अब किसानों को वापस करनी होगी सम्मान निधि, चूके तो होगी जबरिया वसूली
तमिलनाडु में जांच के दौरान 13 जिलों में 90 हजार अपात्र किसानों की पहचान की जा चुकी है। पिछले कुछ महीनों में हुई जांच में 5.5 लाख अपात्र किसानों के सहारे इस योजना में 110 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।
मुजफ्फरनगर। किसानों को राहत प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित की गयी किसान सम्मान निधि योजना में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए किसानों से इस योजना में दी गयी आर्थिक सहायता वापस लेने का ऐलान किया है। इसमें ऐसे किसानों को प्राप्त की गयी रकम वापस करनी होगी, जो योजना में अपात्र हैं। ऐसे किसानों को सरकार ने सम्मानपूर्वक सम्मान निधि का पैसा लौटाने का मौका दिया है, इसमें चूकने पर किसानों से जबरिया वसूली की जायेगी। इसके लिए उप कृषि निदेशक ने अपात्र किसानों से रकम लौटाने की अपील करते हुए उनको धन वापसी का तरीका भी समझाया है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को भी लगाया गया है।
बता दें कि कोरोना काल में दलालों के द्वारा फर्जी तरीके से किसानों को पात्रता नहीं होने पर भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ा गया, तमिलनाडु में जांच के दौरान 13 जिलों में 90 हजार अपात्र किसानों की पहचान की जा चुकी है। पिछले कुछ महीनों में हुई जांच में 5.5 लाख अपात्र किसानों के सहारे इस योजना में 110 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इसमें से सरकार के दबाव में अपात्र किसानों ने 32 करोड़ रुपये की राशि वापस कर दी है। इससे स्पष्ट है कि इसमें कितना बड़ी धांधली की गयी है। इसी के तहत ही अब मुजफ्फरनगर जनपद में भी किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र किसानों से सम्मानपूर्वक धनराशि वापस मांगी जा रही है।
उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया ने इस संबंध में पत्र जारी करते हुए बताया कि जनपद में संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत अपात्र किसानों से योजना के अन्तर्गत प्राप्त की गयी धनराशि वापस लेने के निर्देश सरकार ने दिये हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना में भूमिहीन, सरकारी सेवक, पेशेवर व्यक्ति, आयकर दाता, भूतपूर्व अथवा वर्तमान संवैधानिक पदधारक, मंत्री, राज्यमंत्री एवं पेंशनर, जिनकी पेंशन 10 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक होते हुए भी वह किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं, वह अपनी प्राप्त की गई सभी किश्तों की धनराशि को वापस करेंगे। इनको सरकार ने स्वेच्छा से धनराशि वापस करने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि ऐसे किसान अपनी प्राप्त की गयी धनराशि भारत सरकार के पोर्टल भारतकोष डाॅट जीओवी डाॅट इन पर औनलाइन जमा कर वापस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि धन वापसी के लिए इस आॅनलाइन पोर्टल से प्राप्त एक रसीद किसानों को उनके कार्यालय में जमा करानी होगी। उन्होंने इसके लिए पूरी प्रक्रिया की जानकारी किसानों को दी है। जो किसान पोर्टल पर रकम वापस करने में समर्थ नहीं है, उनके लिए विभागीय स्तर पर कर्मचारियों और अधिकारियों को लगाया गया है। उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह तेवतिया के अनुसार कृषि विभाग में न्याय पंचायत स्तर पर कार्यरत एटीएम या बीटीएम एवं प्राविधिक सहायक गु्रप सी, विकास खण्ड स्तर पर स्थित प्रभारी राजकीय कृषि बीच भण्डार से भी किसान सहायता ले सकते हैं। जनपद स्तर पर यह कार्य उप कृषि निदेशक कार्यालय में कार्यरत अवर अभियंता राधेश्याम से भी कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि यदि किसान अपात्र होने के बाद भी अपनी प्राप्त की गयी धनराशि वापस नहीं करते हैं तो विभागीय स्तर पर उनसे भू राजस्व की भांति जबरिया वसूली का कदम उठाया जायेगा।
उप कृषि निदेशक जसवीर सिंह ने बताया कि जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 2 लाख 10 किसानों को 500 रुपये प्रतिमाह की दर से धनराशि की किश्त भुगतान की गयी है। इस योजना में एक वर्ष में किसान को 6 हजार रुपये की धनराशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में अभी कोई अपात्र किसान सामने नहीं आया है, लेकिन विभागीय स्तर पर इसके लिए भी काम किया जा रहा है। किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत आर्थिक लाभ पाने वाले किसानों का भौतिक सत्यापन भी कराया जा रहा है। इसमें यदि कोई अपात्र किसान सामने आता है तो उससे इसी प्रकार धनराशि वापस कराई जायेगी।