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एप्पल ने चीन को दिया करारा झटका, समेट रही है कारोबार

एप्पल ने चीन को दिया करारा झटका, समेट रही है कारोबार
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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चली आ रही तनातनी के बीच एप्पल ने भी चीन की कमर तोडने का काम कर दिया है। दिग्गज टेक कम्पनी एप्पल के अधिकारियों की मानें तो कम्पनी चीन से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में जुट गई है। एप्पल अब भारत, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों की तरफ रुख कर रही है। एप्पल के इस फैसले के पीछे की वजह कोरोना वायरस को माना जा रहा है। दरअसल चीन से दुनियाभर में कोरोना वायरस के पहुंचने और महामारी बनने के बाद से ही एप्पल जैसी कंपनियां अपने प्रोडक्शन को चीन से अन्य देशों को शिफ्ट कर रही है। ऐसे में भारत उनके लिए सबसे मुफीद देश बनकर उभरा है, जहां न सिर्फ कारोबार की असीम संभावनाएं है, बल्कि एप्पल प्रोडक्ट की बिक्री के लिए दुनिया का बड़ा मार्केट मौजूद है।

एप्पल भारत में पहले से ही आईफोन आरएक्स के साथ ही आईफोन 11 का निर्माण कर रही है। वही अब कंपनी एप्पल के लैपटाॅप, टैबलेट और कंप्यूटर बनाने जा रही है। एप्पल अगले कुछ वर्षों में आईफोन, ऐमबुक्स और आईमैक्स का निर्माण भारत में शुरू कर देगी। जानकारों की मानें तो लोकल निर्माण से आने वाले वर्षों में एप्पल के प्रोडक्ट सस्ते हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में प्रोडक्ट निर्माण पर एप्पल को भारत सरकार को इंपोर्ट ड्यूटी नही देनी होगी।

एप्पल के बड़े काॅन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर्स ने चीन से 6 प्रोडक्शन लाइन्स भारत शिफ्ट की हैं। कंपनी ने भारत में अगले कुछ वर्षों में 5 बिलियन डाॅलर कीमत के आईफाने का भारत से एक्सपोर्ट् करने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही भारत में ही आईफोन की भारी डिमांड की उम्मीद कर रही है। चीन से आईफोन की प्रोडक्शन लाइन्स भारत शिफ्ट होने से लोकल स्तर पर करीब 55 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल प्रोडक्ट निर्माण वाली मशीनों से लदे कंटेनर भारत पहुंच चुके हैं, जो जल्द ही भारत में प्रोडक्शन शुरू कर देंगे।

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