रामपुर कारतूस कांडः 24 दोषियों को दस-दस साल की कैद, नक्सलियों को बेचते थे कारतूस-हथियार
रामपुर। मालखाने से कारतूस व हथियार चोरी कर नक्सिलियों को पहुंचाने के आरोप में आज सभी 24 दोषियों को कोर्ट ने कठोर सजा सुनाई, जिसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया। इन्हीं हथियारों से नक्सिलियों ने 76 जवानों को मारा था। सभी दोषी सीआरपीएफ व पीएसी के जवान है। जानकारी के अनुसार कारतूस कांड के सभी 24 दोषियों को शु्क्रवार दोपहर बाद पुलिसकर्मी जेल से कोर्ट लेकर पहुंचे। इसके बाद उन्हें सजा सुनाई गई। सभी दोषियों को सजा के साथ दस-दस हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके बाद उन्हें सीधे जेल भेज दिया गया। रामपुर के चर्चित कारतूस कांड की 13 साल की सुनवाई और नौ गवाहों की गवाही के बाद आखिरकार 24 दोषियों को दस-दस साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि सभी आरोपियों पर सजा समान रूप से चलेगी। सीआरपीएफ हवलदार विनोद कुमार और वीनेश कुमार को आर्म्स एक्ट में सात सात-साल की सजा और दस-दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार दोपहर बाद सभी को जेल से कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें सजा सुनाई गई। उन पर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने, चोरी की संपत्ति को कब्जे में रखने, आपराधिक षड्यंत्र रचने के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत केस चला। एसटीएफ को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के बाद खुफिया जानकारी मिली थी कि हमले में इस्तेमाल की गईं कारतूस रामपुर से भेजी गई थी। सूचना के आधार पर एसटीएफ लखनऊ की टीम ने रामपुर में 29 अप्रैल 2010 को छापेमारी की थी। एसटीएफ ने राम रहीम पुल के पास से प्रयागराज निवासी पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन, सीआरपीएफ के हवलदार विनोद कुमार व विनेश को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 1.75 लाख की नकदी, खोखा, कारतूस व हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इसी दिन मुरादाबाद से पीटीसी में तैनात नाथीराम सैनी को भी गिरफ्तार किया था।