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दिमाग ही नहीं शरीर को भी प्रभावित करता है डिप्रेशन, हो सकती हैं 5 गंभीर बीमारियां

दिमाग ही नहीं शरीर को भी प्रभावित करता है डिप्रेशन, हो सकती हैं 5 गंभीर बीमारियां
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डिप्रेशन एक मानसिक विकार है लेकिन यह व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। डिप्रेशन के कारण हमारे मस्तिष्क के कार्य करने का तरीके बदल जाता है जिससे विभिन्न प्रकार की शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। आजकल की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में हर कोई स्ट्रेस से जूझ रहा है। थोड़ा मानसिक तनाव या स्ट्रेस स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता लेकिन जब स्ट्रेस ज्यादा बढ़ जाए तो इंसान डिप्रेशन की चपेट में आ सकता है। आज के समय में डिप्रेशन की समस्या बहुत आम हो गई है और ना केवल बड़े बल्कि बच्चे भी इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं। वर्तमान समय में लगभग 15-20 प्रतिशत आबादी डिप्रेशन की समस्या से प्रभावित हैं। डिप्रेशन में इंसान हर वक्त उदास और निराश रहता है। उसे किसी भी काम में खुशी महसूस नहीं होती है और इंसान को लगता है कि उसके जीवन का कोई मतलब नहीं है। कई बार जब डिप्रेशन बढ़ जाए तो इंसान के मन में आत्महत्या के ख्याल भी आने लगते हैं। डाक्टर्स के मुताबिक डिप्रेशन एक मानसिक विकार है लेकिन यह व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। डिप्रेशन के कारण हमारे मस्तिष्क के कार्य करने का तरीके बदल जाता है जिससे विभिन्न प्रकार की शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। डिप्रेशन में कोर्टिसोल या एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन में बढ़ोतरी होती है और यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है जिससे दिल की बीमारियाँ, मधुमेह, कैंसर, किडनी की बीमारी, स्ट्रोक और पार्किंसंस रोग जैसी बिमारियों का खतरा बढ़ सकता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि डिप्रेशन के कारण आपको कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं -

- दिल की बिमारियाँ: डिप्रेशन के कारण दिल की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, एड्रेनालाईन नामक स्ट्रेस हार्मोन के कारण हार्ट रेट तेज हो जाता है जिससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव पैदा होता है। इससे शरीर लंबे समय तक आपात स्थिति में रहता है। समय के साथ, यह हृदय रोग का कारण बन सकता है। शोध से पता चला है कि अगर डिप्रेशन का इलाज नहीं किया जाता है तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।

- आटो इम्यून डिजीज: डिप्रेशन और स्ट्रेस का हमारे इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिससे संक्रमण और आटो-इम्यून रोगों की संभावना बढ़ सकती है। हाल ही में एक शोध में पाया गया है कि इंफ्लामेशन और डिप्रेशन के बीच एक संबंध होता है, हालांकि इसके बारे में सटीक स्पष्टता नहीं है।

- कैंसरः डिप्रेशन के मरीजों में कुछ प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से आंत के कैंसर ज्यादा आम हैं। हालाँकि, इसका सटीक कारण अज्ञात है लेकिन शोध में प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह सूजन मार्ग और उनके विषाक्त पदार्थों से संबंधित है। धूम्रपान और शराब के अधिक सेवन के कारण डिप्रेशन के मरीजों में पेट, पैंक्रियास, फेफड़े और किडनी जैसे अन्य कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

- मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज: डिप्रेशन को अक्सर मानसिक बीमारी के रूप में माना जाता है, लेकिन यह शरीर में भूख और पोषण से भी संबंधित होता है। अक्सर मरीज डिप्रेशन में ज्यादा खाने लगते हैं या इमोशनल ईटिंग करने लगते हैं। मोटापा बढ़ने से टाइप 2 डायबिटीज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं।

- मैमोरी लास: डिप्रेशन के कारण हमारे नर्वस सिस्टम के अंदर बहुत सारे बदलाव पैदा होते हैं। खासतौर पर डिप्रेशन से ग्रसित बढ़ोतरी वयस्कों को युवा वयस्कों की तुलना में मेमोरी लास की समस्या ज्यादा देखी जाती है। डिप्रेशन स्ट्रोक और अल्जाइमर डिमेंशिया का एक मुख्य कारक है।

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