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देश के टाॅप नेताओं, सेनाधिकारियों व उद्यमियों की जासूसी करा रहा है चीन

देश के 10,000 हाई-प्रोफाइल लोगों और संगठनों पर यह जासूसी की जा रही है।

देश के टाॅप नेताओं, सेनाधिकारियों व उद्यमियों की जासूसी करा रहा है चीन
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आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए चाइना ने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ दिया है। अत्यंत विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से भारत को यह सूचना मिल रही है। ना सिर्फ भारतीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई केंद्रीय मंत्री, भारतीय राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख, उद्योगपति, पत्रकार के साथ ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी एक बड़ी डेटा कंपनी, हाइब्रिड वॉरफेयर की झेनहुआ डेटा इंफोर्मेंशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड की तरफ से इन लोगों की रियल टाइम निगरानी हो रही है।

प्राप्त गोपनीय जानकारी के अनुसार चीन सरकार और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी एक बड़ी डेटा कंपनी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष की बड़ी नेता सोनिया गांधी और उनका परिवार, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कम से कम 10 हजार भारतीयों के रियल टाइम डेटा की निगरानी कर रही है। इसके साथ ही न्यायपालिका, कारोबारी जगत की दिग्गज हस्तियां और नामचीन पत्रकार शामिल हैं।

चीन द्वारा निगरानी कराए जा रहे हैं 10000 लोगों की लिस्ट में प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों के साथ ही भारत के कुख्यात अपराधियों का नाम भी शामिल है। भारत के प्रमुख राष्ट्रीय इंग्लिश डेली ने भी इस आशय में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया निगरानी करने वाली ये कंपनी हाइब्रिड वॉरफेयर और चीनी राष्ट्र के विस्तार के लिए बिग डेटा के इस्तेमाल में खुद को सबसे बेस्ट बताती है।

इस प्रकरण का खुलासा करने वाली गुप्तचर एजेंसी से जुड़े जासूसों ने दावा किया है कि चीन के लिए निगरानी कर रही खुफिया एजेंसी इन लोगों से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी को रिकॉर्ड कर रही। जिन लोगों की निगरानी की जा रही है, उनमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमिरंदर सिंह, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का नाम भी शामिल है कुछ कैबिनेट मंत्रियों का रियल टाइम डेटा भी चीन की नजर में है।

इनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, रेल मंत्री व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का नाम भी शामिल है। वहीं, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत से लेकर तीनों सेनाओं के कम से कम 15 पूर्व प्रमुखों का नाम भी इस लिस्ट में है। चीन की नजर न्यायपालिका पर भी है। भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, उनके साथी जज एमएम खानविल्कर से लेकर लोकपाल जस्टिस पीसी घोष और नियंत्रक व महालेखा परीक्षक जीसी मुर्मू भी चीन के टारगेट लिस्ट में शामिल किए गए हैं।

इसके साथ ही चीन कुछ जानेमाने उद्योगपतियों पर भी नजर रखी हुई है। इसमें अजय त्रेहन से लेकर रतन टाटा और गौतम अडानी जैसे इंडस्ट्रियलिस्ट का नाम है। सूत्रों के मुताबिक चीनी डेटा कंपनी की इस लिस्ट में भारतीय मीडिया से जुड़े द हिंदू के एडिटर इन चीफ एन. रवि, ज़ी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी, इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई, पीएमओ में मीडिया सलाहकार संजय बारू और इंडियन एक्सप्रेस के मुख्य संपादक राज कमल झा का नाम भी शामिल है।

चीन द्वारा कराई जा रही 10000 लोगों की निगरानी लिस्ट में दिग्गज खिलाड़ियों और बॉलीवुड कलाकारों के भी नाम शामिल है। इसमें प्रमुख रूप से सचिन तेंदुलकर, फिल्म डायरेक्टर श्याम बेनेगल, क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह, पूर्व अकाल तख्त जत्थेदार गुरुबचन सिंह, कई चर्चों के बिशप, पादरी, धर्मगुरु, राधे मां, निरंकारी मिशन के हरदेव सिंह का नाम इस लिस्ट में शामिल है। ना सिर्फ भारत बल्कि यूनाइटेड स्टेट्स, यूनाइटेड किंगडम, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई की भी निगरानी चीन करवा रहा है।

वही इस संबंध में दिल्ली दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के एक सूत्र ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहा- 'चीन ने कंपनियों या व्यक्तियों को चीनी सरकार के लिए बैकडोर या स्थानीय कानूनों का उल्लंघन करके अन्य देशों के डेटा चुराने के लिए नहीं कहा है। हालांकि, सवाल ये है कि अगर चीनी सरकार ने ऐसा नहीं कहा तो चीनी सरकार ने ओकेआईडीबी डेटा का इस्तेमाल किस मकसद से किया? वहीं, रॉबर्ट पॉटर, डेटा एक्सपर्ट, साइबर सिक्योरिटी, टेक, कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया) का कहना है कि हर देश अपने-अपने तरीके से फॉरिन विजिलेंस करता ही है। लेकिन, जिस तरह से चीन ने बिग डेटा साइंस और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, उससे चीन ने फॉरिन विजिलेंस को एक नए लेवल पर पहुंचा दिया है।

पॉटर ने ये भी कहा, 'चीन जिन लोगों की जानकारी ले रहा है, उसकी रेंज दिखाती है कि वह अब हाइब्रिड वॉरफेयर के रणनीतिक मूल्यों को लेकर काफी गंभीर हैं। चीन के पास अमूल्य डेटा है, जिसका कई तरीकों से फायदा उठाया जा सकता है। बता दें कि पॉटर झेनहुआ डेटा सेंटर की इंफोर्मेशन को वेरिफाई करने में सोर्स के साथ काम कर चुके हैं। बहरहाल अब यह तय है कि चीन की घटिया हरकत के बाद भारत भी अपनी गुप्तचर एजेंसियों को सतर्क करते हुए चाइना की इस कुत्सित चाल की काट ढूंढने के लिए मौत को निर्देश जारी कर सकता है।


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