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BKU MAHAPANCHAYAT--ये आंदोलन खेत और खेती बचाने का हैः राकेश टिकैत

लखनऊ के ईको गार्डन में उमड़ा यूपी के किसानों का सैलाब, महापंचायत में भाजपा सरकारों पर साधा निशाना, यूनियन प्रवक्ता ने कहा-देश में अब वैचारिक क्रांति आयेगी, किसान संगठन ने महापंचायत में किसानों के साथ मजदूरों और पुराने पेंशन का मुद्दा भी उठाया।

BKU MAHAPANCHAYAT--ये आंदोलन खेत और खेती बचाने का हैः राकेश टिकैत
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मुजफ्फरनगर। देश में एमएसपी गारंटी कानून, पुराने पेंशन बहाली, आवारा छुट्टा पशुओं के आतंक से निजात, बाढ़ का मुआवजा, गन्ना मूल्य का भुगतान, फ्री बिजली के साथ ही किसानों और आम जनमानस के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन की लखनऊ में आयोजित किसान मजदूर अधिकार महापंचायत में प्रदेश भर से भारी संख्या में किसान जुटे और भाजपा सरकारों की नीतियों को लेकर रोष व्यक्त किया। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि किसानों को अपने हक के लिए सरकारों से आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने लखनऊ महापंचायत को किसानों के खेत और खेती बचाने का आंदोलन बताते हुए कहा कि किसानों के अधिकार को लेकर भाकियू संघर्ष कर रही है। राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर जनता से किए वायदे पूरा नहीं करने के आरोप भी लगाये हैं।

भारतीय किसान यूनियन द्वारा सोमवार को लखनऊ के पुरानी जेल ईको गार्डन में प्रदेशव्यापी किसान मजदूर अधिकार महापंचायत का आयोजन किया। इसमें प्रदेशभर से किसान भारी संख्या में पहुंचे, इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसानों की संख्या ज्यादा नजर आई। मुख्य रूप से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत ने इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सरकार को निशाने पर रखा। यहां पर राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने घोषणा पत्र में कहा कि हमारी सरकार आती है तो बिजली फ्री रहेगी। ये कहा कि एक साल के लिए फ्री देंगे, वो भी नहीं किया। भाजपा जनता को बताये कि उसका घोषणा पत्र झूठा था या फिर जनता को भ्रमित कर गुमराह किया जा रहा है। सरकार की हर बात छलावा है। सरकार आमने सामने बैठकर बात करने को तैयार नहीं है। जो भी लिखित में दिया जाता है, उस पर सरकार के स्तर पर कोई भी काम नहीं किया जाता है। पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में किसानों के लिए फ्री बिजली दी जा रही है। यूपी में किसानों को देश की सबसे महंगी बिजली दी जा रही है। आगरा में किसानों को बड़ी महंगी बिजली मिल रही है। कई कई लाख रुपये का बिल किसानों पर बकाया है। उनकी जमीन बिल चुकाने में बिक जायेगी। फ्री बिजली पाने के लिए विद्युत मीटर लगाने का काम किया जा रहा है, अब इन मीटर के सहारे फ्री बिजली कैसे आएगी, यह टैक्नालौजी हमें देखना है। ये आंदोलन किसान का खेत और खेती बचाने का आंदोलन है। ये सरकार पंूजीवादी नीति पर काम कर रही है। किसानों की फसल सस्ते दामों पर खरीदकर व्यापारी महंगे मूल्य पर बेच रहे हैं।


उन्होंने कहा कि हमारी बड़ी मांग यही है कि देश में एमएसपी गारंटी कानून लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही फसलों के दाम मिलने चाहिए, किसानों को भूमि का वाजिद दाम मिलना चाहिए। नौकरियों में सरकारों को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करनी चाहिए। विचारधारा से सभी जुड़े हुए हैं। वैचारिक क्रांति देश में आगामी दिनों में होगी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को लेकर लोगों को भाजपा उलझा रही है। ये सरकार धार्मिक, जातिगत आधार पर बांटना चाहती है। कृषि कानून में जीत के बाद ही सरकार किसान संगठनों को और खाप पंचायतों को बांटने में पूरी ताकत लगा रही है। ये लोग सभी धर्मों के खिलाफ बोले तो कोई आपत्ति नहीं, लेकिन कोई ओर बोलेगा तो इनको आपत्ति है। देश में ऐसा कानून लाया जाये जो कोई किसी धर्म के खिलाफ नहीं बोल पाये। सनातन धर्म को लेकर कहा कि 80 फीसदी सनातनियों की उपेक्षा नहीं की जा सकती और उन्हें इस देश से कौन खत्म कर सकता है।

