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उदय ने मुजफ्फरनगर में बिखेरा ‘आबकारी विकास’ का प्रकाश

जिला आबकारी अधिकारी के रूप में उदय प्रकाश ने स्थापित किया मील का पत्थर, जिले से सबसे बड़ा राजस्व देकर मंडल में पाया अव्वल नम्बर, चार डिस्टलरी की कराई स्थापना, इन्वेस्टर समिट में 570 करोड़ रुपये की पांच नई इकाईयों के निवेश का रास्ता किया साफ, यूपी की पहली फ्रूट वाइनरी की मुजफ्फरनगर में स्थापना कराने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

उदय ने मुजफ्फरनगर में बिखेरा ‘आबकारी विकास’ का प्रकाश
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मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर का आबकारी विभाग यूपी सरकार को राजस्व देने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। इस जिले में वैसे तो गुड और चीनी के कारोबार के साथ ही आयरन और पेपर उद्योग ने अपनी पहचान बनाई है, लेकिन अब यह जिला इटली और फ्रांस जैसी गुणवत्ता वाली फ्रूट वाइनरी के साथ ही एथनाॅल और देशी विदेशी मदिरा के उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ा हब बनने जा रहा है। इसके लिए जो रास्ता तैयार हुआ, उसके सहारे मंजिल तक पहंुच पाना इतना आसान नहीं था, लेकिन इसको अपनी सूझबूझ और कार्य के प्रति समर्पण की दृढ़ भावना तथा इच्छाशक्ति के कारण एक सुखद परिणाम में बदलने का काम जिला आबकारी अधिकारी के रूप में उदय प्रकाश ने किया। वो अपना चार साल का कार्यकाल कुछ ही दिनों से पूरा करने से चूक गये, लेकिन स्थानांतरण के बाद भी उदय प्रकाश इस जिले में अपनी एक अमिट छाप छोड़कर गये हैं।

उदय प्रकाश ने अपने कार्यकाल में आबकारी नीति के सहारे यहां पर रोजगार के संसाधन विकसित करने के लिए नये सूर्य का उदय तो किया ही, वो यहां पर ‘आबकारी विकास’ का प्रकाश भी फैलाने में सफल रहे हैं। उनके द्वारा मुजफ्फरनगर में चार नई डिस्टलरियों को शुरू कराया गया तो यूपी की पहली फ्रूट वाइनरी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। इसके साथ ही इन्वेस्टर समिट में सरकार की ईजी आॅफ डूईंग बिजनेस की नीति को कारगर करते हुए करीब 570 रुपये का निवेश प्राप्त करने में सफल रहे। यह निवेश जिले में पांच नई डिस्टलरियों की स्थापना का रास्ता खोलने जा रहा है। इसके अलावा अवैध शराब और तस्करों के खिलाफ वो अपने अभियान के लिए भी लोगों के बीच अविस्मरणीय याद छोड़कर जा रहे हैं।

जिला आबकारी अधिकारी के रूप में उदय प्रकाश ने मुजफ्फरनगर में 1438 दिन का कार्यकाल पूर्ण किया। वो मात्र 22 दिन की कमी से चार साल पूर्ण करने में चूक गये। 23 जून को शासन ने उनका स्थानांतरण शाहजहांपुर जनपद में कर दिया है। उदय प्रकाश ने 04 जुलाई 2019 को मुजफ्फरनगर में कार्यभार ग्रहण किया था। इसके बाद उन्होंने आबकारी विभाग का पूरी तरह से कायाकल्प कर दिखाया। जब वो यहां विभाग के मुखिया के पद पर कार्य करने के लिए आये तो विभागीय कार्यालय जनसुविधाओं के लिए भी तरस रहा था। उन्होंने विभागीय कार्यलय का कायाकल्प करते हुए वहां पर विभागीय अफसरों और कर्मचारियों के लिए कम्प्यूटराइज्ड कार्य व्यवस्था को स्थापित किया तो वहीं शौचालय, पेयजलापूर्ति जैसी जनसुविधाओं को विकसित कर कार्यालय को एक नई पहचान देने का काम किया।

