मास ट्रांजिट सिस्टम की लंबाई 743 किमी होगी, जो लंदन क्रॉस रेल, हांगकांग एमटीआर और पेरिस आरईआर की लंबाई से अधिक है। आरआरटीएस के जीएम वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यूपी सरकार की ओर से इस परियोजना के लिए पिछले साल करीब 650 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसके अलावा करीब 20 सरकारी भूमि पर राज्य सरकार की ओर से कार्य करने की अनुमति दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह भूमि सरकार की ओर से हस्तांतरित की जाएगी।