तालिबान ने सिखों के जत्थे को भारतीय वायु सेना के विमान में चढने से रोका
नई दिल्ली। तालिबान ने शनिवार को भारतीय वायु सेना के विमान में सवार होने से अफगानिस्तान संसद के दो अल्पसंख्यक सदस्यों सहित 72 अफगान सिखों और हिंदुओं के एक जत्थे को रोक दिया और उन्हें काबुल एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया।
विश्व पंजाबी संगठन (डब्ल्यूपीओ) के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि भारत में निकासी की मांग करते हुए, अफगान सिखों और हिंदुओं का यह पहला जत्था शुक्रवार से 12 घंटे से अधिक समय से हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहा था। तालिबान लड़ाकों ने उन्हें विमान में चढ़ने से रोक दिया और कहा कि चूंकि वे अफगान हैं, इसलिए उन्हें वापस जाना चाहिए। अब समूह सुरक्षित रूप से काबुल में गुरुद्वारा दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी करता परवान लौट आया है। साहनी ने कहा कि अल्पसंख्यक सांसद नरिंदर सिंह खालसा और अनारकली कौर मानोयार समूह का हिस्सा थे।
साहनी ने कहा कि उन्हें लगभग 80 भारतीय नागरिकों के साथ सवार होना था। अब अफगान सिखों और हिंदुओं को निकालने का एकमात्र तरीका तालिबान के साथ बातचीत करना और उन्हें बताना है कि सिखों को इस साल के अंत में गुरु तेग बहादुर जी की 400 वीं जयंती समारोह के लिए भारत आने की जरूरत है।