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चेयरपर्सन अंजू ने लापरवाह अफसरों को दी चेतावनी

बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित होने के बावजूद भी पालिका के स्वामित्व वाली निष्प्रयोजित सामग्री का नीलाम नहीं कराने पर जताई नाराजगी। 4 दिनों में नीलामी कार्यवाही ना किये जाने पर अफसरों-कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन, पहले भी लगाई गई थी वेतन पर रोक।

चेयरपर्सन अंजू ने लापरवाह अफसरों को दी चेतावनी
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में पालिक की आय बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण प्रकरणों के निस्तारण में ही पालिका के अफसर और कर्मचारी लापरवाही की हद पार कर रहे हैं। बोर्ड मीटिंग में पारित प्रस्तावों के कार्यान्वयन में भी पालिका अफसर गंभीर नहीं बने हुए हैं। ऐसा ही एक मामला पालिका के स्वामित्व वाली निष्प्रयोज्य सामग्री और उपकरण की नीलामी का भी है। इसमें करीब तीन माह बाद भी बोर्ड प्रस्ताव पर अहल नहीं होेने पर चेयरपर्सन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए लापरवाह अफसर और पालिका कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर चेतावनी जारी की है। इस मामले में इनको 4 दिन का समय दिया गया है। आदेश का पालन नहीं होेने पर इनका वेतन रोकने के साथ अन्य कार्यवाही की जायेगी।

नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल लगातार पालिका की आय में बढोत्तरी को लेकर चिंतित रही हैं, लेकिन उनके प्रयासों को पालिका के ही कुछ अफसर और कर्मचारी अपनी लापरवाही के कारण पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं। पालिका की आय बढ़ाने के लिए 27 जुलाई को आयोजित हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव संख्या 334 ;3द्ध के अन्तर्गत पालिका के स्वामित्व वाली निष्प्रयोज्य सामग्री और उपकरणों की नीलामी कराये जाने की मंजूरी दी गयी थी। इसके बाद चेयरपर्सन ने इस सामग्री को नियमानुसार नीलाम कराने के लिए सूचीब( करते हुए तथा सूची विभागाध्यक्ष से भौतिक सत्यापन के आधार पर प्रमाणित करते हुए कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये थे। इसके लिए सहायक अभियंता निर्माण की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था, परन्तु चेयरपर्सन के इन आदेशों का कोई अनुपालन विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और पटल सहायकों द्वारा सुनिश्चित नहीं किया गया।

इस लापरवाही को गंभीरता से लकर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने 06 सितम्बर 2020 के द्वारा आदेश जारी करते हुए बोर्ड के पारित प्रस्ताव पर उनके आदेशों का परिचालन ना करने के कारण सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा था। बताया गया कि इसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों ने यथाशीघ्र नियमानुसार कार्य करने का लिखित में भरोसा दिया था, इस पर उनके वेतन आहरण पर लगायी गयी रोक को समाप्त कर दिया गया था, परन्तु कोई भी कार्यवाही फिर भी नहीं की गयी है। इसको लेकर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने 20 अक्टूबर को चेतावनी आदेश जारी करते हुए कड़ी नाराजगी जतायी है। इसमें उन्होंने कहा कि सहायक अभियंता निर्माण ने निष्प्रयोजित उपकरण व सामग्री की नीलामी समिति की 30 सितम्बर को बैठक करने की जानकारी दी, इसके लिए जब 3 अक्टूबर को चेयरपर्सन ने पत्र जारी कर प्रगति आख्या दो दिवसों के भीतर मांगी और विलम्ब का कारण पूछा तो परन्तु कोई जानकारी नहीं दी गई।

चेयरपर्सन ने अपने आदेश में कहा कि यह आचरण बोर्ड एवं उनके आदेशों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन हैं, जबकि पुनः कई बार मौखिक रूप से भी सम्बन्धित विभागाध्यक्षों के साथ- साथ सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर नियामानुसार निष्प्रयोज्य सामग्री तथा उपकरण की नीलामी कराये जाने के निर्देश दिये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के कारा उनके आदेश बेमाने साबित हो रहे हैं और अधिकारी व कर्मचारी उनको लगातार गुमराह कर रहे हैं। लगभग 03 माह का समय व्यतीत होने के बाद औपचारिकता भी पूर्ण नहीं की गयी हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता हैं कि गठित समिति तथा सम्बन्धित विभागाध्यक्ष, पटल सहायक बोर्ड के राजस्व हितों से जुड़े हुए महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण करने के इच्छुक नहीं हैं।

इस पर नाराज चेयरपर्सन ने सहायक अभियंता निर्माण और कमेटी के सदस्यों को अंतिम चेतावनवी जारी करते हुए आदेश दिये हैं कि आगामी 04 कार्यदिवसों में बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुपालन में गठित समिति एंव सम्बन्धित पटल सहायक द्वारा निष्प्रयोज्य सामग्री तथा उपकरणों को भौतिक सत्यापन के आधार पर सूचीब( करते हुए नीलामी की कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती है तो इनको माह अक्टूबर, 2020 का वेतन आहरित नहीं किया जायेगा। चेयरपर्सन ने वेतन आहरण पर रोक लगाये जाने के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने और अन्यत्र विभागों से पालिका में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ इसी प्रकार की कार्यवाही करने हेतु उनके विभाग के साथ सक्षम स्तर पर भी संस्तुति करने की चेतावनी दी है। चेयरपर्सन ने आदेश दिये हैं कि नीलामी की कार्यवाही पूर्ण कराते हुए 11 नवम्बर 2020 को प्रातः 11.00 बजे आहूत होने वाली बोर्ड बैठक के एजेन्डा में भी यह प्रस्ताव बोर्ड की स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जाये।

एटूजेड प्लांट में कूड़ा हो गये लाखों के वाहन

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की काफी सम्पत्ति खुर्दबुर्द हो रही है। इसी सम्पत्ति से आय बढ़ाने के लिए तीन माह पूर्व बोर्ड ने नीलामी का प्रस्ताव पारित किया था। किदवईनगर एटूजेड प्लांट बन्द होने के कारण वहां पर पालिका के लाखों रुपये कीमत के वाहन खड़े-खड़े कूड़ा हो गये हैं। इसके साथ ही टाउनहाल परिसर में भी पालिका के काफी वाहन और अन्य सामग्री सड़-गल रही है। इसकी नीलामी हो जाने से पालिका को अच्छी खासी रकम प्राप्त हो सकती है, लेकिन तीन माह बाद भी राजस्व हित से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले में पालिका अफसर और कर्मचारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई है।

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