डीएम उमेश मिश्रा और सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया के निर्देश पर चला विशेष अभियान, मौके पर नहीं मिले वैध अभिलेख
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में अवैध चिकित्सा व्यवसाय पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को खतौली क्षेत्र के ग्राम मंसूरपुर में स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी अभियान चलाकर दो ऐसे क्लिनिक और नर्सिंग होम सील कर दिए, जो बिना किसी पंजीकरण, योग्यता और मानक के संचालित हो रहे थे। जांच के दौरान संचालक कोई भी दस्तावेज या संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहे, जिसके बाद टीम ने कड़ी कार्रवाई करते हुए स्थल को सील कर दिया।
मुजफ्फरनगर जिले में अवैध स्वास्थ्य सेवाओं के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। बुधवार को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपालन में खतौली ब्लॉक स्तर पर विशेष निरीक्षण अभियान चलाया गया। अभियान का नेतृत्व ब्लॉक प्रभारी चिकित्साधिकारी खतौली डॉ. अवनीश कुमार सिंह ने किया। वे अपनी टीम के साथ खतौली ग्रामीण क्षेत्र के ग्राम मंसूरपुर पहुँचे। यहाँ दो क्लिनिक/नर्सिंग होम के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि वे बिना किसी वैध अनुमति और प्रशिक्षित चिकित्सा स्टाफ के संचालित हो रहे हैं।
स्थल पर पहुँचकर टीम ने दोनों संस्थानों की गहन जांच की। पूछताछ के दौरान संचालकों से पंजीकरण प्रमाण पत्र, चिकित्सकीय योग्यता, स्टाफ की शैक्षिक डिग्रियाँ और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया, परंतुकृ कोई भी वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। क्लिनिक संचालित करने वाले व्यक्तियों के पास किसी प्रकार की चिकित्सकीय योग्यता के अभिलेख मौजूद नहीं थे। इसके साथ ही मौके पर पहुंची टीम के सवालों के जवाब में भी संचालक कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके। परिसर में मरीजों से संबंधित रिकॉर्ड और प्रिस्क्रिप्शन रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं मिले।
ब्लॉक प्रभारी डॉ. अवनीश ने बताया कि यह स्थिति स्पष्ट रूप से अवैध चिकित्सा संचालन को दर्शाती थी, जो मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन दोनों के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। इन अनियमितताओं को देखते हुए ब्लॉक प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सिंह ने मौके पर ही दोनों अपंजीकृत क्लिनिकों को सील करने का आदेश दिया। कार्रवाई के बाद संस्थान संचालकों को नियमित कार्रवाई हेतु नोटिस भी जारी किया गया है, जिसमें उनसे स्पष्ट किया गया है कि अवैध चिकित्सा संचालन दंडनीय अपराध है। अधिकारियों के अनुसार, नोटिस का जवाब निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत न करने पर आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जांच टीम ने बताया कि जिले में बढ़ते अवैध क्लिनिकों के कारण आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे प्रशासन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। विभाग का कहना है किकृजो भी लोग बिना पंजीकरण और योग्यता के स्वास्थ्य सेवाएँ दे रहे हैं, उनके विरुद्ध इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी, ताकि मरीजों को सुरक्षित और मानक के अनुरूप उपचार मिल सके। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। लोगों का कहना है कि ऐसे अवैध केंद्र लंबे समय से बिना किसी जांच के चल रहे थे, जहाँ मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल रहा था। कुछ ग्रामीणों ने टीम को अन्य संदिग्ध स्थानों की जानकारी भी दी, जिस पर अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया।






