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संजीव बालियान बोले-हारकर मेरा तो गाड़ी-बंगला जायेगा, जनता ने कर लिया अपना बड़ा नुकसान

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा-जनता का मिला बहुत दुलार, मेरी कमी से हुई हार, पांच विधानसभाओं की जनता ने दस साल काम करने का बड़ा अवसर दिया, हमने विकास का रिकॉर्ड बनाया

संजीव बालियान बोले-हारकर मेरा तो गाड़ी-बंगला जायेगा, जनता ने कर लिया अपना बड़ा नुकसान
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मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के मुकाबला मुजफ्फरनगर सीट से पराजित हुए भाजपा के डॉ. संजीव बालियान ने खुले मन से अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की पांच विधानसभाओं की जनता ने उनको पिछले सालों में उनके तीनों ही चुनावों में भरपूर दुलार दिया, कहीं न कहीं उनकी अपनी कमी इस हार का कारण बनी है, जिसे वो स्वीकार करते हुए जनता का आभार प्रकट करते हैं। दो कार्यकाल में वो साढ़े आठ साल तक केन्द्र सरकार में मंत्री रहे और इन दस सालों में मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमने मिलकर ऐतिहासिक कार्य करते हुए रिकॉर्ड कायम किया है। उन्होंने जनता को यह भी याद दिलाया कि इन दस वर्षों में उनके सुख और दुख के साथ ही संकट की घड़ी में साथ खड़े रहे। इनमें खतौली ट्रेन हादसा, कोरोना महामारी और सीएए के दौरान हुए उपद्रव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों ने शहर को बंधक बनाने का काम किया और पुलिस मूकदर्शक बनी तो हमने ही आगे आकर जनता की सुरक्षा करते हुए उपद्रवियों को सबक सिखाने का काम किया है।

दंगों के बाद सीएए उपद्रव में जनता के साथ खड़े रहकर उपद्रवियों को सबक सिखाया

शहर के सरकूलर रोड स्थित होटल स्वर्ण इन में सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के छह दिन बाद मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से अपना तीसरा चुनाव सपा प्रत्याशी हरेन्द्र मलिक के सामने हारने वाले भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद संजीव बालियान ने कहा कि 2014 के चुनाव में जनता ने उनको एक तरफा प्यार और समर्थन देकर सांसद बनाया था। तब से आज तक इन बीते दस साल में उन्होंने प्रयास किया है कि वो जनता के हर सुख और दुख तथा संकट की घड़ी में मजबूत के साथ उनके बीच खड़े रहे। इस अवधि में यहां की जनता पर तीन बड़े संकट आये। पहले खतौली में ट्रेन हादसा हुआ तो हमने पूरी रात स्टेशन पर ही जागकर व्यवस्था कराने का काम किया। कोरोना महामारी बड़ी चुनौती और संकट लेकर आई। इसमें मैंने अपने दो भाइयों को खोया, इसके बावजूद भी जनता के बीच रहा, हर किसी को अस्पताल और ऑक्सीजन की पूर्ति कराने का प्रयास किया। तीसरा संकट सीएए के प्रदर्शन के दौरान उपद्रव के रूप में शहर की जनता ने झेला। इसमें उपद्रवियों को रोकने में पुलिस नाकाम रही। मैंने जनता के बीच आकर महावीर चौक से शिव चौक तक भ्रमण किया और उपद्रवियों को सबक सिखाने का काम किया गया।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही हमने जीतने के बाद मुजफ्फरनगर की राजनीति को बदलकर विकास की ओर लाने का प्रयास किया। अंग्रेजों के जमाने के रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कराया गया। रेलवे लाइन का दोहरीकरण, विद्युतीकरण हुआ। फ्रेट कॉरीडोर बनाया गया, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में हर गांव में सड़क बनाने का रिकार्ड भी बना। नेशनल हाइवे बनवाये गये। देश की पहली काऊ सेंचुरी का निर्माण कराया गया। आज वहां चार हजार बेसहारा पशुओं की देखरेख हो रही है। हैदरपुर वेटलैंड का उ(ार किया गया। उसको पर्यटन स्थल बनाया गया।

पूर्व सांसद ने दावा किया कि सबसे बड़ा काम विद्युत आपूर्ति की सुधार के लिए हुआ। दस साल में पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से नये बिजलीघर बने, फीडर सेपरेशन का काम हुआ। गांवों और शहरों में विद्युत आपूर्ति बेहतरीन हुई। वो सौभाग्यशाली हैं कि उनके आग्रह पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले खेल विश्वविद्यालय की स्थापना उनके लोकसभा क्षेत्र में ही कराई। आज इसके लिए सभी लोग श्रेय लेने की होड में आ गये हैं। उन्होंने कहा कि जनता पूरी तरह से तीनों चुनावों में मेरे साथ खड़ी रही है। 2024 की जंग में हार के लिए मैं स्वयं अपनी जिम्मेदारी लेता हूं, इसमें कहीं न कहीं मेरा व्यवहार और मेरा काम कुछ गलत रहा होगा, जो जनता ने अस्वीकार किया। जब जीत का श्रेय हम लेते हैं तो हार की जिम्मेदारी भी मेरी ही है, मेरी कमियों के कारण मुझे यहां पर पराजय मिली है। इसकी समीक्षा करेंगे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री के साथ प्रेस वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी, जिलाध्यक्ष मेरठ शिवकुमार राणा, लोकसभा प्रभारी देवव्रत त्यागी, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, जिला सहकारी बैंक के सभापति ठा. रामनाथ सिंह भी मौजूद रहे।

हार से मेरा तो गाड़ी बंगला ही जायेगा, जनता को बहुत नुकसान होगा

मुजफ्फरनगर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि ये हार मैं स्वीकार करता हूं, जनता ने जो जनादेश दिया है, वो शिरोधार्य है। इस एक हार से मेरा तो केवल गाड़ी और बंगला ही जायेगा, लेकिन पांच विधानसभा क्षेत्रों की जनता ने इस जनादेश के साथ बहुत कुछ खो दिया है। इस जिले के विकास के लिए उनके कई प्रोजेक्ट पाइप लाइन में थे, अब उनका पूरा होना सवालों के घेरे में आ गया है। इनमें आरआरटीएस परियोजना का मुजफ्फरनगर तक विस्तार, फ्रेट कॉरीडोर के बाद नया इण्डस्ट्रीयल एरिया बनाना, अम्बाला तक का नया हाईवे प्रोजेक्ट, सरकारी मेडिकल कॉलेज और सरकारी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी की स्थापना के साथ कुछ अन्य कार्य भी शामिल हैं। आरआरटीएस के लिए डीपीआर तैयार करा ली गई थी। इसका केन्द्र सरकार में अनुमोदन होना बाकी है। अब वो जनादेश के कारण मुजफ्फरनगर में विपक्ष में आ गये हैं और जनता की ओर से विपक्ष बनकर सांसद हरेन्द्र मलिक से विकास के लिए सवाल पूछते रहेंगे। इन प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए हरेन्द्र मलिक काम करेंगे तो वो जनहित में उनकी मदद करने को तैयार हैं। वो इन प्रोजेक्ट से जुड़े सारे दस्तावेज देने के साथ ही उनको तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध करायेंगे, वो चाहते हैं कि जनहित के लिए सांसद हरेन्द्र मलिक इन प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए काम करें ताकि जनता को लाभ मिल सके।

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