मुजफ्फरनगर में महाराणा प्रताप की मूर्ति को लेकर जबरदस्त हंगामा
महाराणा प्रताप की प्रतिमा के स्मारक को लेकर नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की बुधवार को हुई बोर्ड मीटिंग में हंगामा हुआ। शहर की ईदगाह के सामने स्मारक बनाने के प्रस्ताव का हुआ विरोध, वोटिंग के आधार पर प्रस्ताव पारित कराया गया। राजपूत महासभा की मांग पर भाजपाई खेमे ने लगाई मुहर, निर्दलीय सदस्य भी रहे साथ। प्रतिमा स्मारक के पक्ष में 26 सभासदों ने दिया समर्थन।

मुजफ्फरनगर। भाजपाई चेयरपर्सन के रूप में अंजू अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई पहली बोर्ड मीटिंग पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गयी। इस मीटिंग में रखे गये 29 प्रस्तावों के एजेंडे में 28 प्रस्ताव पर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को पूरे बोर्ड का समर्थन मिला, लेकिन ईदगाह के सामने महाराणा प्रताप की प्रतिमा का स्मारक बनाने के प्रस्ताव को लेकर मीटिंग में जोरदार हंगामा हुआ। भाजपाई खेमे के सभासदों ने राजपूत महासभा की मांग पर लाये गये इस प्रस्ताव को लेकर भरपूर समर्थन किया, वहीं भारी विरोध की स्थिति बनने के बाद वोटिंग के आधार पर इस प्रस्ताव को पारित कराया गया। इसके विरोध में खड़े 17 सभासदों के मुकाबले 26 सदस्यों ने वोट देकर समर्थन किया। इससे मुस्लिम सभासदों के गुट में गहरी नाराजगी बनी नजर आयी। वहीं राजपूत महासभा ने इस प्रस्ताव के पारित होने पर टाउन हाल में मिठाई बांटकर खुशी जताई और चेयरपर्सन का भी आभार व्यक्त किया।
नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग का आगाज तय समय से 20 मिनट देरी के साथ 11.20 बजे हुआ। चेयरपर्सन की अध्यक्षता में ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी ने सदन में एजेंडा प्रस्तुत किया। प्रस्ताव संख्या 337 में गत कार्यवाही की पुष्टि से 366 तक कुल 29 प्रस्ताव एजेंडे में शामिल किये गये। इसमें गत कार्यवाही की पुष्टि के दौरान सभासद विपुल भटनागर ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पूर्व की बोर्ड मीटिंग में तय होने के बाद भी गत कार्यवाही रिपोर्ट सभासदों को नहीं भेजी गयी है। उन्होंने दोषी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्यवाही की मांग की। इसके बाद शहर के विकास के लिए एजेंडे में शामिल सभी प्रस्तावों पर पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों के द्वारा अपनी सहमति व्यक्त की गयी। बोर्ड मीटिंग में एजेंड के प्रस्ताव संख्या 354 शामली रोड पर पुलिस चौकी के सामने स्थित तिराहे पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सदन में स्वीकृति के लिए रखा गया था। इस प्रस्ताव पर सभासद पूनम शर्मा के नेतृत्व में मुस्लिम व अन्य निर्दलीय सभासदों ने विरोध दर्ज कराया।
पूनम शर्मा ने कहा कि शासनादेश के अनुसार यह कार्य नहीं कराया जा सकता है। जबकि मुस्लिम सभासद अब्दुल सत्तार, नदीम खां, गय्यूर का कहना था कि महाराणा प्रताप का देश के स्वाभिमान और रक्षा के लिए बहुत बड़ा योगदान है। शामली रोड पर ईदगाह के सामने जो तिराहा उनके स्मारक के लिए चुना गया है, वह उनके योगदान को देखते हुए पर्याप्त नहीं है, शहर में किसी दूसरे बड़े स्थान पर उनका भव्य स्मारक बनाया जाना चाहिए, इसके साथ ही इन सभासदों ने यह भी मांग रखी कि यदि शामली रोड पर मूर्ति ही लगानी है तो देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की लगाई जाये, लेकिन भाजपाई खेमे के एकजुट सभासदों ने इस प्रस्ताव का विरोध कर रही पूनम शर्मा व अन्य सभासदों की इस बात को नकारते हुए शामली रोड पर ही स्मारक बनाने का प्रस्ताव पारित कराने की जिद पकड़े रखी।
