मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के सफाई कर्मचारियों के हितों को लेकर उठाई जा रही मांगों और समस्याओं के समाधान को लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपे गये 17 बिन्दू मांग पत्र पर पालिका प्रशासन की ओर से जवाब भेज दिया गया। इस जवाब को लेकर वाल्मीकि समाज के नेताओं ने कड़ा रोष जताते हुए नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर समाज की अनदेखी करने के आरोप लगाये और सभी जवाबों को सिरे से खारिज करते हुए मांगों के समाधान के लिए वार्ता बुलाये जाने की मांग की है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष चमन लाल ढिगान ने बताया कि उनके द्वारा 15 मई को पालिका में ईओ डॉ. सिंह और इसके बाद 21 मई को एडीएम प्रशासन संजय कुमार सिंह को सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान और उनके हितों को लेकर 17 बिन्दुओं पर मांग पत्र दिया था। इसमें मुख्य रूप से सफाई कर्मचारी संघ कार्यकारिणी का चुनाव कराने, आउटसोर्स कर्मियों को समय से वेतन, संविदा कर्मियों को समान कार्य समान वेतन, मृतक आश्रित प्रकरण में नौकरी योग्यता के आधार पर देने, ठण्डी और गरम वर्दी दिये जाने, साइकिल भत्ता कम होने पर दो लीटर पेट्रोल देने की व्यवस्था करने और सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने सहित अन्य मांग शामिल रही।
एडीएम प्रशासन ने महासंघ की इन मांगों पर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आख्या तलब की थी। ईओ ने प्रकरण में एनएसए डॉ. अतुल कुमार को कार्यवाही कर रिपोर्ट मांगी थी। इसके लिए 17 बिन्दुओं पर डॉ. अतुल ने बिन्दुवार अपना जवाब ईओ के माध्यम से एडीएम प्रशासन को भेज दिया है। इसमें प्रत्येक मांग का निस्तारण होने का दावा एनएसए ने किया है। महासंघ के जिलाध्यक्ष चमन लाल ढिंगान इसी को लेकर सोमवार को पालिका प्रांगण पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग में प्रदर्शन करते हुए रोष जताया। उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी के नाम एक पत्र भी सौंपा, जिसमें कहा गया है कि सफाई कर्मचारियों की 17 समस्याओं के समाधान के लिए जो जवाब पालिका से एनएसए द्वारा एडीएम प्रशासन को भेजा गया है, वह संतोष जनक नहीं है। इसमें संघ कार्यकारिणी का चुनाव कराने के लिए गोलमोल जवाब दिया गया है। जबकि नवम्बर 2024 में संघ का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है और जानबूझकर चुनाव को टाला जा रहा है। उन्होंने रोष जताया है कि महासंघ के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता किये बिना ही मांगों को लेकर जवाबी पत्र तैयार कर भेजा गया है, यह कार्यप्रणाली निंदनीय है। वहीं एनएसए डॉ. अतुल कुमार का कहना है कि मांग पत्र में कई बिन्दु ऐसे शामिल हैं, जिनका निस्तारण या तो शासन स्तर का प्रकरण है, या बोर्ड से होना है। वहीं ठण्डी वर्दी कर्मियों को दे दी गई है। गरम वर्दी दो वर्ष में एक बार दी जाती है। आउटसोर्स कर्मियों का भुगतान शासनादेश के अनुसार बोर्ड द्वारा स्वीकृति पर हो रहा है। मृतक आश्रितों को नियमानुसार नौकरी मिल रही है। कोई समस्या लंबित नहीं है। वहीं चमन ढिंगान ने कहा कि यदि पालिका प्रशासन का रवैये ऐसा ही रहा और वार्ता नहीं बुलाई गई तो वो आंदोलन करने को विवश होंगे। इस दौरान उनके साथ देवी प्रसाद, सागर वाल्मीकि, पाल्लेराम, अजीत कुमार, दीपक पारचा, राकेश कुमार, राहुल, विजय कुमार, सोनू, आशीष और मेघराज आदि मौजूद रहे।