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17 साल पुराने मामले में किसान मसीहा स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के एनबीडब्ल्यू जारी

भौराकलां पुलिस सिसौली स्थित आवास पर वारंट लेकर पहुंची तो खुली व्यवस्था की पोल, 2007 में कांधला के खंदरावली में किया था प्रदर्शन, भाजपा एमएलसी के पुत्र मनीष चौहान व महेन्द्र सिंह टिकैत सहित दस हुए थे नामजद

17 साल पुराने मामले में किसान मसीहा स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के एनबीडब्ल्यू जारी
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मुजफ्फरनगर। शामली के कांधला थाना क्षेत्र में जाम लगाने के मामले में 17 साल पहले दर्ज कराये गये मुकदमे में भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत और भाजपा एमएलसी वीरेन्द्र सिंह के पुत्र पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान समेत 10 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए जाने से हलचल मच गई है। जबकि भाकियू अध्यक्ष स्वर्गीय महेंद्र सिह टिकैत का निधन 13 साल पहले हो चुका है। पुलिस की लापरवाही के कारण मौत के 13 साल बाद भी अदालत में महेन्द्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र जमा नहीं होने के कारण एसीजेएम कोर्ट से उनके वारंट जारी कर दिए गए हैं। भौराकलां पुलिस ये वारंट लेकर भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत के सिसौली स्थित आवास पर पहुंची तो मामले की जानकारी मिली और यह वारंट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसको लेकर भाकियू नेता भी नाराज हैं कि आखिर पुलिस इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकती है।

आंदोलन के जरिए किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले भाकियू के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने कांधला क्षेत्र के गांव खंदरावली में किसानों को साथ लेकर उनकी समस्याओं के निदान की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान सड़क पर जाम लगाने के मामले में महेन्द्र सिंह टिकैत के अलावा पूर्व मंत्री और वर्तमान में भाजपा के एमएलसी वीरेंद्र सिंह के बेटे निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान उर्फ मोनू सहित दस लोग नामजद किए गए थे। मुकदमा अपराध संख्या 265/2007 धारा 147 व 341 आईपीसी कांधला थाने पर दर्ज करते हुए चार्जशीट कोर्ट में भेज दी गई थी। अब एसीजेएम कैराना जनपद शामली ने वाद संख्या 2711/2024 के अन्तर्गत सरकार बनाम मनीष उर्फ मोनू आदि के मामले में भाकियू अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किये गये हैं।


भौराकलां पुलिस ने बताया कि कैराना के एसीजेएम कोर्ट में कांधला पुलिस आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत में हाजिर नहीं होने पर महेन्द्र सिंह टिकैत और मनीष चौहान उर्फ मोनू समेत सभी 10 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए गए हैं। असल में टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक बचाव पक्ष या पुलिस की ओर से अदालत में पेश नहीं किया गया है। इस वजह से उनका नाम मुकदमे से नहीं हटाया जा सका। शुक्रवार को इस मुकदमे में एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई भी हुई। महेन्द्र सिंह टिकैत के गैर जमानती वारंट जारी होने पर भाकियू के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने पुलिस व्यवस्था पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि विडम्बना ही है कि जिन्दा आदमियों को मृत घोषित कर दिया जाता है और जिनको देश में किसान मसीहा के रूप में याद किया जाता है, उनके निधन के 13 साल के बाद भी कोर्ट में चल रहे मुकदमे में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र पुलिस द्वारा जमा ही नहीं किया गया है। यह व्यवस्था पर सवाल उठाता है। उन्होंने बताया कि भौराकलां पुलिस एसीजेएम कोर्ट से जारी वारंट लेकर भाकियू अध्यक्ष के सिसौली स्थित आवास पर पहुंची थी, तब जाकर इस मुकदमे की जानकारी मिली।

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