यहां भाजपा नामित सभासद सुषमा पुंडीर और पूनम शर्मा के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। करीब 35 मिनट तक इस एक प्रस्ताव पर हंगामा चलता रहा। पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने चेयरपर्सन की डायस पर आकर भारी विरोध दर्ज कराया। बाद में चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के आदेश पर ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी ने वोटिंग कराई। इस प्रस्ताव के पक्ष में 26 सभासदों ने अपना वोट दिया तो वहीं विपक्ष के 17 सभासदों ने विरोध दर्ज कराया। बहुमत के आधार पर इस विवादित प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। इसमें अब पालिका प्रशासन द्वारा महाराणा प्रताप का स्मारक बनाने के लिए राज्य सरकार से जल्द ही फंड स्वीकृत किये जाने की मांग करते हुए पत्राचार करने की बात कही गयी है।
बोर्ड मीटिंग पूर्ण होने के बाद टाउनहाल में राजपूत महासभा के लोगों ने जश्न मनाया। महासभा के अध्यक्ष प्रमोद कुमार पुंडीर ने अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभासदों के साथ इस खुशी को मिठाई वितरित करते हुए बांटा। इसके अलावा शहर के विकास के लिए नगरीय क्षेत्र में पालिका की की भूमि पर दुकानों का निर्माण कराने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। इसमें सभासद अरविन्द धनगर के प्रस्ताव पर जिला अस्पताल के पास दक्षिण हिस्से में कवर्ड नाले पर छोटी दुकानों का प्रस्ताव पारित हुआ। शहर में सात स्थानों पर पालिका अपनी मार्किट बनाकर रोजगार के अवसर देने का काम करेगी। वहीं शहर के सभी पार्कों का सौन्दर्यकरण कराने के लिए लिए भी बोर्ड मीटिंग में सर्वसम्मति बनी नजर आई। वर्तमान में शहर के कमला नेहरू वाटिका, अम्बा विहार-1, सदभावना पार्क जाट कालौनी, झांसी की रानी, द्वारकापुरी, पटेलनगर नई मण्डी और गांधी पार्क गांधी कालौनी पार्कों के सौन्दर्यकरण का कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरक्त शेष 20 पार्कों का भी सौन्दर्यकरण कराया जायेगा। इसके लिए सदन ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
पाकिस्तान को लेकर टिप्पणी-खूब लगे जय श्रीराम के नारे
मुजफ्फरनगर। महाराणा प्रताप के शहर में प्रस्तावित स्मारक को लेकर बोर्ड मीटिंग में पक्ष विपक्ष के बीच जमकर खींचतान हुई। मुस्लिम सभासदों द्वारा ईदगाह के सामने ही मूर्ति लगाने के इस कार्य का विरोध करने के दौरान भाजपा सभासद अमित बाॅबी द्वारा की गयी टिप्पणी ने तनाव पैदा कर दिया और सभासद गय्यूर को उन्होंने पाकिस्तान जाने के लिए कहा तो मामला गरम हो गया। मुस्लिम सभासदों ने इस टिप्पणी का विरोध करते हुए हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू किये तो वहीं भाजपा सभासदों ने जय श्रीराम, भारत माता की जय और योगी आदित्यनाथ जिन्दाबाद के नारे लगाये। कुल मिलाकर यह प्रस्ताव पूरी तरह से गरमाहट भरा रहा।
मीनाक्षी चौक का नाम वीर अब्दुल हमीद करने की मांग
मुजफ्फरनगर। भाजपा सभासदों के द्वारा शहर में महाराणा प्रताप स्मारक का प्रस्ताव पारित कराया गया तो वहीं मुस्लिम सभासदों ने मीनाक्षी चौक का नाम शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम पर करने की मांग का प्रस्ताव चेयरपर्सन को दिया। सभासद गुलशन पत्नी अन्नू कुरैशी, रिहाना पत्नी नौशाद, अब्दुल सत्तार, गय्यूर, सरफराज आदि द्वारा दिये गये प्रस्ताव में पाकिस्तान के विरु( 1965 की जंग में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद के नाम पर मीनाक्षी चौक का नामकरण करने की मांग की। सभासदों ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद ऐसे साहसी सैनिक थे, जिन्होंने अकेले ही पाकिस्तान की सेना और टैंक बटालियन के छक्के छुड़ा दिये थे। मरणोपरांत उनको सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से अलंकृत किया गया। ऐसे में ऐसे शहीद के सम्मान में शहर के मीनाक्षी चौक का नामकरण होना चाहिए।