शाहीन बाग के उद्यमी भाईयों संग मुजफ्फरनगर में ठगी
पीएनबी की ई-ऑक्शन के सहारे शुरू हुआ धोखाधड़ी का खेल, पहले किया करोड़ों का फ्राड फिर कब्जा ली पूरी कंपनी, दिल्ली निवासी कारोबारियों की शिकायत पर मेरठ के कारोबारी भाईयों के खिलाफ 13 धाराओं में एफआईआर
मुजफ्फरनगर। दिल्ली के शाहीन बाग निवासी दो उद्यमी भाईयों को मुजफ्फरनगर में बड़ी ठगी का शिकार बनाया गया। पहले उनके साथ पीएनबी की संपत्ति की ई-ऑक्शन के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की गयी और फिर साजिशन उनको उनकी ही कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाकर फर्जी आधार पर कंपनी के डायरेक्टर बनाकर कंपनी को भी कब्जा लिया गया। आरोप है कि जब विरोध किया तो जानलेवा हमला किया गया। आज दिल्ली निवासी दो भाईयों ने जान का खतरा बताते हुए मेरठ निवासी दो भाईयों सहित 9 लोगों को नामजद कराते हुए 8-9 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 13 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार दिलशाद मलिक पुत्र मौ. जमालुद्दीन निवासी अबुल फजल पार्ट-2 शाहीन बाग ओखला नई दिल्ली ने थाना जानसठ में तहरीर दी। दिलशाद ने आरोप लगाया कि उसने अपने भाई इरफान मलिक के साथ अपनी कंपनी मैसर्स दिल्ली स्टील में पंजाब नैशनल बैंक मुजफ्फरनगर से 2 करोड़ 94 लाख 50 हजार रुपये कीमत की संपत्ति का ई ऑक्शन प्राप्त किया। इसके तहत दिल्ली निवासी कारोबारी भाईयों ने बैंक की शर्त के अनुसार संपत्ति की कुल कीमत का 10 प्रतिशत धन कंपनी के खाते से आरटीजीएस कर पीएनबी को जमा करा दिया था। बाकी रकम का बंदोबस्त करने के लिए दिलशाद ने अपने पुराने जानकार उमर फारूख पुत्र मुन्ना खान व उसके भाई अबरार कुरैशी पुत्र मुन्ना खान निवासीगण मौहल्ला राजा दरवाजा किठोर मोर परीक्षितगढ़ मवाना मेरठ से संपर्क किया। दिलशाद का आरोप है कि उमर और अबरार ने उनको भरोसा दिया कि वह कम कीमत पर संपत्ति का दोबारा ई आक्शन करा देंगे। इसके लिए दिलशाद और इरफान तैयार नहीं हुए।
दिलशाद का आरोप है कि इसी बीच उमर ने पैसों का प्रबंध करने में साजिशन देरी की और ई ऑक्शन का समय निकल गया। इसके कारण दिलशाद को 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ। नुकसान को पूरा करने के लिए दिलशाद ने दोबारा उमर और अबरार के साथ मिलकर पीएनबी की संपत्ति के ई ऑक्शन में हिस्सा लिया। आरोप है कि उमर और अबरार ने इस बार भी धोखा देने की नीयत से दिलशाद व उसके भाई इरफान कर विश्वास जीतकर गलत फायदा उठाया। आरोप है कि उमर व अबरार ने साजिशन ई ऑक्शन एसएम कानकास्ट प्राइवेट लिमिटेउ खसरा नम्बर 508 ग्राम सालारपुर जानसठ के नाम छुड़ा ली। इसमें यह तय हुआ कि इस कंपनी में दिलशाद और इरफान भी 50 फीसदी के हिस्सेदार रहेंगे। क्योंकि इस ई ऑक्शन में दिल्ली निवासी दोनों कारोबारी भाईयों ने 1 करोड़ 25 लाख रुपये की रकम बैंक में ट्रांसफर की थी। दिलशाद मलिक का कहना है कि 1 करोड़ 25 लाख रुपये की रकम अतिरिक्त मशीनों को खरीदने के लिए उमर और अबरार को दी गयी। इसके बाद दिलशाद और इरफान का नाम इस कंपनी में डायरेक्टर के रूप में दर्ज किया गया और इसको रजिस्ट्रार ऑफ कम्प्नीज कानपुर के यहां रजिस्टर्ड कराया गया।
22 अक्टूबर 2018 को जब दिलशाद ने दस्तावेज देखे तो पता चला कि उनकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत ही रखी गयी है। इस पर आपत्ति जताई तो उमर और अबरार ने अपने सीए राजीव मित्तल निवासी राजपुर रोड साकेत देहरादून उत्तराखंड के साथ मिलकर दिलशाद व इरफान को धोखा देने की नीयत से साजिश रची। आरोप है कि एसएम कनकास्ट कंपनी का कार्यालय मेरठ में और फैक्ट्री मुजफ्फरनगर में होने के कारण पूरा कंट्रोल उमर और अबरार के हाथों में रहा। इन्होंने कंपनी के दस्तावेज में अपनी सीए के साथ मिलकर हेरफेर करते हुए फर्जीवाडा किया और 2 नवम्बर 2018 को दिलशाद व इरफान के फर्जी हस्ताक्षर कर परिवर्तन कर दिया।
21 अक्टूबर 2021 को दिलशाद और इरफान को भगौडा घोषित कर अपनी जानकार सामिया अख्तर, संजीदा और असमा को कंपनी में डायरेक्टर बना दिया और दिलशाद व इरफान को निकालकर उनकी हिस्सेदारी भी हड़प ली। 31 मार्च 2021 को उमर और अबरार ने कंपनी के शेयरों में भी घोटाला किया। इसकी जानकारी होने पर दिलशाद और इरफान अक्टूबर 2021 में कंपनी के आफिस मुजफ्फरनगर में पहुंचे। आरोप है कि यहां पर उमर और अब रार ने उनको अंदर नहीइं आने दिया और जान से मारने की धमकी दी। 25 मार्च 2022 को उमर व अबरार से मिलने पहुंचे तो उमर, अबरार, मुन्ना कुरैशी, रहूफ कुरैशी ने अन्य आदमियों के साथ हथियारों से लैस होकर उन पर हमला कर दिया। इस मामले में दिलशाद मलिक ने आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। थाना प्रभारी जानसठ ने बताया कि आरोपियो उमर फारूख, अबरार, मुन्ना कुरैशी, रहूफ कुरैशी, सामिया अख्तर, संजिदा, असमा सहित 8-9 अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 465, 467, 468, 471, 147, 148, 149, 307, 352, 323 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी गयी है।