यूक्रेन ने की वार्ता की पेशकश, सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव पारित नहीं हुआ
कीव। भारी तबाही के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा है कि यूक्रेन का नेतृत्व रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार है और दोनों पक्ष वार्ता के प्रारूप पर चर्चा कर रहे हैं। इस बीच सुरक्षा परिषद में रूस के वीटो के चलते निंदा प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
शुक्रवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन ने वारसॉ में वार्ता आयोजित करने की पेशकश की है, जबकि रूस ने म्स्किक में वार्ता करने की मंशा दिखाई थी। हालांकि, अमेरिका ने रूस की इस पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और चीन ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया। प्रारूप प्रस्ताव में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की गई। इसमें रूस से कहा गया है कि वह बिना शर्त, तत्काल व पूर्ण रूप से यूक्रेन छोड़े। भारत ने इस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन बयान जारी कर यूक्रेन में जारी हिंसा पर अफसोस जताते हुए इसे रोकने का आह्वान किया।
दूसरी ओर रूस की तरफ से दागी गईं 160 से ज्यादा मिसाइलों से राजधानी कीव बुरी तरह से दहल गई। लोग रात भर घरों, सबवे, खंदकों और मेट्रो स्टेशनों में छिपे रहे। इस बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का दावा है कि रूसी सेना राजधानी कीव के बाहर पहुंच गई है। कीव समेत यूक्रेन के कई शहरों में चारों तरफ तबाही का मंजर देखा गया। खारकीव के मुख्य चौराहे पर कई इमारतें नष्ट हो गईं। मारूपोल शहर में सैन्य ठिकाने के आसपास कई भवन नष्ट हो गए और सड़कें टूटफूट गईं। यहां तक कि ओडेसा शहर के तेल केंद्र आग की लपटों में घिरे देखे गए। हर जगह तबाही और सन्नाटा देखा गया। इन शहरों में खाने-पीने से लेकर रोजाना की जरूरी चीजों में भी कमी आ रही है लेकिन लोग सड़कों की तरफ नहीं निकल रहे हैं।