रालोद विधायक अशरफ के किले में दफन हैं 1444 सनातनी पूर्वज, रानियों ने किया था जल जौहर
संभल के बाद अब रालोद विधायक अशरफ अली के किले पर हिंदूवादी नेताओं ने खड़ा किया विवाद, प्रशासन ने किले की खोदाई कराने की मांग
शामली। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद विवाद के बाद चल रही खोदाई के बाद से ही पूरे उत्तर प्रदेश में एक नया आंदोलन शुरू हो चुका है, इसी कड़ी में अब केन्द्र सरकार में मंत्री जयंत चौधरी की पार्टी के विधायक अशरफ अली के किले मनहार खेड़ा को लेकर विवाद लगातार गहराता ही जा रहा है। थानाभवन सीट से विधायक अशरफ के जलालाबाद कस्बे में स्थित किले के अंदर पुरातत्व विभाग के द्वारा खुदाई करवाई जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में हिंदूवादी नेता और मनहार खेड़ा संघर्ष समिति के लोग शामली कलेक्ट्रेट पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया।
उनका आरोप है कि अशरफ अली के पास पैतृक सम्पत्ति के रूप में मौजूद मनहार किले में सनातनी पूर्वज रहे हैं और यहां पर उनका कत्लेआम किया गया। किले के अंदर उनके 1444 पूर्वजों की अस्थियां दबाई गई है, साथ ही उनकी पारिवारिक रानियां व बच्चियों के द्वारा किले में मौजूद कुएं में जल जौहर किया गया। उन्होंने उस कुएं की भी पुरातत्व विभाग के द्वारा खुदाई कराने और सभी अस्थियों को उन्हें सौंपने की मांग की है। हिंदूवादियों ने चेतावनी दी है कि यदि दो माह के अंदर इस पर प्रशासन ने विचार नहीं किया तो किले के अंदर ही घुसकर हिंदू समाज के लोग एक बड़ी पंचायत करेंगे।
दरअसल आपको बता दें कि यह मामला जनपद शामली के कस्बा जलालाबाद स्थित राष्ट्रीय लोकदल थानाभवन से विधायक अशरफ अली के आवास का है। उनके किलेनुमा आवास को लेकर मनहार खेड़ा संघर्ष समिति के लोग दावा कर रहे हैं, कि यह किला उनके पूर्वजों का है। जहां जलाल खान ने उनके पूर्वजों की जहर देकर हत्या कर दी थी और किले पर कब्जा कर लिया था। वह सभी इस किले को पुरातत्व विभाग के संरक्षण में दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर बड़ी संख्या में नागरिक आज शामली कलेक्ट्रेट में पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद उन्होंने एडीएम परमानंद झा और एसडीएम हामिद हुसैन को एक ज्ञापन सौंपा।
1690 में जलाल खान ने 1444 सनातनियों को दावत पर बुलाकर दिया था जहर
मनहार खेड़ा किले के अंतिम राजा गोपाल सिंह की 16वीं पीढ़ी के वंशज भानु प्रताप सिंह ने दावा किया सन 1690 में जलाल खान ने दावत के नाम पर उनके 1444 पूर्वजों को जहर देकर मार दिया था और उनकी अस्थियों को किले के अंदर ही दफन कर दिया। यही नहीं किले में मौजूद रानियां व छोटी-छोटी बच्चियों ने एक कुएं के अंदर कूद कर जल जौहर किया था। उनके 1444 परिजनों व जौहर करने वाली रानियां और बच्चियों की अस्थियां आज भी किले के अंदर दफन है। खुदाई करके उनके पूर्वजों की हस्तियों को उनको सौंपा जाए, जिससे कि वह विधि विधान के साथ अस्थियों का गंगा में विसर्जन कर, उनकी आत्माओं को शांति दिला सके। उन्होंने मांग की की वर्तमान में उसे किले पर विधायक अशरफ अली का कब्जा है, जो की उत्तर प्रदेश में गठबंधन सरकार का हिस्सा है, कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाव में विधायक की मदद की जा रही है। आंदोलनकारी ने चेतावनी दी कि यदि दो माह के अंदर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह किले के अंदर ही एक विशाल हिंदू महापंचायत का आयोजन करेंगे और आगे की रणनीति वहीं पर तय की जाएगी।
शामली प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को भेजे मनहार किले के रिकॉर्ड
इस मामले में एसडीएम शामली हामिद हुसैन ने बताया कि आज मनहार खेड़ा समिति के सदस्य आए थे, वो जलालाबाद के किले को पुरातत्व विभाग के संरक्षण में ले जाने की मांग कर रहे हैं। हमसे पुरातत्व विभाग ने कुछ रिकॉर्ड मांगे गए थे, जो हमने भेज दिए हैं। इन लोगों की मांग है की किले के अंदर खुदाई की जाए, हम ज्ञापन को सक्षम जगह भेजेंगे और जो भी आदेश होगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। किले के अंदर खुदाई होगी या नहीं होगी यह पुरातत्व विभाग ही निर्णय लेगा और जैसा निर्देश होगा, उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
400 साल पुराना है किला, पिछले साल उठी थी नाम बदलने की मांग
मनहर खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति की तरफ से जलालाबाद किले को लेकर विवाद कई वर्षों से चल रहा है। पिछले साल 2023 में समिति के सचिव भानु प्रताप सिंह ने दर्जनों सदस्यों के साथ जाकर एसडीएम नितिका शर्मा से मुलाकात की और सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम एक प्रार्थना पत्र सौंपा था। समिति का दावा है कि सैकड़ों एकड़ परिसर में फैला सदियों पुराना यह किला हिंदुओं का था। समिति के सचिव के अनुसार, अभी का जो जलालाबाद किला है, वह हिंदू राजा का बनवाया हुआ है।
मुगल शासक औरंगजेब के कमांडर जलाल खान ने इस पर कब्जा कर लिया था। अशरफ अली का दावा है कि यह किला उनके पुरखों का है लेकिन हकीकत तो यह है कि किले के मालिक हिंदू राजा को जलाल खान ने जहर देकर मरवा दिया था। हमारी मांग है कि किले का नाम बदलकर मनहर खेड़ा कर दिया जाए। और साथ ही किले को एएसआई को सौंप दिया जाए। मनहर खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति के सदस्यों का दावा है कि किले का निर्माण सूर्यवंशी क्षत्रिय राजाओं ने किया था। दुर्ग का नाम मनहर किला था और यह 400 साल से अधिक पुराना है। जलाल खान ने हिंदू राजा को धोखे से जहर देकर यह किला कब्जा लिया था, जिसमें रालोद विधायक परिवार सहित रह रहे हैं।