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एक बाबू को लेकर चेयरपर्सन-ईओ फिर आमने-सामने

भ्रष्टाचार के मामले में एसडीएम जानसठ ने जांच कर की थी कार्यवाही की संस्तुति। निकाय प्रभारी ने मांगी पालिका से सूचना, ईओ ने पल्ला झाड़ा, कहा-चेयरपर्सन लेंगी निर्णय।

एक बाबू को लेकर चेयरपर्सन-ईओ फिर आमने-सामने
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में ईओ और चेयरपर्सन के बीच खींचतान का मामला लगातार जारी है। अब एक बाबू के खिलाफ हुई भ्रष्टाचार की जांच के मामले में कार्यवाही को लेकर दोनों आमने-सामने हैं। जिला प्रशासन द्वारा जब भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पालिका के बाबू के खिलाफ जांच के बाद कार्यवाही को लेकर पालिका प्रशासन से जवाब मांगा तो ईओ ने इस मामले से साफ पल्ला झाड़ते हुए प्रशासन को जवाब लिख दिया है कि इस प्रकरण में बाबू के खिलाफ किसी भी प्रकार से कार्यवाही करने पर चेयरपर्सन ही निर्णय लेंगी।

नगरपालिका परिषद् के लिपिक द्वितीय श्रेणी प्रवीण कुमार पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं। इस मामले में उनके खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर जांच करायी गयी। यह जांच तत्काल एसडीएम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गजल भारद्वाज द्वारा की गयी थी। इसमें उन्होंने नगरपालिका कार्यालय पहुंचकर पत्रावलियों की जांच पड़ताल की और डीएम को अपनी जांच आख्या भेज दी थी। इसके बाद एसडीएम की जांच को लेकर पालिका प्रशासन पर कार्यवाही को लेकर दबाव बना था। सूत्रों के अनुसार इस मामले में एसडीएम जानसठ से भी जांच कराई गयी। उन्होंने भी अपनी आख्या डीएम को भेज दी है। इसमें भी कार्यवाही की संस्तुति की गयी है। इसी को लेकर जिलाधिकारी के निर्देशन में निकाय प्रभारी एसडीएम मुख्यालय अजय कुमार अम्बष्ट ने पालिका प्रशासन ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर लिपिक प्रवीण कुमार पर की गई कार्यवाही के लिए जानकारी मांगी है। इसमें अभी तक कार्यवाही नहीं किये जाने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर नाराजगी भी जताई गई है। सूत्रों के अनुसार अजय कुमार अम्बष्ट ने 17 सितम्बर को पालिका के अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिये हैं। निकाय प्रभारी के पत्र के जवाब में ईओ पालिका विनय त्रिपाठी ने बताया है कि उनके द्वारा लिपिक प्रवीण कुमार के प्रकरण को लेकर फाइल 9 अक्टूबर को चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को भेज दी थी। ईओ का कहना है कि पालिका की नियुक्ति प्राधिकारी चेयरपर्सन ही हैं, इसलिए इस प्रकरण में जो भी कार्यवाही होनी है, उसके लिए चेयरपर्सन को ही निर्णय करना है।

इससे स्पष्ट है कि इस विवादित प्रकरण में ईओ विनय त्रिपाठी द्वारा गेंद चेयरपर्सन के पाले में फेंककर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इससे एक बार फिर ईओ और चेयरपर्सन के बीच की खींचतान बढ़ने की संभावना बन गयी है। इसके साथ ही यह भी साफ है कि लिपिक प्रवीण कुमार के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से वह बचने का प्रयास कर रहे हैं। पालिका सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों के मामले में पालिका के ईओ द्वारा एसडीएम स्तर की जांच के बाद भी एक बार भी संबंधित लिपिक से प्रकरण में आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण तक नहीं लिया गया है। ना ही उनका पक्ष जानने का प्रयास तक किया गया है।

चेयरपर्सन बोलीं-मामला मेरे संज्ञान में नहीं, ईओ अपना पदीय दायित्व निभायें


मुजफ्फरनगर। लिपिक प्रवीण कुमार के मामले में कार्यवाही को लेकर ईओ और चेयरपर्सन की रार फिर सामने आई है। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ईओ ने फाइल मुझको भेजी है तो मैं इसकी पूरी जानकारी लेकर जो भी नियम संगत कार्यवाही होगी करूंगी। उन्होंने कहा कि ईओ को पालिका की आपसी राजनीति में ना पड़कर अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जिम्मेदार अधिकारी होने के बाद भी बचकानी और नासमझी भरे काम कर रहे हैं। त्यौहारों के सीजन में सफाई कर्मचारी संघ के चुनाव की घोषणा कराना उनका अविवेकपूर्ण निर्णय रहा। पालिका के राजस्व की प्राप्ति में बार बार निर्देश के बावजूद भी काम नहीं किया जा रहा है। गृहकर और जलकर के बिल नहीं भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी विवादित मामले आते हैं, उनको मेरी ओर टालने की उनकी आदत हो गयी है।

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