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फलस्तीन देश को कौन चलाता है?आखिर उनका हमास संगठन से क्या हैं रिश्ता

फलस्तीन देश को कौन चलाता है?आखिर उनका हमास संगठन से क्या हैं रिश्ता
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बार-बार चर्चाओं में आना वाला संगठन हमास चर्चा का विषय बना हुआ है इस्राइल पर हमले के बाद दुनियाभर में आतंकी संगठन हमास की चर्चा हो रही है। इसने अभेद्य मानी जाने वाली इस्राइली खुफिया एजेंसी को भी चकमा देकर बड़े हमले को अंजाम दे दिया। अब इस्राइल ने भी जवाबी शुरू कर दी है और हमास को पूरी तरह से खत्म करने की कसम खाई है। फलस्तीन के सियासी धड़ो की बात करें तो यहां हमास और फतह दो बड़े गुट हैं। इसके साथ ही पलस्टीनियन अथाॅरिटी और पलेस्टाइन लिबरेशन आर्गेनाइजेशन की भी सरकार में भूमिका है। तो ऐसे में हमें जानना चाहिए कि आखिर फलस्तीन में सत्ता किसकी है, इसे चलाता कौन है? यहां के सियासी दल कौन-कौन से हैं? और हमास का फलस्तीन से क्या रिश्ता है।

2007 से यहां पलेस्टाइन लिबरेशन आर्गेनाइजेशन नाम से गठबंधन सरकार सत्ता चला रही है। पीएलओ की कल्पना 1964 में मिस्र के काहिरा में अरब लीग शिखर सम्मेलन में की गई थी। इसका उद्देश्य फलस्तीन को मुक्त कराना था। यह संगठन छोटे अरब समूहों का गठबंधन है जिसमें प्रमुख भूमिका फतह समूह की है। फतह के संस्थापक यासर अराफात 1969 में पीएलओ के अध्यक्ष बने और 2004 में मृत्यु तक इस पद पर बने रहे। महमूद अब्बास अभी संगठन के प्रमुख हैं। फलस्तीन को आधिकारिक रूप से पलस्टीनियन अथाॅरिटी चलाती है। इसके प्रमुख नेतृत्व महमूद अब्बास हैं जो पीएलओ और फतह का भी नेतृत्व कर रहे हैं। पलस्टीनियन अथाॅरिटी के प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं। राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल नियुक्त करते हैं। पीए की स्थापना 1994 में ओस्लो समझौते द्वारा की गई थी। इसे इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के समाधान होने तक गाजा और वेस्ट बैंक ;पूर्वी यरुशलम को छोड़करद्ध के कुछ हिस्सों पर शासन करने के लिए एक अंतरिम निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। 2006 में हमास ने विधान परिषद का चुनाव जीता था। इसके बाद हमास ने यहां से पीए को गाजा पट्टी से बाहर कर दिया गया था और तब से इस क्षेत्र पर शासन कर रहा है। वर्तमान में पीए केवल वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है। नेशनल लिबरेशन मूवमेंट का अरबी भाषा में संक्षित रूप है। फतह की स्थापना जुलाई 1965 में यासर अराफत द्वारा की गई थी। यह खुद को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवादी संगठन बताता है। महमूद अब्बास वर्तमान में इसकी बागडोर संभाल रहे हैं। फतह पीए का प्रमुख घटक है, जो फलस्तीन के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के लगभग 40 फीसदी इलाके पर शासन करता है। 2006 के विधान परिषद चुनाव से पहले यह गाजा पट्टी पर नियंत्रण करत रहा था। हालांकि, 2006 में हुए विधान परिषद चुनावों में इसे हमास की राजनीतिक शाखा से हार झेलनी पड़ी। इसके साथ ही फतह ने गाजा पट्टी पर नियंत्रण भी खो दिया।

हमास दुनिया में इस्राइली पर हमला करने वाले एक आतंकी सगठन के रूप में कुख्यात है। हालांकि, फलस्तीन की राजनीति में यह एक प्रमुख राजनीतिक दल भी है। हमास या इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन की स्थापना फलस्तीन इंतिफादा विद्रोह के दौरान 1987 में की गई थी। इसे ईरान का समर्थन मिला था और इसकी विचारधारा मुस्लिम ब्रदरहुड की इस्लामी विचारधारा से मेल खाती थी। मुस्लिम ब्रदरहुड की स्थापना मिस्र में 1920 के दशक में की गई थी। हमास की स्थापना शेख अहमद यासीन ने की थी। साल 1987 में यासीन ने इस्राइल के खिलाफ पहले इंतिफादा की घोषणा की थी।

इंतिफादा आमतौर पर बगावत या विद्रोह को कहा जाता है। 1988 में हमास ने कहा था कि इसकी स्थापना फलस्तीन की मुक्ति के लिए हुई है। हमास के सशस्त्र विभाग का गठन 1992 में हुआ। साल 1993 से लेकर साल 2005 तक हमास ने इस्राइल में कई आत्मघाती हमले किए। हमास का 2007 से गाजा पट्टी पर शासन है। उस समय हमास ने वेस्ट बैंक में सत्ता पर काबिज और पीएलओ के प्रमुख राष्ट्रपति महमूद अब्बास के लड़ाकों को एक गृह यु( में मात दे दी थी। 2006 में फलस्तीनी संसदीय चुनावों में जीत के बाद गाजा इलाके पर हमास का कब्जा हो गया। आखिरी बार वहां चुनाव उसी समय हुए थे। उस दौरान हमास ने अब्बास पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। दूसरी ओर, अब्बास ने गाजा पर हमास के कब्जा करने को तख्तापलट बताया था।

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