काबुल में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, महिलाओं पर तालिबान ने की फायरिंग
ये लोग विरोध-प्रदर्शन करते हुए काबुल स्थित पाकिस्तान दूतावास भी पहुंचे जहां पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक विरोध-प्रदर्शन कर रहे इन लोगों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने गोलियां चलाई हैं। हज़ारों महिला और पुरुष प्रदर्शन में शामिल रहे।
नई दिल्ली। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद लगातार पाकिस्तान के विरोध के बीच काबुल की सड़कों पर लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद, आजादी और सपोर्ट पंजशीर के नारे लगा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक अफगान लोग अफगानिस्तान में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग विरोध-प्रदर्शन करते हुए काबुल स्थित पाकिस्तान दूतावास भी पहुंचे जहां पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं। सूत्रों के मुताबिक विरोध-प्रदर्शन कर रहे इन लोगों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने गोलियां चलाई हैं। हज़ारों महिला और पुरुष प्रदर्शन में शामिल रहे। इन लोगों का कहना है कि अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र सरकार चाहिए न कि कोई पाकिस्तानी कठपुतली सरकार। लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान छोड़ो जैसे नारे लगा रहे हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के सरकार गठन में हो रही देरी के बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद 4 सितंबर को काबुल पहुंचे थे। रिपोर्ट्स बताती हैं कि हमीद ने तालिबान के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की है और सरकार में हक्कानी नेटवर्क के उचित प्रतिनिधित्व की बात उठाई है।
पाकिस्तान पर तालिबान को सपोर्ट करने के आरोप लगते रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बात का सबूत भी पेश किया है कि कैसे पाकिस्तान अफगानिस्तान सरकार को अस्थिर करके तालिबान का सहयोग कर रही है। अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश रहा है जो तालिबान का समर्थक है। तालिबान ने लगातार पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है। हाल ही पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान, तालिबान का संरक्षक रहा है और लंबे वक्त तक उनकी देखभाल की है। पाकिस्तान, तालिबान शासन को मान्यता देने वाला सबसे पहला देश हो सकता है।