इसके साथ ही उदय प्रकाश ने आबकारी नीति के तहत जनपद में नई डिस्टलरियों की स्थापना में उत्कृष्ट भूमिका का निर्वहन कराने का काम किया गया। उनके कार्यकाल में जिले को चार नई डिस्टलरी मिलीं। इनमें इंडियन पोटाश लि. की रोहाना कलां ग्राम बहेडी में डिस्टिलरी यूनिट की स्थापना हुई। मार्च 2022 में विभागीय लाइसेंस जारी कराकर उत्पादन प्रारम्भ कराया गया। क्रिस्टल बालाजी इण्डस्ट्रीज प्रा.लि. के द्वारा ग्राम बेगराजपुर में 200 केएलडी प्रतिदिन क्षमता की ग्रेन आधारित डिस्टलरी यूनिट की स्थापना होने पर 08 जुलाई 2022 को लाइसेंस निर्गत किया गया। ग्राम बढीवाला गोरधनपुर में ट्रू वाटर बेवरेजेस को 60 केएल प्रतिदिन क्षमता की ग्रेन आधारित डिस्टलरी यूनिट की स्थापना के लिए सितम्बर 2022 में लाइसेंस जारी कराया गया। वहीं शिव ओम दयाल एनर्जीज प्रा.लि. को ग्राम शेरपुर खादर में 65केएल प्रतिदिन क्षमता की ग्रेन आधारित डिस्टलरी यूनिट की स्थापना के लिए नवम्बर 2022 को लाइसेंस निर्गत किया गया। इसके साथ ही जब उत्तर प्रदेश में शासन के द्वारा साल 2021 में नई आबकारी नीति को लागू करते हुए फ्रूट वाइनरी उत्पादन के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया गया तो उदय प्रकाश ने ही मुजफ्फरनगर में यूपी की पहली फ्रूट वाइनरी की स्थापना का रास्ता साफ कर शासन और प्रशासन का दिल जीतने का काम कर दिखाया। उनके प्रयासों से केडी ग्रीन साॅल्यूशन प्रा. लि. के द्वारा मुजफ्फरनगर में आम, लीची, आडू, जामुन और अन्य फलों से इटली और फ्रंास जैसी गुणवत्ता वाली जापानी तकनीक पर आधारित फ्रूट वाइनरी की स्थापना कराई गई। मेरठ रोड पर शहर मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर केडी ग्रीन कंपनी द्वारा यह फ्रूट वाइनरी स्थापित की गयी है। जो यूपी की पहली वाइनरी बनने जा रही है। इसमें जल्द ही उत्पादन प्रारम्भ होने वाला है।

इतना ही नहीं आबकारी अधिकारी के पद पर रहते हुए उदय प्रकाश ने अभी तक शुगर बाउल, गुड उत्पादन और पेपर व आयरन उत्पादन में नाम कमाने वाले इस जनपद मुजफ्फरनगर को डिस्टलरी का हब बनाने का रास्ता भी साफ किया। यूपी कें ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ईजी आॅफ डूईंग बिजनेस की नीति के सहारे उदय प्रकाश ने इन्वेस्टर समिट में जनपद मुजफ्फरनगर में पांच निवेशकों को डिस्टलरी स्थापना के लिए आमंत्रित करने में सफलता पाई। इन निवेशकों ने मुजफ्फरनगर में 569.83 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव दिया। इनमें 120 करोड़ रुपये की लागत से राधा गोविंद इण्डस्ट्रीज प्रा. लि. और अनुराधा डिस्टलरी प्रा. लि. के द्वारा गे्रन आधारित डिस्टलरी में एथनाॅल उत्पादन का कार्य होगा। 160 करोड़ रुपये की लागत से एलकोबुल्स लि. के विपिन गिरी के द्वारा जनपद में नया डिस्टलरी प्लांट शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है, तो वहीं 204 करोड़ रुपये की लागत से क्रिस्टल बालाजी इण्डस्ट्रीज प्रा. लि. के कार्तिक स्वरूप के द्वारा 200 केएलपीडी एथनाॅल उत्पादन क्षमता का प्लांट लगाया जा रहा है। इसके अलावा 85 करोड़ रुपये की लागत से गेपडेक स्मार्ट टैक्नालाॅजी प्रा. लि. के संतोष शर्मा के द्वारा जनपद में 1.20 लाख एलपीडी ग्रेन आधारित डिस्टलरी लगाई जा रही है। जिसमें फ्यूल एथनाॅल का उत्पादन करने के साथ ही अतिरिक्त प्राकृतिक एलकोहाॅल और फार्मा ग्रेड एथनाॅल उत्पादन का प्लांट भी लगाया जायेगा।

