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मुजफ्फरनगर से इस बार भी भाजपा होगी सशक्तः विजय शुक्ला

मुजफ्फरनगर जनपद की जनता ने 2014 से 2019 तक हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। खुद गृह मंत्री अमित शाह खुलेमन से यह स्वीकार कर गये कि मुजफ्फरनगर से निकलने वाला सियासी संदेश काशी तक असर रखता है और ये वही जिला है, जहां से भाजपा की प्रचंड जीत की नींव रखी गयी है। अब ऐसे में 2022 में भाजपा की यह नींव पक्की करने में जुटे हैं जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला।

मुजफ्फरनगर से इस बार भी भाजपा होगी सशक्तः विजय शुक्ला
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मुजफ्फरनगर। वेस्ट यूपी में 10 फरवरी को 58 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झौंक दी है। 2017 के प्रदर्शन को कायम रखने के लिए अमित शाह वेस्ट से बेस्ट रिजल्ट निकालने के लिए डेरा डाल चुके हैं। ऐसे में उनका यह कहना, 'मुजफ्फरनगर ने भाजपा के प्रचंड विजय की नींव रखी' बड़ा महत्व रखने के साथ ही एक गहरा संदेश छिपाये हुए हैं। गृह मंत्री के इस भरोसे को कायम करने के लिए मुजफ्फरनगर में मिशन-2022 में बेस्ट देने के लिए जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला भी कमर कसे नजर आते हैं। उनका भरोसा है कि राष्ट्रवाद के 'लाड़' में भाजपा के 'लड़ाके' बड़ा जनादेश लेकर मुजफ्फरनगर से ही काशी तक भाजपा की विजय पताका का संदेश पहुंचाने का काम करेंगे। इस बार गठबंधन की चुनौती से जूझ रही भाजपा के लिए मुजफ्फरनगर का चुनावी सफर कितना आसान होगा, या फिर 2017 की सफलता को दोहराने के दबाव में भाजपा सियासी डगर से फिसल जायेगी, ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर 'दैनिक नयन जागृति' की डिजीटल मीडिया टीम ने विजय शुक्ला के साथ बातचीत की...!


2017 के मुकाबले 2022 में भारतीय जनता पार्टी अपने काम को लेकर चुनाव मैदान में जनता के सामने है। 2017 में भाजपा ने सपा सरकार को अराजकता का शासन बताकर चुनाव लड़ा था तो आज भाजपा अपने पांच साल के कार्यकाल को सुशासन और कानून का राज बताकर जनता को भयमुक्त वातावरण व विकास देने का दावा कर फिर चुनावी दहलीज पर पहुंची है। 2014 के चुनाव के बाद से ही वेस्ट यूपी में भाजपा एक प्रचंड जनादेश वाली पार्टी बनकर उभरी है। इसमें मुजफ्फरनगर जनपद का योगदान बड़ा महत्वपूर्ण रहा है, इसी की स्वीकारोक्ति स्वयं गृह मंत्री अमित शाह भी मुजफ्फरनगर दौरे पर शनिवार के दिन प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम के बीच करके गये हैं। अमित शाह ने 2014, 2017 और 2019 में भाजपा को मुजफ्फरनगर से मिले बड़े जनादेश का जिक्र किया और भरोसा जताया कि इस बार भी इस जनपद से निकलने वाला जनादेश भाजपा को मजबूत करेगा।

गृह मंत्री अमित शाह के इसी विश्वास को खरा साबित करने के लिए जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला अपने अभियान में जुटे हुए हैं। जनपद में प्रत्येक बूथ पर युवा टोली को मजबूती के साथ खड़ा करने में सफल रहे विजय शुक्ला को भी भरोसा है कि जिले में भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के बल और जनसमर्थन से 2017 की भांति ही विजय पताका फहराने में सफल हो पायेगी। दिसम्बर 2022 में जिला संगठन के मुखिया के तौर पर दूसरा साल पूर्ण करने वाले विजय शुक्ला ने संगठन में रहकर हर चुनौती को दृढ़ता और निडरता के साथ स्वीकार करने का काम किया है। वह संगठन में कार्यकर्ताओं के मान सम्मान से समझौता करते हुए नजर नहीं आये। वह एक जेबी जिलाध्यक्ष की परम्परा को भी खत्म करने वाले साबित हुए हैं। पंचायत चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने के मिशन को सफलता के साथ पूर्ण करने वाले विजय शुक्ला आज विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की बड़ी जीत का दावा करते हुए जोश से पूरी तरह से लबरेज नजर आते हैं।


