ब्रिटेन की संसद में किसान आंदोलन की चर्चा पर भारत ने जताया विरोध
नई दिल्ली। टूलकिट के भारत को बदनाम करने के एजेंडे के तहत भारत में किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटिश संसद में चर्चा पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि अन्य देश उसके घरेलू मुद्दों में टांग न अड़ाएं।
ब्रिटेन के एक सिख सांसद के साथ कुछ सांसदों ने किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटिश संसद में एक बहस का आयोजन किया। इसे लेकर लंदन स्थित भारत के उच्चायोग ने ब्रिटिश सांसदों के बहस के आयोजन को एक तरफ और झूठे दावों से भरा बताते हुए इसकी निंदा की।
कुछ ब्रिटिश सांसदों ने भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शन और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को लेकर दायर ई-याचिका पर बहस की। उनके द्वारा ये बहस ऐसे समय पर की गई, जब कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर भारत में किसानों का प्रदर्शन जारी है। वहीं, ब्रिटिश सांसदों द्वारा की गई इस बहस की भारत के उच्चायोग ने कड़ी निंदा की। इसने कहा कि ये बहस पूरी तरह से एक तरफा और झूठे दावों से भरी रही। इस बहस का आयोजन सोमवार को ब्रिटिश संसदीय परिसर के भीतर किया गया। हालांकि ब्रिटिश सरकार ने इसे भारत का अंदरूनी मामला बताया है।