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BKU CAMPAIGN---36 साल बाद दादा की राह पर चला पोता

मेरठ के कलीना गांव के अनुज कुमार ने राकेश टिकैत के आवास पर पहुंचकर ली भाकियू की प्राथमिक सदस्यता, भाकियू ने शुरू की पुराने कार्यकर्ताओं को जोड़ने की पहल, शहीद किसानों के परिवारों को बना रहे सूची।

BKU CAMPAIGN---36 साल बाद दादा की राह पर चला पोता
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन का केन्द्रीय नेतृत्व इस दिनों संगठनात्मक ढांचे के कील कांटे दुरुस्त करते हुए अपनी शक्ति बढ़ाने में जुटा हुआ है। 18 सितम्बर को लखनऊ कूच के आह्नान के साथ यूनियन एक बार फिर सरकार के सामने शक्ति प्रदर्शन की चुनौती से जूझ रही है। गांव गांव इसकी तैयारी की जा रही है तो ऐसे में संगठनात्मक शक्ति को जुटाने के लिए पुराने कार्यकर्ताओं के परिवारों को संगठन में ढूंढकर लाया जा रहा है। इसी पहल के एक परिणाम भी सामने आया। 80 के दशक में करमूखेडी आंदोलन के संघर्ष से जन्म लेने वाली भाकियू उसी दौर के अपने कार्यकर्ताओं के परिवारों तक पहंुचने में सफल हो रही है। ऐसे में 36 साल के बाद एक कार्यकर्ता का पोता यूनियन की सदस्यता ग्रहण करने भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के घर पहुंचा तो पुराने यादें ताजा हो गई।

भाकियू ने कई बड़े अंादोलन किये। यूनियन के इतिहास में 1987 का मेरठ आंदोलन भी बड़ा संघर्ष वाला रहा है। इस आंदोलन के दौरान महेन्द्र सिंह टिकैत ने किसानों को संगठन से जोड़ने की एक मुहिम चलाई थी। इसमें हजारों किसान यूनियन का झण्डा थामकर सदस्य बने और मेरठ में आंदोलन के दौरान ही सदस्यता अभियान चलाना पड़ा था। इस आंदोलन के सहारे मेरठ जनपद के गांव कलीना निवासी किसान महेन्द्र सिंह भी महेन्द्र सिंह टिकैत से जुड़े थे। महेन्द्र सिंह का पोता अनुज कुमार पुत्र सुरेश पाल भाकियू प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत के आवास पर मेरठ से आये कुछ किसानों के साथ पहुंचा। उसने अपने बाबा महेन्द्र सिंह के द्वारा 19 अगस्त 1987 को यूनियन की सदस्यता ग्रहण करने की जानकारी उनको देते हुए उसके लिए काटी गई पांच रुपये की सदस्यता रसीद भी राकेश टिकैत को दिखाई तो आंदोलन की याद ताजा हो गई। अनुज ने अपने दादा की भांति ही यूनियन के लिए काम करने की इच्छा जाहिर की तो राकेश टिकैत ने उनको प्राथमिक सदस्यता प्रदान की।


राकेश टिकैत के अनुसार अनुज के पिता सुरेश पाल यूनियन से लापता रहे, लेकिन पोते के जुड़ने पर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संगठन को पुराने कार्यकर्ता परिवारों के जुड़ने से शक्ति मिलेगी। यह हर्ष का विषय है कि 36 साल बाद महेन्द्र सिंह की तीसरी पीढ़ी के रूप में अनुज कुमार संगठन में आये। उस दौर में भी आंदोलन को मजबूती देने के लिए मेरठ क्षेत्र के गांवों से खाना आता था। आज भी यह परम्परा बनी है। उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए हम कमेटी बना रहे हैं, लेकिन जहां जिस गांव में संगठन खड़ा नहीं है, वहां पर किसान अपनी 11 या 21 सदस्य कमेटी बनाकर सूची मुख्यालय को दे सकते हैं। ये कमेटी किसान हितों को लेकर काम करेगी। उन्होंने कहा कि यूनियन ने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसान परिवारों तक पहुंचने और पुराने कार्यकर्ताओं के परिवारों को संगठन से जोड़ने के लिए मुहिम चलाई है। इसमें शहीद किसानों के परिवारों को तलाशकर उनकी पूरी सूची बनाई जा रही है। इन परिवारों से सम्पर्क करेंगे, उनके हितों के लिए काम किया जायेगा। उन्होंने पुराने कार्यकर्ताओं से ऐसे परिवारों की तलाश के लिए यूनियन की मदद करने का आग्रह भी किया। साथ ही कहा कि मेरठ में बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। यहां भूमि के लिए जो रेट तय किये गये हैं, उनमें काफी भिन्नता है। एक तरफ 800 रुपये मीटर का रेट है तो दूसरी ओर 270 रुपये का मूल्य दिया जा रहा है। ऐसे में किसान कैसे अपनी भूमि दे देगा। इसके लिए आंदोलन शुरू किया जा रहा है।

5 सितम्बर को चरथावल ब्लाॅक पर यूनियन की पंचायतः विकास शर्मा

मुजफ्फरनगर के ग्राम दधेडू में रविवार को भारतीय किसान यूनियन मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि युवा मंडल अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य पति विकास शर्मा के साथ में पुरकाजी ब्लाक अध्यक्ष मोनू प्रधान, मंडल महासचिव शाहिद आलम मौजूद रहे। सभा का संचालन एडवोकेट नदीम अहमद ने किया। यहां पर शहजाद प्रधान को जिलाध्यक्ष के दिशा निर्देश पर जिला सचिव नियुक्त किया गया।

इस मौके पर बिट्टू राठी, दीपक गुर्जर, युवा मंडल महासचिव शशि गुर्जर, ठाकुर मुकेश राणा, राजा गुर्जर, रणजीत सहित अन्य किसान मौके पर मौजूद रहे। मीटिंग में विकास शर्मा ने किसानों से आगामी 18 सितम्बर को यूनियन की लखनऊ में होने वाली महापंचायत को सफल बनाने के लिए जुट जाने का आह्नान किया। उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी और रूपरेखा बनाने के लिए 5 सितम्बर को चरथावल ब्लाॅक पर पंचायत की जायेगी। इसमें किसानों की स्थानीय समस्याओं को उठाया जायेगा। ग्राम दधेडू में सड़क पर तालाब का गंदा पानी भरने की वर्षों पुरानी समस्याओं को लेकर भी चर्चा की गई।

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