मुजफ्फरनगर.....जिले की निकायों में डीएम राज स्थापित
शासन के नये निर्देश पर जिलाधिकारी ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी, एडीएम और ईओ के हाथ रहेंगे निकायों के वित्तीय अधिकार, कमेटी के अध्यक्ष के रूप में निगरानी करेंगे जिलधिकारी, कोई भी मेजर पॉलिसी डिसीजन नहीं लेगी कमेटी, 04 जनवरी को प्रमुख सचिव ने कमेटी गठन कर आदेश किया था जारी, वित्तीय अधिकार को लेकर उलझा था मामला
मुजफ्फरनगर। जनपद में नगर निकायों में बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के करीब पांच दिन बाद अखिरकार शासन द्वारा रास्ता साफ कर देने के बाद अब पूरी तरह से डीएम राज स्थापित हो गया है। इसके लिए हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में शासन से आये नये आदेशों के अनुरूप जिलाधिकारी ने अपनी अध्यक्षता में जनपद के दस नगर निकायों में दैनिक कार्यों के संचालन और विकास कार्यों की देखरेख के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। इससे पहले आये शासनादेश में वित्तीय अधिकार को लेकर व्यवस्था स्पष्ट नहीं होने के कारण कमेटी का गठन नहीं किया गया था। अब डीएम ने निकायों में वित्तीय अधिकार के लिए संयुक्त रूप से एडीएम प्रशासन और अधिशासी अधिकारी को अधिकार सौंपे हैं। दोनों मिलकर ही खातों का संचालन करेंगे। इसके साथ ही निकायों में बोर्ड कार्यकाल की समाप्ति के बाद से रूका हुआ कामकाज पटरी पर लौटेगा। वहीं नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के कर्मचारियों को भी दो माह का लंबित वेतन मिलने की उम्मीद जग गयी है।
बता दें कि निकायों के कार्यकाल के लिए प्रमुख सचिव नगर विकास ने 12 दिसम्बर को जारी आदेश में व्यवस्था दी थी कि जहां पर भी निकाय के निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होगा, वहां पर निकायों के संचालन का कार्य प्रशासक के रूप में अधिशासी अधिकारी संभालेंगे। इस मामले में हाईकोर्ट में रिट की सुनवाई के दौरान 27 दिसम्बर को आये आदेश में शासन की इस व्यवस्था को भी बदल दिया गया। हाईकोर्ट ने आदेश दिये थे कि बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जायेगा, जिसमें डीएम अध्यक्ष रहेंगे और उनके साथ निकाय के नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारी के अलावा डीएम एक जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में नामित कर सकते हैं। हाईकोर्ट के इसी आदेश को लेकर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों को 04 जनवरी 2023 को निकायों के संचालन के लिए नया आदेश जारी किया था, इसमें हाईकोर्ट इलाहाबाद के फैसले का हवाला देते हुए डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिये गये थे। जनपद में पांच जनवरी को बोर्ड के कार्यकाल समाप्त होने पर उम्मीद की जा रही थी कि यहां पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन पहले दिन से ही हो जायेगी, लेकिन 10 जनवरी तक भी यह गठन नहीं हो पाया। सूत्रों के अनुसार शासन से आये आदेश के तहत वित्तीय अधिकार का मामला स्पष्ट नहीं किया गया था। निकायों में वित्तीय अधिकार को संभालने के लिए पेंच फंस जाने के कारण ही जनपद में निकायों के संचालन के लिए कमेटी का गठन नहीं हो पाने से सभी दस निकायों में कामकाज ठप होकर रह गया था। नगरपालिका मुजफ्फरनगर में तो बोर्ड कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद भी पालिका कर्मियों की नवम्बर और दिसम्बर माह की वेतन भी अधर में लटकी हुई है।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में अब प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश अमृत अभिजात ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 10 जनवरी को नया आदेश जारी किया है। इसमें वित्तीय अधिकार दिये जाने की स्थिति भी स्पष्ट कर दी गयी है। इसके अनुसार ही जिलाधिकारी ने नगर निकायों के प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकारों के निर्वहन के लिए अपनी अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। इसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे और एडीएम प्रशासन/प्रभारी अधिकारी नगर निकाय के अलावा संबंधित निकाय के अधिशासी अधिकारी को बतौर सदस्य नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जनपद की दो नगरपालिका परिषद् और आठ नगर पंचायतों में अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं संबंधित अधिशासी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से आहरण वितरण का कार्य निष्पादित किया जायेगा। साथ ही यह गठित समिति शासन के आदेशों के अनुसार केवल दैनिक प्रशासनिक कार्यों, पूर्व में चल रहे कार्य व विकास कार्य, योजनाओं के पर्यवेक्षण एवं क्रियान्वयन को सुचारू रूप से सम्पादित करेगी। इस कमेटी को कोई भी मेजर पॉलिसी डिसीजन लेने का अधिकार नहीं होगा। डीएम ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि 04 जनवरी और 10 जनवरी को प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा जारी शासनादेश का अक्षरशः अनुपालन करने का उत्तरदायित्व अधिशासी अधिकारी का होगा।
एडीएम छुट्टी पर वेतन के लिए सोमवार तक करना पड़ेगा इंतजार
निकायों में कमेटी गठन होने और वित्तीय अधिकार से जुड़ा पेंच भी निकल जाने पर जनपद के अन्य निकायों में कामकाज पटरी पर आने के साथ ही नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के कर्मचारियों को वेतन मिलने के लिए अभी सोमवार तक इंतजार करना होगा। जनपद में नगर निकायों में कमेटी सदस्य के रूप में वित्तीय आहरण वितरण के लिए अधिकृत किये गये एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह के अवकाश पर होने के कारण अभी पालिका कर्मियों के वेतन का आहरण आदेश जारी नहीं हो पायेगा। पालिका के नियमित कर्मियों को नवम्बर और दिसम्बर माह की वेतन नहीं मिली है, जबकि यहां पंचम राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत वेतन आदि मद में नवम्बर और दिसम्बर के लिए शासन से 11 करोड़ 09 लाख 22 हजार 718 रुपये की ग्रांट भी प्राप्त हो चुकी है। इसमें नवम्बर माह के 5 करोड़ 42 लाख 11 हजार 359 और दिसम्बर माह के लिए 5 करोड़ 67 लाख 11 हजार 359 रुपये की ग्रांट प्राप्त हुई है। पैसा भरपूर होने के बाद भी कर्मचारी वेतन पाने को तरस रहे हैं।