माइक्रो ब्रिवरी का प्लान किया तैयार, स्थापित हुआ होम बार

मुजफ्फरनगर। जिला आबकारी अधिकारी के पद पर लंबे समय तक मुजफ्फरनगर में कार्यक्षमता को प्रदर्शित करने वाले उदय प्रकाश ने राजस्व प्राप्ति का कोई भी अवसर नहीं छोड़ा। जिस तरह से सरकार ने नियमों और नीति को सरल बनाया तो उसी प्रकार मुजफ्फरनगर से सरकार के लिए रास्जव वसूली के रास्तों को भी उदय प्रकाश सुलभ बनाते चले गये। उदय प्रकाश ने अपने कार्यकाल में मुजफ्फरनगर में माइक्रो ब्रिवरी की स्थापना को पूरा प्लान तैयार किया, जिस पर तेजी से कार्य चल रहा है और यह जल्द ही बनकर तैयार होने की संभावना है। इसके साथ ही उनके द्वारा जनपद में पांच रेस्टोरेंट, एक होटल बार और एक होम बार के लिए भी लाइसेंस जारी करते हुए राजस्व प्राप्त किया गया। साल 2020 में सरकार ने यह नीति लागू की तो जिले में इस पर तेजी से काम किया गया और नमस्ते द्वार दिल्ली देहराूदन हाईवे गाम हुसैनपुर बोपाडा, मून शाहन कैफे एण्ड बार नवीन मण्डी शाहपुर, नाईन इलेवन बार एण्ड रेस्टोरेंट साउथ सिविल लाइन, देवराना रेस्टोरेंट दिल्ली देहरादून हाईवे ग्राम अकबरपुर मन्सूरपुर, प्लासा होटल एण्ड रिसोर्ट भोपा रोड के साथ ही अर्पित राजवंशी सुरेन्द्र नगर को होम बार लाइसेंस दिया गया।

उदय प्रकाश के प्रयासों से 196 प्रतिशत बढ़ा आबकारी राजस्व

मुजफ्फरनगर। जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश ने अपने कार्यकाल में मुजफ्फरनगर जनपद को राजस्व देने में मंडल में नम्बर एक पर लाने का काम किया। उनके प्रयासों से इस जिले में बीते चार साल में आबकारी विभाग का राजस्व 196 प्रतिशत बढ़ा। जुलाई 2019 में चार्ज संभालने वाले उदय प्रकाश के पहले वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिले से शासन को 272.39 करोड़ रुपये का राजस्व दिया गया था। जबकि वर्ष 2022-23 मं 536.26 करोड़ रुपये शासन को राजस्व के रूप में इस जिले से मिले। वर्ष 2018-19 के सापेक्ष 263.87 करोड़ रुपये अधिक राजस्व सरकार को मिला, जोकि 196.87 प्रतिशत ज्यादा रहा। उदय प्रकाश के समय में वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनपद मुजफ्फरनगर आबकारी विभाग को राजस्व देने में सहारनपुर मण्डल में प्रथम स्थान पर रहा।

इसके साथ ही अवैध शराब और तस्करी रोकने के लिए उनके समय में प्रवर्तन विभाग भी पूरी तरह से सक्रिय रहा। पुलिस और प्रशासन के सहयोग से आबकारी विभाग के प्रवर्तन दल के द्वारा साल 2019 से उनके कार्यकाल तक जिले में 23196 छापे मारे गये। इनमं 3134 मामलों के तहत विभाग ने 2.54 लाख बल्क लीटर अवैध शराब पकड़ी। अवैध मदिरा की तस्करी में लिप्त 26 वाहनों को जब्त किया गया और 860 लोगों को गिरफ्तार करते हुए इनमें से 104 अभियुक्तों को जेल भेजा गया। अवैध शराब का कारोबार करने वाले 24 अपराधियों के विरु( पुलिस और प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए गैंगस्टर, 89 अपराधियों के विरु( गुण्डा और 27 अपराधियों के खिलाफ एचएस एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही की गयी। उदय प्रकाश के प्रयासों से ऐसे तीन अपराधियों के खिलाफ एक करोड़ 27 लाख 40 हजार रुपये की अवैध सम्पत्ति को गैंगस्टर के तहत जब्त किया गया। इतना ही नहीं उदय प्रकाश ने विभाग के बकाया वसूली के प्रकरणों को भी निपटाने का काम कर शासन से प्रशंसा पाई, उनके द्वारा साल 1976-77 से लम्बित चले आ रहे आबकारी बकाया वसूली के प्रकरणों में व्यक्तिगत प्रयास करते हुए तीन प्रकरणों में 53 लाख रुपये की वसूली कराई गयी। अवैध मदिरा की तस्करी में जब्त 181 वाहनों की नीलामी कराकर 19.21 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त किया गया।

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