राकेश टिकैत ने कहा कि हम राजनीति नहीं करते हैं। अभी हमने कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने मीडिया पर पूर्णरूप से कब्जा कर रखा है और भाजपा के लोग अब हमसे मिलना भी नहीं चाहते हैं। भाजपा के लोग देश में नये स्वरूप में हुए विपक्षी दलों के गठबंधन से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि धान की खरीद पर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। व्यापारी साठ प्रतिशत सस्ते में फसल खरीदते हैं। धान का खरीद मूल्य बढ़ाने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि किसानों को अधिक फायदा नहीं होगा। यह व्यापारी, अधिकारी और सरकार की मिलीभगत है। हजारों ट्रक धान बिहार और पूर्वांचल से भी आता है। गन्ने का भुगतान, आलू की फसल समस्या है, बाजरा किसानों की समस्या हैं, फसल आधी रेट पर बिक रही है। जिस प्रकार नेताओं को ईडी का डर दिखाकर लूटा जा रहा है, वैसा ही देश के गांव के किसानों के साथ सरकार बिजली विभाग का भय दिखा रही है। बिजली के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है, अगर किसी की नौकरी लगी है तो पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए। देश में आज बोलने का किसी को अधिकार ही नहीं है। इस लोकतंत्र में अब भीड़ तंत्र ही समस्या का समाधान पाने के लिए एकमात्र उपाय है। प्रदेश भर का किसान सोई हुई सरकार को जगाने और अपनी बात कहने के लिए यहां आया है। सरकार को सुनना चाहिए। किसान आज पीड़ा में है। महापंचायत के दौरान भाकियू की ओर से किसानों के लिए मुफ्त बिजली, गन्ने की कीमत, गन्ने का बकाया भुगतान, छुट्टा पशुओं की समस्या और एमएसपी पर गारंटी कानून तथा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने जैसी माँगों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने आगामी दिनों में आंदोलन के लिए एकजुटता के साथ तैयार रहने का आह्नान किया।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरते ही धरने पर बैठे किसान


सोमवार सुबह हजारों की संख्या में किसान लखनऊ पहुंचे। चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरते ही भाकियू मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा ने मौजूद किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर आवाज बुलंद की जा रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के चलते खेती किसानी अब लाभ का सौदा नहीं रहा। खाद और बीज व कीटनाशक के दाम आसमान पर पहुंच रहे हैं। जबकि गन्ना और अन्य फसलों के दाम उसके सापेक्ष नहीं बढ़ रहे हैं। बिजली की दरों में कमी लाने और ट्यूबवेल पर बिजली मीटर लगाए जाने के खिलाफ महापंचायत में आज हुंकार बुलंद की और आवारा पशुओं का मुद्दा भी जोर शोर से उठाया। हजारों किसान नौचंदी और अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों से से लखनऊ पहुंचे। यूनियन अध्यक्ष गौरव टिकैत और जिला अध्यक्ष योगेश शर्मा कर रहे हैं।

अब 21 सितम्बर को नोएडा में किसानों का ट्रैक्टर मार्च

भारतीय किसान यूनियन की लखनऊ महापंचायत भीड़ के लिहाज से काफी सफल रही। इसके साथ ही आगामी आंदोलन की रूपरेखा बनाने को यूनियन पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये। सूत्रों के अनुसार लखनऊ के ईको गार्डन में लाखो की संख्या में किसान पहुंचे। रेलवे स्टेशन से इको गार्डन तक जाम ही जाम नजर आया। इस महापंचायत में 21 सितंबर को नोएडा में आंदोलन का ऐलान किया गया है। फाॅर्मूला वन रेस ट्रैक दनकौर गौतमबु(नगर में ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकालने के लिए यूनियन के कार्यकर्ताओं और किसानों से तैयारी करने की अपील की गयी।

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