विजय शुक्ला शहर के मोहल्ला आनंदपुरी के निवासी विजय शुक्ला की जिलाध्यक्ष पद पर जिम्मेदारी की शुरुआत भी रोचक रही है। विजय शुक्ला भाजपा के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता हैं और बाल्य काल से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। उनके पिता महावीर शुक्ला संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता और पदाधिकारी रहे। पिता से ही उनके जीवन में राष्ट्रवाद का संस्कार पनपा और वह समाजसेवा में समर्पित हो गये। भाजपा के प्रति शुक्ला परिवार की निष्ठा और विजय शुक्ला के निस्वार्थ कार्य को देखकर ही उन्हें जिले की कमान 6 दिसम्बर 2019 को सौंपी गई। विजय शुक्ला पिछले दो निकाय चुनाव में नगर पालिका मुजफ्फरनगर में चेयरमैन सीट के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। 2019 में जब संगठन के जिलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो विजय शुक्ला भी दावेदार बन गये। इस प्रक्रिया के दौरान जनपद के 35 भाजपाइयों ने अपना दावा पार्टी के नेताओं के सामने पेश किया था। विजय शुक्ला के लिए यह पद पाना आसान नहीं था, लेकिन वह भरोसे पर कायम रहे और पार्टी नेताओं के सामने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। चुनौतियों के बीच भी अडिग रहना उन्होंने अपने पिता से ही सीखा था। महावीर शुक्ला पाबंदी के दौर में संघ की पताका लेकर घोड़े पर अकेले ही शहर में निकल पड़े थे। वहीं जुनून विजय शुक्ला में भी नजर आता है। इससे पहले जनपद में पार्टी ओबीसी वर्ग से जिलाध्यक्ष देती रही। रूपेन्द्र सैनी के बाद सुधीर सैनी को संगठन की कमान सौंपी गई तो ब्राह्मण समाज से भी दावेदारी की आवाज उठने लगी। वैश्य, जाट और पंजाबी समाज के दावेदार भी सामने आ खड़े हुए। पार्टी हाईकमान ने लंबे मंथन के बाद मुजफ्फरनगर के जिलाध्यक्ष की घोषणा की और विजय शुक्ला के नाम का ऐलान हुआ। लखनऊ से विजय शुक्ला जब जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी लेकर जिले में आये तो उनका ऐसा ऐतिहासिक स्वागत हुआ कि सड़कों पर जाम की नौबत आ गयी। गाड़ियों के काफिले के साथ फूलों की बारिश के बीच विजय शुक्ला को कार्यकर्ता शहर में लेकर पहुंचे। इस उत्साह का कारण यह भी था कि एक आम कार्यकर्ता को संगठन में सिरमौर बनाया गया था। विजय शुक्ला इससे पहले महामंत्री सहित संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का अनुभव रख चुके थे।

जिलाध्यक्ष बनने के बाद विजय शुक्ला ने संगठन में समर्पित और पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह दी। कुछ फैसलों को लेकर उनका विरोध करते हुए शोर शराबा किया गया, लेकिन शुक्ला अपने फैसलों पर अडिग रहे। हाईकमान को वह यह बताने से भी नहीं चूके कि गलत कौन है। कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए वह सड़क पर खड़े नजर आये। समर्पित हरे और कार्यकर्ता की आवाज को ताकत देने का काम किया। संगठन की मजबूती की बात आई तो बूथों पर युवा टीम खड़ी कर संगठन का विश्वास जीता। हर चुनौती को स्वीकार किया और मधुर मुस्कान के साथ ईश्वर का नाम लेकर सियासी अखाड़े में पार्टी को वैतरणी पार कराने में जुटे रहे। जनपद में पंचायत चुनाव आये तो विजय शुक्ला ने एक बेहतर मैनेजमेंट देने के अपने कौशल को साबित किया। पंचायत चुनाव में जनपद में भाजपा ही भाजपा का शोर सुनाई दिया। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भाजपा के सर्वाधिक समर्थित प्रत्याशी जीते और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में डा. वीरपाल निर्वाल की जीत और ताजपोशी के पीछे विजय शुक्ला का संघर्ष कोई नहीं भुला पायेगा। जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव में वीरपाल निर्वाल के खिलाफ मतगणना में गडबडी हुई तो जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ही थे, जो निर्वाल के साथ इस अन्याय के खिलाफ धरने पर बैठे और दोबरा मतगणना कराई गई।

अब पंचायत चुनाव से विजय पताका फहराने के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव 2022 में फिर से जनता के सहारे सियासी जंग का मैदान मारने के प्रयास में है। मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों के साथ राष्ट्रवाद की भावना और जनहित में कल्याण कारी योजनाओं के प्रचार के सहारे भाजपा माहौल बना रही है। ऐसे में जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला का पूरा फोकस जनपद की सभी 6 सीटों पर कमल खिलाने के लिए माहौल बनाने पर है। वह संगठन की कमान संभालकर मजबूत टीम जुटा रहे हैं तो वहीं प्रत्याशियों के लिए उनका प्रचार भी जारी है। विधानसभा चुनाव में गठबंधन से सीधी लड़ाई के सवाल पर वह कहते हैं कि गठबंधन पहले भी हुए हैं, लेकिन राष्ट्रवाद के लाड़ में जनता ने भाजपा के लड़ाकों को ही अपना प्यार देकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता सौंपने का काम किया है। 2022 में हम सुशासन के नाम पर जनता के बीच जा रहे हैं और पूरा विश्वास है कि स्वार्थ की लाल पोटली वाले इस गठबंधन की गांठ को जनता दरकिनार करते हुए भाजपा को स्वीकार करेगी। हम इस बार भी जिले में सभी जगह विपक्ष का सूपडा साफ करेंगे।

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