हमास के समर्थकों ने क्यों कहा हम भारत से लेंगे बदला!
इन चार गैंग को दिया बड़ा टारगेट
फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास की वेबसाइट को इस्राइल पर हमले के बाद हैक कर लिया गया। ऐसा करने से हमास की अपने समर्थक देशों को दी जाने वाली न सिर्फ जानकारी बल्कि मांगे जाने वाले सहयोग का रास्ता बंद हो गया है। अपने ऊपर हुए साइबर अटैक से बौखलाए फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास के समर्थक साइबर हैकर्स ने अपनी हैक की हुई वेबसाइट के पीछे भारत का हाथ बताया है। यही नहीं हैकर्स के कई ग्रुप ने मिलकर भारत की कई वेबसाइट को निशाना बनाने की कोशिश भी की।
खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक, इन आतंकी समर्थकों के हैकर्स ग्रुप में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका, फ्रांस, यूक्रेन जैसे देशों में भी साइबर हमले करने की चेतावनी दी है। हमास समर्थको के इन हैकर्स का कहना है कि भारत ने इस्राइल को मदद का भरोसा दिया है इसलिए वह उनके साइबर स्पेस में बड़ा यु( करने वाले हैं। फिलहाल, अमर उजाला के पास इन इंटरनेशनल गैंग की ओर से हमास का पक्ष लेते हुए भारत को धमकी देने वाला पूरा कच्चा चिट्ठा मौजूद है। सूत्रों के अनुसार, फलस्तीन के आतंकी संगठन हमास की ओर से इस्राइल पर किए गए अब तक के सबसे बड़े हमले के बाद उनके साइबर सिस्टम को पूरी तरीके से ध्वस्त कर दिया गया। हमास के साइबर सिस्टम के ध्वस्तीकरण के बाद उनकी ओर से तकनीकी तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली उन सभी व्यवस्थाओं पर रोक लग गई, जिससे वह अपने नेटवर्क को यु( के इस दौर में बहुत बड़ी उम्मीद के साथ अपने समर्थक देश से संपर्क में बनाए हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, रविवार सुबह दस बजे बाद ;इस्राइल के समयानुसारद्ध हमास की वेबसाइट को हैक करके उसका पूरा नेटवर्क ध्वस्त कर दिया गया। इसके अलावा वेबसाइट पर इस्लामिक आंदोलन की ओर से जारी की गई सूचनाओं को भी पूरी तरीके से बदल दिया गया। दरअसल, जानकारों का कहना है कि इस्राइल पर हमले के दौरान ही आतंकी संगठन हमास की वेबसाइट से अपने समर्थकों के लिए कई तरह के संदेश भी प्रसारित किए जा रहे थे। इसमें आतंकी संगठनों न सिर्फ अपने आंदोलन के बारे में जानकारियां साझा की हुई थी, बल्कि इस्राइल पर हुए हमले को जायज ठहराने के अपने तर्क भी दिए गए थे। सूत्रों के मुताबिक जैसे-जैसे इस्राइल ने हमास के ऊपर हमले तेज करना शुरू किया, उसी के साथ साइबर स्पेस में भी यु( का आगाज हो गया। इस्राइल के समय अनुसार सुबह तकरीबन 10 बजे इस वेबसाइट के हैक होने के साथ ही हमास समर्थको ने इसके पीछे न सिर्फ भारतीय हैकर के हाथ होने की बात कही। बल्कि साथ ही साथ भारत की कई वेबसाइट पर भी अटैक करने की योजनाएं बनानी शुरू कर दी। इस साइबर वार में आतंकी संगठनों के समर्थकों की ओर से न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका फ्रांस यूक्रेन जैसे देशों में भी साइबर स्पेस में यु( की घोषणा की गई। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दुनिया के अलग- अलग देशों से वेबसाइट को हैक करने वाले गैंग हमास के समर्थन में सक्रिय हो गए। इन गैंग में सिलहट गैंग, गार्नेशिया टीम, पैनोक टीम समेत गैनोसेक ने हमास की वेबसाइट को हैक किए जाने का बदला लेने के लिए भारत सरकार की कुछ वेबसाइट पर अटैक करने की तैयारी शुरू कर दीं। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस दौरान गार्नेशिया टीम में कहा कि इस्राइल के समर्थन में भारत की ओर से फलस्तीन की हमास फोर्स की वेबसाइट पर हमला बोला गया है। भारतीय हैकर्स की ओर से ही उनकी इस महत्वपूर्ण वेबसाइट को यु( के सबसे महत्वपूर्ण दौर में हैक करके उनको कमजोर करने की कोशिश की गई है। इसलिए अब उनके गैंग भारत की वेबसाइट पर साइबर अटैक करके इजरायल के समर्थक होने का सबसे बड़ा बदला लेगी। केंद्रीय खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक, सिर्फ गार्नेशिया टीम ही नहीं बल्कि अन्य इंटरनेशनल हैकर्स के ग्रुप ने भारत के साथ-साथ अमेरिका फ्रांस यूक्रेन समेत कुल सभी देशों को धमकी दी है, जिन लोगों ने इस्राइल के समर्थन में मदद को हाथ बढ़ाया है। हालांकि, इन हैकर्स की धमकी का कोई असर भारत पर नहीं हुआ। सूत्रों का कहना है कि हैकरों के अंतरराष्ट्रीय गैंग की ओर से की जाने वाली इस तरीके की हरकत की जानकारी उनको बहुत पहले ही मिल चुकी थी। इसलिए वह इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस दौरान हमास के समर्थक साइबर हैकर गैंग में दिल्ली सरकार की वेबसाइट को हैक करने का दावा किया। हालांकि हैकर्स का यह दावा महज अफवाह ही थी क्योंकि जिस दिल्ली सरकार की साइट को हैक करने का दावा हमास समर्थक हैकर्स कर रहे थे वह सही रूप से काम कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक जिस तरीके से इजराइल में हमास की ओर से यु( की शुरुआत की गई है उसका असर साइबर स्पेस वाॅर के तौर पर भी आने वाले दिनों में जबरदस्त रूप से देखा जाएगा। हालांकि, हमास समर्थकों ने जिन देशों में इस तरीके के हमले की चेतावनी दी है वह सभी देश साइबर स्पेस में सबसे मजबूत माने जाते हैं। बावजूद इसके हर स्तर पर इसकी निगरानी और मजबूती के साथ हमले का जवाब देने की तैयारी की जा चुकी है।