एवरेस्ट की ऊंचाई में हुआ थोडा इजाफा
इससे पहले पहले वर्ष 2005 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,844.43 मीटर थी। एवरेस्ट की ऊंचाई के विवाद को खत्म करने के लिए चीन ने पिछले दिनों 30 सदस्यीय सर्वेक्षण दल को रवाना किया था। यह चीनी दल माउंट चोमोलुंगमा बेस कैंप से एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए रवाना हुआ था।
काठमांडू। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर चीन और नेपाल ने संयुक्त रूप से ऐलान किया है कि माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई अब 8848.86 मीटर है। इसमें थोडा इजाफा दर्ज किया गया है।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त रूप से एवरेस्ट की नई ऊंचाई का ऐलान किया। इससे पहले पहले वर्ष 2005 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,844.43 मीटर थी। एवरेस्ट की ऊंचाई के विवाद को खत्म करने के लिए चीन ने पिछले दिनों 30 सदस्यीय सर्वेक्षण दल को रवाना किया था। यह चीनी दल माउंट चोमोलुंगमा बेस कैंप से एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए रवाना हुआ था। एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचकर इस दल ने ग्लोबल सैटलाइट सिस्टम की मदद से विश्व की इस सबसे ऊंची चोटी की माप की थी। एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले इस दल में पेशेवर पर्वतारोही और चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय सर्वेक्षक शामिल थे। सर्वे दल ने ग्लोबल नैवगिेशन सैटलाइट और ग्रैवीमीटर की मदद से एवरेस्ट की ऊंचाई नापी। यह सर्वे दल अप्रैल महीने की शुरुआत में चोमोलुंगमा बेस कैंप पहुंच गया था। वर्ष 1949 में अपनी स्थापना के बाद चीन के सर्वेक्षण दल ने अब तक 6 बार एवरेस्ट पर चढ़ाई की है और ऊंचाई नापी है। चीन ने वर्ष 1975 और 2005 में एवरेस्ट की ऊंचाई जारी की थी। वर्ष 1975 में एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.13 मीटर और वर्ष 2005 में 8,844.43 मीटर थी।
चीन की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोही अब इसके शिखर पर पहुंचकर भी तेज गति वाली 5जी दूरसंचार सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। चीन की दिग्गज सरकारी दूरसंचार कंपनी चाइना मोबाइल के अनुसार यह बेस स्टेशन 6,500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के आधुनिक आधार शिविर में स्थित है।