योगी का सपना साकार-अमेरिका में खुला सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
विश्व में बड़ी भारत की साख, आधुनिक युग में भारत की बाहरी दुनिया में सबसे बड़े मंदिर को दर्शन के लिए खोला गया। जयकारों से गंूजा न्यू जर्सी का राबिन्सविले।
नई दिल्ली। 12 वर्षों की योजना और निर्माण के बाद, आधुनिक युग में भारत के बाहर सबसे बड़ा हिंदू मंदिर राबिन्सविले, न्यू जर्सी में जनता के लिए खुल गया है। हिंदू धर्मावलंबियों के साथ अमेरिका में निवास कर रही जनता ने यहां पहुंचकर हिंदू धर्म की आस्था को समर्पित इस भव्य मंदिर को देखा तो देखते ही रह गई। लोगों को यह निर्माण आश्चर्यजनक लगा। यह सपना जो 12 साल पहले हिंदू धर्म के विद्वान एक योगी ने देखा गया था, आज भारत के बाहर दुनिया में सबसे बड़े मंदिर के रूप में धरातल पर आकाश को चूमता नजर आ रहा था। इस मंदिर का कोना कोना और कण कण इसके निर्माण की संघर्ष गाथा को बयां कर रहा था। चारों और आस्था और भक्ति के संगम के बीच हर्ष और उल्लास का शोर गुंजायमान था।
इटली से संगमरमर, बुल्गारिया से लाया गया चूना पत्थर
कोलंबिया विश्वविद्यालय में हिंदू धर्म के विद्वान योगी त्रिवेदी ने कहा कि ये पत्थर जो कहानियां सुनाते हैं वे निस्वार्थ सेवा और भक्ति के अटूट संगम की हैं, जो हिंदू धर्म की ही एक शाखा और स्वामीनारायण संप्रदाय का मूल उद्देश्य है। लगभग 2 मिलियन क्यूबिक फीट पत्थर को हाथ से तराशने में कारीगरों और स्वयंसेवकों को कुल मिलाकर लगभग 4.7 मिलियन घंटे का समय लगा। इटली से संगमरमर की चार किस्में और बुल्गारिया से चूना पत्थर पहले भारत पहुंचे और फिर दुनिया भर से 8,000 मील से अधिक दूरी तय करके न्यू जर्सी पहुंचाया गया। फिर उन्हें एक साथ फिट किया गया, जिसके कारण 126 एकड़ भूमि के परिसर में भारत के बाहर सबसे बड़ा हिंदू मंदिर खड़ा हो पाया है।
दिल्ली और गुजरात के बाद न्यू जर्सी में तीसरा अक्षरधाम
राबिंसविले मंदिर बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था या बीएपीएस द्वारा निर्मित कई मंदिरों में से एक है, जो स्वामीनारायण संप्रदाय के भीतर एक विश्वव्यापी धार्मिक और नागरिक संगठन है। स्वामीनारायण आस्था परंपरा का अध्ययन करने वाले और उसका पालन करने वाले योगी त्रिवेदी ने कहा कि सेवा और भक्ति दो बुनियादी तत्व हैं जो इस बात की दृढ़ता को प्रदर्शित करते हैं कि न्यू जीर्स में इतना भव्य मंदिर कैसे बनाया गया। यह मंदिर नई दिल्ली और गुजरात में दो अन्य मंदिरों के बाद संगठन द्वारा बनाया गया तीसरा अक्षरधाम है और पहला विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बना है। यह संप्रदाय, जो अगले वर्ष उत्तरी अमेरिका में अपना 50वां वर्ष मनाएगा, दुनिया भर में 1,200 से अधिक मंदिरों और 3,850 केंद्रों की देखरेख करता है।
महिलाओं ने भी दिया मंदिर निर्माण में योगदान
योगी त्रिवेदी कहते हैं, मंदिर हजारों स्वयंसेवकों की सेवा के बिना संभव नहीं होता, जिनमें से कई ने स्कूल से समय निकालकर विभिन्न क्षमताओं में इस सबसे बड़े मंदिर सेवा की। उन्होंने कहा कि यह पहला हिंदू मंदिर हो सकता है, जहां कारीगरों की देखरेख में महिलाएं वास्तविक मंदिर निर्माण में शामिल थीं। दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर परिसर अंकगोर वाट है, जिसका निर्माण मूल रूप से कंबोडिया के क्रॉन्ग सिएम रीप में 12वीं शताब्दी में किया गया था, और राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा हिंदू भगवान विष्णु को समर्पित किया गया था। अब इसे हिंदू-बौद्ध मंदिर के रूप में वर्णित किया गया है, और यह 1,199 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।