बाढ़ के पानी में आया कैमिकल, जांच कराये सरकारः टिकैत
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने पश्चिमी यूपी में बाढ़ को लेकर सरकार से मांगा उचित मुआवजा, कहा-ऐसा पानी किसानों ने पहले नहीं देखा, शत प्रतिशत फसल खराब होने से किसान परिवार बर्बाद
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत ने कहा कि इस साल जैसी बाढ़ आई, वैसी किसानों ने पहले कभी नहीं देखी। पानी पहले भी यहां नदियों में आया और फसलों तक पहुंचा, लेकिन इस बार कैमिकल युक्त पानी ने किसानों की शत प्रतिशत फसलों को खराब किया और इसी नुकसान के कारण काफी संख्या में किसान परिवार बर्बाद हो गये हैं। उन्होंने सरकार से बाढ़ के इस पानी की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराने के साथ ही किसानों को इस नुकसान का शत प्रतिशत मुआवजा दिये जाने की मांग की। साथ ही किसानों से 11 अगस्त के ट्रैक्टर तिरंगा मार्च के लिए तैयार रहने और अपना खाना पानी लेकर जिला मुख्यालय पहुंचने का आह्नान भी किया।
किसान नेता राकेश टिकैत के द्वारा सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी करते हुए कहा गया कि उन्होंने जिले में इस साल आई बाढ़ की जानकारी लेने के लिए गंगा का खादर के गांवों को देखा और किसानों के साथ पंचायत भी की। नदियों में इस साल जो पानी आया, वो अलग था, पूरी तरह से यह प्रदूषित पानी था, इसमें घातक कैमिकल था, जैसा कि तेजाब होता है, इससे पूरी फसलें तबाह हो गई। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। कहीं कोई साजिश तो नहीं रची गई है। उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर बाढ़ के इस पानी की जांच अवश्य होनी चाहिए। किसानों के पूरे के पूरे खेत बर्बाद हो गए हैं। उनको शत प्रतिशत नुकसान हुआ है। सरकार उनको उचित मुआवजा देने का काम करे। किसानों का कहना है कि पहली जो पानी आता था वो ठण्डा होता था, वो उतर जाता था, फसलों को नुकसान कम होता था। वहां पर अब आने वाले समय से सरसों आदि की बुवाई हो सकती है।
भाकियू नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने धान के निर्यात पर रोक लगा दी है, ये किसानों को मारने की बड़ी साजिश है। क्योंकि निर्यात के कारण किसानों को अपनी फसल का एक अच्छा मूल्य मिल जाता था। उन्होंने कहा कि क्या किसानों को बर्बाद करने का षडयंत्र केन्द्र सरकार ही रच रही है। हमें यह साजिश रच रही है। उन्होंने किसानों से अपनी समस्याओं के लिए आंदोलन पर उतरने का आह्नान करते हुए कहा कि 11 अगस्त को प्रदर्शन है। हमारी मंाग है दस साल पुराना डीजल से चलने वाला वाहन ट्रैक्टर है और इसमें गांव के लोगों की गाड़ियां भी है, क्या रोडवेज की बसों को बंद किया गया है। वो चल रही हैं तो किसानों के ग्रामीणों के पुराने वाहन चलने पर ही पाबंदी है। रोडवेज बसें प्रतिदिन चलती हैं और काफी लंबा सफर करती हैं, क्या किसान का ट्रैक्टर प्रतिदिन चलता है। वाहनों पर पाबंदी किलोमीटर के आधार पर हो, न कि साल के आधार पर किया जाये।
11 अगस्त को बड़ा ट्रैक्टर मार्च प्रदेश में होगा। सरकारों की गलत नीतियों के विरोध में यह प्रदर्शन है। सरकार किसी भी दल की हो, हमारा मामला सरकार से है, किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं है। देश में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को बुलाया जायेगा तो किसान और व्यापारी ही बर्बाद होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी हमारे आंदोलन लगातार चलते रहेंगे। 13, 14 और 15 अगस्त को पंजाब में प्रोग्राम हैं। 15 अगस्त को बाघा बाॅर्डर की परेड में शामिल रहेंगे। 20 अगस्त को कर्नाटक में एक पंचायत रहेगी। इसके साथ ही 18 सितम्बर को लखनऊ में बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने सभी से इन आंदोलन के लिए अपनी अपनी तैयारी रखने का आह्नान किया। इसके साथ ही भाकियू युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने भी 11 अगस्त के प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए गांवों का भ्रमण किया। उन्होंने अलावलपुर माजरा में किसानों के साथ मीटिंग करते हुए 11 अगस्त को जिला मुख्यालय पर पहुंचने का आह्नान करते हुए कहा कि तिरंगा और ट्रैक्टर के साथ ही खाना और पानी भी लेकर किसान डीएम दफ्तार को घेरेंगे। यह आंदोलन ऐतिहासिक होगा।