पाकिस्तान में इमरान आउट, शहबाज शरीफ नयी पारी के लिए तैयार
पाकिस्तान में दिनभर की अराजकता, अफवाहों और अटकलों के बीच आधी रात नेशनल असेंबली ने संयुक्त विपक्ष के अविश्व प्रस्ताव को पारित कर प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर दिया।
इस्लामाबाद- पाकिस्तान में दिनभर की अराजकता, अफवाहों और अटकलों के बीच आधी रात नेशनल असेंबली ने संयुक्त विपक्ष के अविश्व प्रस्ताव को पारित कर प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर दिया। सत्तारूढ़ पक्ष की पूरी तरह खाली सीटों के बीच सदन में हुए मत विभाजन में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया स्थानीय समय के अनुसार रात 11.50 बजे के बाद शुरू हुयी। उसके ठीक पहले नेशनल असेंबली के अध्यक्षा असद कैसर ने श्री इमरान के साथ 36 साल के संबंधों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ ही नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों की अनुपस्थिति में पीठासीन अधिकारियों के पैनल के प्रमुख अयाज सादिक ने संयुक्त विपक्ष द्वारा 28 मार्च को रखे गए अविश्वास प्रस्ताव पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार मतदान की प्रक्रिया पूरी करायी। अध्यक्ष कैसर ने इस्तीफा देने से पहले सदन में वह पत्र भी दिखाया, जिसे श्री इमरान अपनी सरकार के खिलाफ साजिश का पत्र होने का दावा कर रहे थे। कार्यवाहक अध्यक्ष सादिक ने सदन की गलियारों को खाली कराकर मत विभाजन की प्रक्रिया तारीख बदलने से दो मिनट पहले शुरू कर दी थी और सदन तक 12 बजकर दो मिनट के लिए स्थगित कर दिया था। फिर सदन की कार्यवाही 12 बजकर दो मिनट पर धार्मिक पाठ के साथ शुरू हुयी। कार्यवाहक अध्यक्ष ने ठीक एक बजे (भारतीय समय अनुसार 1.30 बजे) मत विभाजन के परिणाम की घोषणा की और कहा कि 174 मतों से इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। उन्होंने उसके बाद विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ बोलने के लिए आमंत्रित किया। श्री शरीफ ने पूरे घटनाक्रम के लिए अल्लाह ताला का धन्यवाद करते हुए कहा कि पाकिस्तान में आज एक नयी सुबह शुरू होने वाली है। पाकिस्तान के करोड़ों लोगों, माताओं, बहनों, बेटियों, बुजुर्गों और नौजवानों की दुआए अल्लाह ताला ने कबुल की है। उन्होंने इमरान सरकार के खिलाफ मुहिम में एकजुट हुए दलों के नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि संयुक्त विपक्ष ने जिस एकजुटता और धैर्य का प्रदर्शन किया है, पाकिस्तान के इतिहास में इस तरह की मिसाल नहीं मिलते हैं। उन्होंने इमरान सरकार के तीन साल से अधिक के कार्यकाल में विपक्षी नेताओं को जेलों में डाले जाने का उल्लेख किया और कहा कि पाकिस्तान में दोबारा कानून और संविधान बहाल होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम अतीत की कटुता को भूलाकर पाकिस्तान को तरक्की के राह पर ले जाना चाहते हैं। हम कौम के दर्द और जख्मों मरहम लगाना चाहते हैं। हम किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करना चाहते। बेकसूरों को जेलों में नहीं डालना चाहते। पाकिस्तान में इंसाफ अपने रास्ते पर चलेगा और उसमें कोई दखल नहीं डालेगा। श्री शहबाज सोमवार को सदन के नेता और देश के प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो जरदारी तथा अन्य नेताओं ने भी सदन को संबोधित किया। यह एक विडम्बना है कि दिन पर चले सियासी नाटक का पटाक्षेप उस घड़ी में हुआ, जबकि कैलेंडर में 10 अप्रैल की तारीफ आ गयी थी, जो पाकिस्तान का संविधान दिवस है।